अमरावती

पालकमंत्री के इस्तीफे की मांग करना हास्यास्पद

विभिन्न नेताओं ने दी अपनी प्रतिक्रिया

  • पालकमंत्री के प्रयासों से ही हालात नियंत्रित होने की बात कही

अमरावती/दि.16 – विगत शुक्रवार व शनिवार को अमरावती शहर में हुई हिंसा, तोडफोड व आगजनी की घटनाओं को लेकर कुछ लोग जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिये जाने की मांग कर रहे है. जिसे पूरी तरह से हास्यास्पद बताते हुए शहर के कई नेताओं ने कहा कि, पालकमंत्री यशोमति ठाकुर द्वारा किये गये प्रयासों की वजह से ही शहर में हालात नियंत्रित हुए हैं.
इस संदर्भ में यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ती में कांग्रेस के जिलाध्यक्ष बबलू देशमुख, विधायक बलवंत वानखडे, पूर्व मंत्री सुनील देशमुख, पूर्व विधायक वीरेंद्र जगताप, कांग्रेस के शहराध्यक्ष बबलू शेखावत, राकांपा के जिलाध्यक्ष सुनील वर्‍हाडे, शिवसेना के जिला प्रमुख दिनेश बूब, मनपा पार्षद मिलींद चिमोटे तथा जिला बैंक के संचालक हरिभाउ मोहोड द्वारा कहा गया है कि, जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर लगातार दो-तीन दिनों से शहर सहित जिले में शांति बनाये रखने हेतु अथक प्रयास कर रही है और उन्होंने प्रशासन की सहायता से हालात को पूरी तरह से नियंत्रित किया. किंतु कुछ नौटंकीबाज नेता वीडियो कॉल के जरिये पालकमंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे है, जो पूरी तरह से हास्यास्पद है. इस पत्रक में यह भी कहा गया कि, विगत दो दिनों से जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने स्थानीय विधायक सुलभा खोडके के साथ मिलकर शहर के सभी संवेदनशिल इलाकों का दौरा किया. साथ ही दो दिनों तक लगातार जिलाधीश कार्यालय में बैठकर सभी संबंधित महकमों को आवश्यक दिशानिर्देश भी जारी किये. उनके द्वारा अपनायी गई सामंजस्यपूर्ण भूमिका की वजह से ही महज कुछ घंटों के भीतर शहर में हालात पूरी तरह से नियंत्रित हो गये. अत: जो लोग अपने घर पर बैठकर वीडियो क्लिक के जरिये पालकमंत्री के इस्तीफे की मांग उठा रहे है, उन पर केवल हंसा जा सकता है.
इस प्रेस विज्ञप्ती में यह भी कहा गया कि, भाजपा नेताओं द्वारा दिये गये गैर जिम्मेदाराना वक्तव्यों की वजह से एक छोटीसी घटना ने जातीय तनाव व धार्मिक हिंसाचार का रूप ले लिया. जिसके बारे में पता चलते ही जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर शुक्रवार 12 नवंबर को मुंबई से तुरंत अमरावती पहुंची और सीधे जिला प्रशासन के साथ सतत संपर्क रखते हुए हालात का जायजा लिया. साथ ही दूसरे दिन शनिवार 13 नवंबर को अपने सभी नियोजीत कार्यक्रम रद्द करते हुए पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने सुबह 7.30 बजे खुद पुलिस प्रशासन के साथ बैठक करते हुए शहर सहित जिले में शांति बनाये रखने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये. यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, उस समय शहर पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह अवकाश पर थी. साथ ही जिलाधीश पवनीत कौर भी जिला मुख्यालय में नहीं थी. ऐसे समय सुबह 9 बजे से रात 9.30 बजे तक पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने जिलाधीश कार्यालय में ही बैठकर शहर सहित जिले के हालात पर नजर रखी. साथ ही हिंसा और तनाव की घटनाओं के बीच स्थानीय विधायक सुलभा खोडके को साथ लेकर शहर के तनावग्रस्त इलाकों का दौरा भी किया. ऐसे में पालकमंत्री यशोमति ठाकुर के इस्तीफे की मांग करने को पूरी तरह से हास्यास्पद ही कहा जा सकता है.

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