नांदगांव खंडेश्वर/दि.1 – बौध्द समाज को जिस महामानव ने संविधान के रूप में अधिकार दिए है. उन अधिकारों का हनन शासन व्यवस्था की ओर से किया जा रहा है. आज भी अन्याय और अत्याचार की घटना बढ रही है. अन्याय व अत्याचार का मुकाबला करने बुध्दिस्टो को संगठित होना समय की आवश्यकता है, ऐसा प्रा. सीमाताई मोरे ने कहा. वे डॉ. बाबासाहब आंबेडकर सामाजिक विचार मंच द्बारा आयोजित बुध्स्टि सम्मेलन में बोल रही थी. स्थानीय पदमपानी मंगल कार्यालय में सम्मेलन का आयोजन किया गया था.
सम्मेलन का उद्घाटन भारतीय बौध्द महासभा के प्रकाश बोरकर ने किया व अध्यक्षता अनंतराव खडसे ने की. सम्मेलन में महात्मा फुले सेवा संघ के प्रदेशाध्यक्ष मनोज अंबाडकर, एड. सुनील गजभिये ने भी मार्गदर्शन किया. सम्मेलन में प्रास्ताविक रखते हुए सुधाकर डोंगरे ने सम्मेलन की भूमिका स्पष्ट की. सम्मेलन का संचालन उध्दव पारवे ने किया व आभार डॉ. नारायण सोनोने ने माना. इस समय मंगेश कांबले, गौरव साबले, प्रदीप बोरकर, कपिल नाइक, कुंदन मेश्राम, निरंजन खडसे, सुशील थोरात, भोजराज साखरे, विनायक दंदे, अनिता वानखडे, सिंधु गजभिये, शोभा ढवले, शीला बसवनाथे, पोर्णिमा सवई, रीना कांबले, महादेव ढोके, प्रीती चोपडे, सचिन आठवले किसन वासनिक, अक्षय पाटिल, नृत्यकला मेश्राम, गजानन डोंगरे, मीना दंदे, वर्षा वानखडे, किरण लोहकरे, रंजना घोडेस्वार, ज्योति मेश्राम, कांता बारसे, सुरेश रामटेके, उत्तम इंगोले, मदन खंडारे उपस्थित थे.