प्रतिनिधि/दि.११
अमरावती – मध्य रेल द्वारा कम यात्री मिलने की वजह को आगे करते हुए आगामी ३० सितम्बर तक जबलपुर-अमरावती रेलवे गाडी को आंशिक तौर पर रद्द करने का फैसला द्वारा लिया गया है. यद्यपि इसके लिए यात्रियों की कमी का कारण बताया जा रहा है लेकिन मध्य रेलवे का यह इस ट्रेन को अमरावती से बंद करने का षडयंत्र तो नहीं, ऐसी आशंका नागरिकों द्वारा जताई जा रही है. बता दें कि, आगामी कुछ समय के लिए जबलपुर-अमरावती ट्रेन को नागपुर-अमरावती ट्रेन किया गया है. इस बारे में रेलवे में मंत्रालय द्वारा २० जुलाई को आदेश जारी किया गया है. जबलपुर-अमरावती ट्रेन के साथ ही मध्य रेलवे के अंतर्गत आने वाली ६ रेलवे गाडियों को स्थगित किया गया है. स्थगित गाडियों पर अमल करने के बारे में मंत्रालय द्वारा सभी ऑपरेटिंग महाप्रबंधकों को कदम उठाने का निर्देश दिया गया है. उल्लेखनीय है कि अमरावती रेलवे स्टेशन से जितनी भी गाडियां रेलवे द्वारा शुरु की गई है, यात्रियों के लिहाज से सभी गाडियों में भीड की स्थिति रहती है. आरक्षण में वेटिंग की स्थिति रहती है. इसके बावजूद भी जबलपुर-अमरावती ट्रेन को बंद करने का कारण महानगरवासियों की समझ में नहीं आ रही है. १० वीं आईएसओ प्रमाणपत्र वाली ट्रेन अमरावती को मध्य प्रदेश से सीधे जोडने वाली सुपर फास्ट जबलपुर-अमरावती ट्रेन में यात्रियों की सदैव भीड रहती थी. इतना ही नहीं तो ७५२ किलोमीटर का सफर १३ घंटे में पूरा करती थी. १८ स्थानों पर इसे स्टॉप दिया गया है. रेलवे की १० चुनिंदा रेलवे गाडियों में इसका शुमार है, जिन्हें आईएसओ प्रमाणपत्र प्राप्त हुआ है. १२१५९/१२१६० क्रमांक की यह गाडी जबलपुर से अमरावती के बीच दौडती है. गाडी में सदैव भीड रहने वाली स्थित थी. पिछले चार महीने से रेलवे सेवा भी कोरोना महामारी के कारण ठप्प रहने से यात्रियों की संख्या में कमी आ सकती है. लेकिन अनलॉक होने के बाद अब जनजीवन पटरी पर लौट रहा है. ऐसे संभागीय मुख्यालय अमरावती से यह गाडी आंशिक तौर पर रद्द करने के रेलवे फैसले को लोग पचा नहीं पा रहे है. इस बारे में महानगर यात्री संघ के अध्यक्ष अनिल तरडेजा से बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि कम ट्रैफिक के कारण जबलपुर-अमरावती ट्रेन को ३० सितंबर तक के लिए स्थगित किया गया है तथा इसके बाद हालात सामान्य होते ही इस ट्रेन के एक बार फिर पहले की तरह अपने नियमित समय व रूट पर चलाया जायेगा.