अमरावती

कोरोना योध्दा का अनादर करना उचित नहीं

पूर्व सांसद अनंत गुढे के विचार

अमरावती/दि.25 – कोरोना महामारी ने संपूर्ण विश्व को अपने जाल में ले लिया है. गत डेढ़ वर्षों से कोरोना को नियंत्रण में लाने हेतु संपूर्ण वैद्यकीय कर्मचारी, परीचारिका, पुलिस, महत्वपूर्ण केंद्र और राज्य के अधिकारी कोरोना योध्दा के रुप में मरीजों और जनता की सेवा में कार्यरत हैं. सर्वसामान्य जनता ने, सार्वजनिक जीवन में काम करने वाले कार्यकर्ता, राजनीतिक नेताओं ने ऐसे काम में उनकी मदद की है. लेकिन उन्हें बदनाम करने का प्रयास करना उचित नहीं है, ऐसे विचार पूर्व सांसद अनंत गुढे ने व्यक्ति किये है.
इस महामारी के समय सभी को एक-दूसरे को सहयोग का हाथ देकर महामारी का सामना करने का आवाहन प्रधानमंत्री, नितिन गडकरी, मुख्यमंत्री व्दारा लगातार किया जा रहा है. फिर भी कुछ सामाजिक, राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने कोरोना योध्दा को बदनाम करने का मानो बीडा उठाया है. उन्होंने पत्रक में कहा है कि कोई भी कारण न रहते हुए भी वे किसी भी प्रकार के अधिकृत सबूत न रहते हुए भी प्रसिध्दी की अपेक्षा में कोरोना महामारी के काल में लगातार काम करने वालों को बदनाम करने का जो प्रयास किया जाता है, इसका मैं निषेध करता हूं.
अमरावती जिले के कुछ अधिकारी जैसे जिलाधिकारी शैलेश नवाल, मनपा आयुक्त प्रशांत रोडे, जिला शल्य चिकित्सक श्यामसुंंदर निकम, पुलिस आयुक्त आरती सिंग, डॉ. रवि भूषण ऐसे अनेक कोरोना योध्दा व उनकी टीम रास्ते पर उतरकर काम कर रहे हैं.
सरकार किसी की भी हो, यह टीम जनता की सेवा के लिये लगातार काम कर रही हैं. उनकी कोई भी राजनीतिक पार्टी नहीं होती. अपनी जिम्मेदारी, शासन के आदेश का पालन करना, यही उनका कर्तव्य होता है. उनमें भी रेमडेसिविर की काला बाजारी करने वाले, अच्छे काम पर उंगलियां उठाने वाले रहते ही हैं. लेकिन इसके लिये सभी यंत्रणा को दोष देना उचित नहीं है. ऐसे विचार पूर्व सांसद अनंत गुढे ने व्यक्त किये हैं.

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