अमरावतीमहाराष्ट्र

शिक्षकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खडे होने की जिम्मेदारी हमारी

संजय गणोरकर का प्रतिपादन

* अभियंता भवन में राज्य शिक्षक संघ का जिलास्तरीय अधिवेशन
अमरावती/दि.17– समय के साथ शिक्षकों की जिम्मेदारी बदल रही है. साथ ही उनका कार्यक्षेत्र भी बदलने लगा है. अब सरकार शिक्षकों को केवल शिक्षा दान के लिए योग्य नहीं मानती. बल्कि उन्हें प्रशासकीय कामकाजों में भी खींचने का प्रयास करती है. जिसके कारण शिक्षा देने के कार्य में शिक्षकों को परेशानी का सामना करना पड रहा है. ऐसे शिक्षकों के साथ कंधे से कंधे मिलाकर खडे होने की जिम्मेदारी हमारी है. राज्य शिक्षक संघ के अधिवेशन द्बारा इस जिम्मेदारी को पूरा कर हमें उनके लिए लडना होगा, ऐसा प्रतिपादन पूर्व शिक्षा सहसंचालक संजय गणोरकर ने व्यक्त किया.
स्थानीय शेगांव नाका स्थित अभियंता भवन में रविवार को राज्य शिक्षक संघ के जिलास्तरीय अधिवेशन का आयोजन किया गया था. इस अवसर पर वे उद्घाटक के तौर पर बोल रहे थे. अधिवेशन की अध्यक्षता राज्य शिक्षक संघ के मार्गदर्शक संजय खोडके ने की. इस समय सत्कारमूर्ति विधायक सुलभा खोडके, नूटा जिलाध्यक्ष महेन्द्र मेटे, विजुक्टा के विभागीय मार्गदर्शक अरविंद मंगले, उर्दू टीचर असोसिएशन अध्यक्ष गाजी जहरोश, विदर्भ अध्यापक संगठक सचिव सुरेश कडू, अध्यक्ष प्रवीण दिवे, मेष्टा अध्यक्ष संदीप गावंडेे, अनिल आसोलकर, अध्यक्ष दिलीप कडू, महासचिव भोजराज काले, उर्दू शिक्षक संघ अध्यक्ष वजाहत अली गाजी, मुख्याध्यापक संगठन अध्यक्ष रविन्द्र कोकाटे, ललित चौधरी उपस्थित थे.
कार्यक्रम अध्यक्ष व राज्य शिक्षक संघ के मार्गदर्शक संजय खोडके ने कहा कि संगठन का कार्य सराहनीय है. अब सभी पदाधिकारियों को अपने हक के लिए लडना होगा. इसके लिए हमे एकजुट होकर कार्य करना है. आगामी समय में यह संगठन उच्च स्तर पर होगा. इसमें कोई शक नहीं. कार्यक्रम की प्रस्तावना अध्यक्ष अनिल भारसाकले ने रखी. अधिवेशन में प्रा. महेन्द्र मेटे ने पदभर्ती अभाव से रिक्त पद व उससे होनेवाली परेशानियों पर प्रकाश डाला. उपस्थित मान्यवरों ने भी अपने विचार व्यक्त किए.
अधिवेशन के दौरान विधायक सुलभा खोडके का मान्यवरों के हस्ते सत्कार किया गया. अधिवेशन में तीन प्रस्ताव पारित किए गये जिसमें सभी शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना लागू करें, पदभर्ती पर लगी पाबंदी हटाई जाए. 24 साल की सेवा पूर्ण कर चुके शिक्षकों को चयन श्रेणी लागू करें. 10,20, 30 की कालबध्द पदोन्नति का लाभ दें. इन प्रस्ताव पर विस्तार के साथ चर्चा की गई. कार्यक्रम का संचालन मंजू आडवानी, सचिव श्रीकांत लाजुरकर, गोपाल डालफे ने किया व आभार प्रवीण नानोटे ने माना.
कार्यक्रम को सफल बनाने अध्यक्ष अनिल भारसाकले, कार्याध्यक्ष रविंद्र हगवणे, सचिव श्रीकांत लाजुरकर, महानगर अध्यक्ष नंदकिशोर नवले, कार्याध्यक्ष संदीप अंबाडकर, सचिव प्रदीप नानोटे, जीतेन्द्र घारड, विलास रोडे, प्रा. रमेश काले, प्रा. जयंत इंगोले, नितिन चवाल, अविनाश कडू, दादाराव टवलारे, दिलीप शिरभाते, मधुकर रोडे, प्रकाश घाटे, ललित चौधरी, राजेश हुतके, किशोर देशमुख, ज्ञानेश्वर टाले, निशा गोसावी, श्रीकांत कडू, विलास घोगरे, रविन्द्र उमप, प्रिया कडू, विनोद पाचडे, रविन्द्र भटकर, अतुल पडोले, सुनील डहाके, दीपक पुरी, भारत शहारे, विजय ठाकरे, उमेश राउत, योगेश गायकवाड, वैशाली अंधुरे, अर्चना टापरे, सुरेखा भागवत, द्रोपदी ढगे, आर. डी. परिहार, तेजल मेहता, अंजली बगडाई, नंदकिशोर खडसे, विलास भापकर, रवि गोले, नीलेश देशमुख, नितिन चौधरी, विशाल भोयर, अभय बोंडे, स्वप्निल देशमुख, वीरेंद्र देशमुख, रामेश्वर चरपे, प्रवीण कानफाडे, विनोद तिरमारे, अमोल संभे, राजेश जाधव, पवन राठी, गणेश वायभाय, संजय गायधने, हर्षद शेख, धनराज पुनसे, प्रसाद देशमुख, आशीष देशमुख, ए.पी. जाधव, उमेश रहाटे, मंजू अडवानी, छाया इंगले, प्रणाली नवरे, अर्चना चौधरी ने अथक प्रयास किए.

Back to top button