
अमरावती / दि. 22-देश के महामार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि लोग जातिवादी नही होते. लीडर जातिवादी होते हैं. लीडर अपने स्वार्थ के लिए राजकारण में जातिवाद लाते हैं. गडकरी ने कहा कि उन्होेने इतने चुनाव लडे, कभी जातिवाद का सहारा नहीं लिया. वे आज दोपहर यहां शिवाजी शिक्षा संस्था द्बारा आयोजित डॉ. पंजाबराव देशमुख स्मृति पुरस्कार समारोह में बोल रहे थे.
असली नेता नहीं लगाते पोस्टर
गडकरी ने कहा कि राजकारण और समाज सेवा करनेवाले खरे नेता कभी पोस्टर नहीं लगवाते. बल्कि समाज की मूलभूत आवश्यकताओं पर ध्यान केन्द्रीत करते हैं. उन्होंने कहा कि लोकशाही का सही अर्थ यही है कि समाज के लिए जो कुछ हो सकता है. वह अवश्य करें. अपना अनुभव भी इस समय देश के बडे नेता गडकरी ने बतलाया.
जातिवाद नहीं स्वीकार
गडकरी ने अपने तजुर्बे के बारे में कहा कि उन्होंने तीन बार लोकसभा चुनाव लडा. कभी जाति की राजनीति नहीं की. वे जात, पात, धर्म का विचार न करते हुए जनहित के काम करनेवाले व्यक्ति हैं. उन्होंने यह भी कहा कि जनता कभी जातिवाद स्वीकार नहीं करती. नेता लोग ही राजनीति लाभ के लिए जातिवाद का उपयोग करते हैं. जबकि वोटर कभी जाति के आधार पर भेदभाव नहीं करते. गडकरी से बयान से राजनीतिक हलकों में खलबली मची है. एक नई बहस की शुरूआत हो गई है. महाराष्ट्र की राजनीति में जातीय समीकरण महत्वपूर्ण रहते गडकरी का बयान आया हैै.