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बिना पूर्व सूचना दिये बंद किया गया जाधव गियर्स कंपनी को

एक झटके में सैकडों कामगारों को कर दिया गया बेरोजगार

* कामगारों ने पत्रवार्ता मेें खुद को न्याय दिलाये जाने की लगाई गुहार
* जिलाधीश व कामगार उपायुक्त को भी अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा
अमरावती/दि.28 – स्थानीय एमआईडीसी के भूखंड क्रमांक डब्ल्यू 27 पर स्थित जाधव गियर्स जिनिंग एण्ड प्रेसिंग ऑटोमायजेशन नामक कंपनी को बिना कोई पूर्व सूचना दिये अचानक ही बंद कर दिया गया है. जिससे इस कारखाने में काम करने वाले ऑपरेटर, टर्नर, फिटर, वेल्डर, मशीनिस्ट व हेल्पर जैसे मजदूरों के साथ ही ऑफिस क्लर्क जैसे कर्मचारी एक झटके में बेरोजगार हो गये, यह सीधे-सीधे इन सभी लोगों के साथ अन्याय है. अत: प्रशासन ने इस कंपनी को दोबारा शुरु करने के लिए अपने अधिकारों का उपयोग करना चाहिए, ताकि मजदूरों को बेरोजगारी व भूखमरी का शिकार न होना पडे. इस आशय की गुहार जाधव गियर्स कंपनी के कामगारों द्वारा यहां बुलाई गई पत्रकार परिषद में लगाई गई.
वालकट कम्पाउंड स्थित मराठी पत्रकार भवन में बुलाई गई इस पत्रवार्ता में मजदूरों की ओर से बताया गया कि, इस विशष को लेकर अमरावती के जिलाधीश व कामगार उपायुक्त को भी ज्ञापन सौंपा गया है तथा उनसे इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की गई है. साथ ही इन कामगारों व कर्मचारी ने यह भी बताया कि, वर्ष 1985 के आसपास संजय जाधव ने जाधव गियर्स छोटा सा कारखाना शुरु किया था और सभी मजदूरों को बिना कोई नियुक्ति पत्र दिये काम पर रखा गया था. उस समय यह आश्वासन दिया गया था कि, आगे चलकर कारखाने का विकास व विस्तार होने पर सभी मजदूरों को इसका फायदा होगा. परंतु आज जब वह छोटासा कारखाना एक विशालकाय वर्कशॉप में तब्दिल हो गया है और इस कारखाने के दम पर संजय जाधव भी करोडपति व अरबपति बन गये है, तो उन्होंने अपना पूरा जीवन कारखाने के लिए समर्पित कर देने वाले कामगारों को बेरोजगार करने का काम शुरु कर दिया है. साथ ही कामगारों ने यह आरोप भी लगाया है कि, संजय जाधव ने अपने व्यवसाय का विस्तार करते हुए एमआईडीसी परिसर में ही अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर कई छोटे व नये कारखाने स्थापित किये है और वहां पर नये मजदूरों को काम पर रखा गया है. साथ ही जाधव गियर्स को घाटे में दिखाते हुए पुराने मजदूरों को बिना किसी पूर्व सूचना के काम से हटाने की नोटीस जारी की है. जिसके खिलाफ आवाज उठाने वाले कामगारों को कोर्ट जाने हेतु धमकाया जा रहा है. उपरोक्त जानकारी के साथ ही कामगारों ने यह चेतावनी भी दी कि, यदि उन्हें जल्द ही न्याय नहीं मिलता है, तो सभी कामगार 5 जनवरी से आमरण अनशन आंदोलन शुरु करेंगे.
इस पत्रवार्ता में रविंद्र चौधरी, छत्रपति ठेंबरे, सचिन भेंडे व अजय पेठे सहित अनेकों कामगार व कर्मचारी उपस्थित थे.

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