राज्य के निजी अस्पतालों में बेड शुल्क की सीमा तय करना संभव नहीं
सरकार ने मुंबई हाईकोर्ट से कहा
मुंबई/दि.९ – राज्य सरकार द्वारा मुंबई हाईकोर्ट को सूचित किया गया है. राज्य के सभी निजी अस्पतालों के बेड के संदर्भ में शुल्क की सीमा तय करना संभव नहीं है. यह राष्ट्रीकरण करने जैसे होगा. राज्य के महा अधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने न्यायाधीश अजमद सैय्यद की खंडपीठ के समक्ष सूचित किया. इस समय उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने निजी अस्पतालों के ८० फीसदी बेड व पीपीई कीट सहित अन्य सामग्रीयों की शुल्क सीमा तय की है. जिसमें ८० फीसदी बेड का शुल्क सरकार द्वारा तय किया गया है. जबकि २० फीसदी बेड का शुल्क अपने तरीके से तय करने की छूट निजी अस्पतालों को दी गई है. महाधिवक्ता कुंभकोणी ने उच्च न्यायालय को बताया कि यदि सरकार सब कुछ नियंत्रित करेगी तो यह अस्पतालों के राष्ट्रीयकरण करने जैसा होगा. मुंबई हाईकोर्ट द्वारा राज्य सरकार से निजी अस्पताल द्वारा की जाने वाली मनमानी वसूली को रोकने के लिए क्या उपाय योजना है यह पूछा गया था. इस पर सरकार की ओर से हाईकोर्ट में महाधिवक्ता कुंभकोणी ने स्पष्टीकरण दिया.