* तरोडा शराबकांड में सामने आयी नई जानकारी0
अमरावती/दि.22 – 2 दिन पहले मोर्शी तहसील अंतर्गत तरोड-धनोडा गांव में दो लोगों की गावरानी शराब पीने की वजह से मौत हो गई थी. वहीं अन्य 5 लोगों की तबियत बिगड गई थी. इस मामले में और एक नई जानकारी सामने आयी है. जिसके मुताबिक शराब पीकर मारे गए जंगलू टेकाम को उसकी पत्नी चंद्रकला टेकाम ने ही घर के सामने रहने वाले मयाराम धुर्वे नामक शराब विक्रेता से गावरानी शराब खरीदकर लाकर दी थी. जंगलू टेकाम ने जैसी ही इस शराब को पीने के लिए अपने मुंह से लगाया, तो उसे शराब का स्वाद बेहद कसैला लगा. जिसे लेकर जंगलू ने अपनी पत्नी चंद्रकला पर गुस्सा होते हुए उसके साथ गालिगलौज भी की थी. लेकिन इसके बावजूद भी जंगलू टेकाम ने कसैले स्वाद वाली उस शराब को गटक लिया था. वहीं इस बीच शराब का स्वाद कसैला क्यों है, यह पूछने के लिए चंद्रकला अपने घर के पास ही रहने वाली मयाराम धुर्वे के यहा पहुंची थी, तो शराब के स्वाद की टेस्टिंग करने के लिए मयाराम ने भी उक्त शराब के कुछ घुंठ लगाए थे. लेकिन कुछ ही देर बाद जंगलू टेकाम और मयाराम धुर्वे की तबीयत इतनी अधिक बिगड गई कि, उन दोनों ने अस्पताल ले जाते समय दम तोडा. वहीं शराब का स्वाद सचमुच कसैला है अथवा नहीं, यह देखने के लिए मयाराम धुर्वे की पत्नी सुंदा धुर्वे सहित अन्य 4-5 लोगों ने भी इस शराब के कुछ घुंठ लगाए थे और सभी की तबीयत बिगड गई थी. जिन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां से डिस्चार्ज मिल गया. ऐसे में अब पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि, आखिर उक्त शराब का स्वाद कसैला क्यों था और उस शराब में आखिर कौन सा जहरीला तत्व मिला हुआ था. जिसकी वजह से दो लोगों की जान गई और 5 लोगों की तबीयत बिगडी.
* पुलिस ने की चंद्रकला टेकाम से पूछताछ
अप्पर पुलिस अधीक्षक शशिकांत सातव व उपविभागीय पुलिस अधिकारी नीलेश पांडे ने शुक्रवार की दोपहर एक बार फिर तरोडा गांव को भेंट दी और दोनों अधिकारियों ने मृतक जंगलू टेकाम की पत्नी चंद्रकला टेकाम से एक बार फिर जवाब तलब किया. चंद्रकला टेकाम के खिलाफ विगत 19 जुलाई को ही सदोष मनुष्यवध का अपराध दर्ज करते हुए उसे हिरासत में लिया गया. लेकिन पूछताछ के दौरान उसका ब्लड प्रेशर घट जाने के चलते उसे तरोडा स्थित उसके घर भेज दिया गया. जहां पर दोनों वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने चंद्रकला से एक बार फिर पूछताछ की और उसने अपने घर में कहीं गावरानी शराब छीपाकर रखी है कि, इसकी जांच पडताल की गई.
* मृतक मयाराम गांव में बेचा करता था शराब
पता चला है कि, तरोडा गांव में भीवकुंडी होते हुए मध्यप्रदेश से रोजाना ट्यूब यानि करीब 150 लीटर गावरानी शराब लायी जाती थी. गांववासियों द्बारा दी गई जानकारी के मुताबिक पुलिस की हिरासत में रहने वाला राजकुमार साबले ही गांव के 6 से 7 शराब विक्रेताओं तक यह शराब पहुंचाया करता था. इन शराब विक्रेताओं में मयाराव धुर्वे भी शामिल था. जिसे राजकुमार साबले ने ही शराब पहुंचाई थी और शराब विक्री का काम करने वाला मयाराम धुर्वे भी इस शराबकांड का शिकार हुआ.
* एक्साइज की ओर से एमपीडीए की कार्रवाई शुरु
– गांव में ग्राम रक्षक दलों का भी अभाव
उल्लेखनीय है कि, राज्य उत्पाद शुल्क विभाग के पास गावरानी शराब अथवा नकली शराब बनाने व विक्री करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार है. जिसके तहत ऐसे लोगों के खिलाफ एमपीडीए के तहत कार्रवाई की जा सकती है. लेकिन हैरत की बात यह है कि, एक्साइज विभाग द्बारा अमरावती जिले सहित आसपास के किसी जिले में भी ऐसे लोगों पर विगत कुछ वर्षों के दौरान एमपीडीए के तहत एक भी कार्रवाई नहीं की गई है. वहीं अब सांप निकल जाने के बाद लाठी पीटने की तर्ज पर एक्साइज विभाग द्बारा कहा जा रहा है कि, भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति को टालने हेतु अवैध शराब की तस्करी व विक्री करने वाले लोगों के खिलाफ एमपीडीए एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी.
* एक साल में 717 मामले दर्ज
राज्य उत्पाद शुल्क विभाग द्बारा वर्ष 2022-23 में देशी शराब की अवैध विक्री व गावरानी शराब की हाथभट्टी से संबंधित 417 मामले दर्ज किए गए. जिसमें से गावरानी शराब उतारने वालों के खिलाफ केवल 254 कार्रवाई की गई. वहीं अप्रैल से जून माह के दौरान सभी हेड अंतर्गत एक्साइज विभाग द्बारा छिटपूट धाराओं के तहत केवल 36 मामले दर्ज किए गए है और एक भी मामले में एमपीडीए की धारा नहीं लगाई गई है.