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सुनील देशमुख को जिताने के लिए चुनावी मैदान में है जगदीश गुप्ता

गुप्ता के खिलाफ शहर भाजपा एक साथ मैदान में

* रवि खांडेकर, किरण पातुरकर, जयंत डेहनकर, दिनेश सूर्यवंशी, कुलकर्णी, पवार, अग्रवाल सहित शहर भाजपा नेताओं की पत्रकार परिषद
अमरावती/दि.9 – अमरावती निर्वाचन क्षेत्र से महायुति प्रत्याशी के खिलाफ बगावत करने वाले पूर्व मंत्री जगदीश गुप्ता द्वारा पार्टी विरोधी भूमिका अपनाकर पार्टी के खिलाफ काम करना कोई नई बात नहीं है. यद्यपि जगदीश गुप्ता के पार्टी विरोधी कामों से आज के नये मतदाता वाकीफ नहीं है, लेकिन पार्टी के पुराने व निष्ठावान पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं सहित पुराने मतदाताओं को यह बात अच्छी तरह से पता है कि, जिस भाजपा ने जगदीश गुप्ता को सबकुछ दिया तथा दो बार विधानसभा व दो बार विधान परिषद की सदस्यता देने के साथ ही एक बार मंत्री पद भी दिया. उसी भाजपा की जडों को खोदने का काम जगदीश गुप्ता द्वारा हमेशा ही किया जाता रहा. इस बार भी जगदीश गुप्ता कांग्रेस के सुनील देशमुख को जिताने के लिए चुनाव लडने का खुल्लमखुल्ला आरोप शहर जिला भाजपा ने आज किया. गुप्ता के कच्चे चिठ्ठे खोलने के लिए आज राजापेठ स्थित भाजपा कार्यालय ‘लक्ष्मण स्मृति’ में पत्रकार परिषद का आयोजन किया गया. जिसे मुख्य रुप से शिवराय कुलकर्णी, पार्टी के वरिष्ठ सर्वश्री प्रा. रवींद्र खांडेकर, किरण पातुरकर, जयंत डेहनकर, प्रा. दिनेश सूर्यवंशी, महिला अध्यक्ष गंगा खारकर, सुरेखा लुंगारे, भाजयुमो अध्यक्ष कौशिक अग्रवाल, एड. प्रशांत देशपांडे आदि उपस्थित थे.
* हमेशा किया पार्टी का अहित
शहर भाजपा ने आरोप लगाया कि, 22 वर्षों तक भाजपा के जरिए विधायक व मंत्री बनकर सत्ता का सुख भोगने वाले पूर्व विधायक जगदीश गुप्ता ने हमेशा ही ‘अंदरबट्टे’ में कांग्रेस के साथ मिलीभगत करते हुए भाजपा को नुकसान पहुंचाने का काम किया. अत: मतदाताओं ने जगदीश गुप्ता द्वारा फैलाये जाने वाले भ्रमजाल में बिल्कुल भी नहीं फंसना चाहिए.
* अरसा पहले तोड लिया था भाजपा व हिंदुत्व से नाता
भाजपा पदाधिकारियों द्वारा साफ शब्दों में आरोप लगाया गया कि, अमरावती शहर से भाजपा को खत्म करने हेतु दो दशकों तक कमर कसकर काम करने वाले जगदीश गुप्ता ने अरसा पहले भाजपा और हिंदुत्व से अपना नाता तोड लिया था और अब अमरावती विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा के कमल चुनाव चिन्ह पर प्रत्याशी नहीं रहने की वजह को आगे करते हुए जगदीश गुप्ता ने अचानक ही भाजपा को लेकर प्रेम उफान भरने लगा है. जबकि इन्हीं जगदीश गुप्ता को वर्ष 1999 व वर्ष 2004 के विधानसभा चुनाव में अमरावती निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं ने भाजपा प्रत्याशी के तौर पर नकार दिया था. हालांकि विधानसभा चुनाव हार जाने के बावजूद भाजपा ने उन्हें अपने कोटे से विधान परिषद का सदस्य बनाया था. लेकिन वर्ष 2009 में भाजपा की ओर से विधान परिषद सदस्य रहने के बावजूद जगदीश गुप्ता ने खुले तौर पर तब कांग्रेस के प्रत्याशी रहने वाले रावसाहब शेखावत का प्रचार किया था और उस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी डॉ. प्रदीप शिंगोरे को पराजित करने में सक्रिय भूमिका निभाई थी.
* दूसरी बार हुए हैं पार्टी से निष्कासित
शहर भाजपा ने आरोप लगाया कि, पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण ही उन्हें 2009 में भी पार्टी से निकाल दिया गया था. दो-तीन दिन पहले पार्टी से उन्हें दोबारा निष्कासित किए जाने की बात कहते हुए प्रवक्ता कुलकर्णी ने कहा कि, 2017 में जब भाजपा पूरी तरह प्रतिकूल परिस्थिति में विधान परिषद चुनाव हेतु डॉ. रणजीत पाटिल को विजयी करने बडी मेहनत कर रही थी. तब भी गुप्ता कांचनमाला गावंडे को मैदान में उतारकर कांग्रेस के प्रत्याशी का हित साधने का प्रयत्न कर रहे थे.
* पहले किया बच्चू कडू का काम
इस पत्रवार्ता में बताया गया कि, इससे पहले भी भाजपा की ओर से विधान परिषद सदस्य रहते हुए जगदीश गुप्ता द्वारा कई बार पार्टी विरोधी काम किये गये. जिसके तहत वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की शिवसेना के साथ युति रहने के बावजूद जगदीश गुप्ता ने शिवसेना प्रत्याशी अनंत गुढे की बजाय निर्दलीय प्रत्याशी बच्चू कडू का प्रचार किया था. साथ ही जब जगदीश गुप्ता को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था.
* पार्टी कार्यालय पर जडा ताला
कुलकर्णी ने आरोप लगाया कि, गुप्ता को पार्टी से निकाल दिए जाने के बाद गुप्ता ने राजापेठ स्थित पार्टी कार्यालय को अपना कार्यालय बताते हुए ताला लगा दिया था. उस समय भाजपा के सामान्य व प्रामाणिक कार्यकर्ताओं ने उस ताले को तोडकर पार्टी कार्यालय को जैसे-तैसे अपने कब्जे में लिया. परसो भाजपा द्वारा एक बार फिर पार्टी से निष्कासित किये जाने के बाद जगदीश गुप्ता अपने कुछ चुनिंदा समर्थकों को साथ लेकर भाजपा कार्यालय पहुंचे और भाजपा कार्यालय पर खुद का शानदार स्वागत होने की बात कहते हुए उन्होंने अपना फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल किया. यह बेहद घृणास्पद व निम्नस्तर का कृत्य है.
* छिपे तौर पर गुप्ता की कांग्रेस से मिलीभगत
इस पत्रवार्ता में बताया गया कि, आज खुद को नरेंद्र मोदी का कट्टर समर्थक बताने वाले जगदीश गुप्ता ने वर्ष 2014 व 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए कोई ठोस भूमिका नहीं अपनाई थी. इसी तरह वर्ष 2014 व 2019 के विधानसभा चुनाव में भी जगदीश गुप्ता ने भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ काम करते हुए कांग्रेस के तत्कालीन प्रत्याशियों का प्रचार किया था. वहीं इससे पहले वर्ष 2012 में जगदीश गुप्ता ने खुद को पार्टी से निष्कासित किये जाने के बाद जनकल्याण नामक पार्टी बनाई थी और मनपा के चुनाव में जहां-जहां पर भाजपा द्वारा अपने प्रत्याशी खडे किये गये थे, वहां जनकल्याण के प्रत्याशी खडे करते हुए भाजपा प्रत्याशी को हराने का काम किया था. लगभग इसी तरह का कृत्य जगदीश गुप्ता ने वर्ष 2017 के मनपा चुनाव में भी किया था. इसी तरह जगदीश गुप्ता ने स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में भी हमेशा ही पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ काम किया और पिछली बार हुए चुनाव के समय भाजपा के अधिकृत उम्मीदवार डॉ. रणजीत पाटिल के खिलाफ कांग्रेस प्रत्याशी किरण सरनाइक को विजयी बनाने हेतु जगदीश गुप्ता ने अपनी शिक्षा संस्था की ओर से पूरी ताकत झोेंक दी. इन तमाम कृत्यों के साथ-साथ इस पूरी कालावधि के दौरान जगदीश गुप्ता व उनके समर्थकों द्वारा भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का हमेशा ही अपमान किया गया तथा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी व डेप्यूटी सीएम देवेंद्र फडणवीस के प्रति हमेशा ही अपशब्दों का प्रयोग किया गया और आज भी जगदीश गुप्ता व उनके समर्थक भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के लिए अपशब्दों का ही प्रयोग करते है.
* व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए गुप्ता ने पहुंचाया भाजपा को नुकसान
इस पत्रवार्ता में शहर भाजपा के पदाधिकारियों का कहना रहा कि, जगदीश गुप्ता के मन में भाजपा और हिंदुत्व को लेकर कोई प्रेम नहीं है. क्योंकि भाजपा व हिंदुत्व के लिए प्रेम रखने वाला कार्यकर्ता एक बार बिना सक्रिय रहे शांत बैठा रह सकता है, लेकिन हिंदुत्व की कट्टर विरोधक रहने वाली कांग्रेस के साथ हाथ मिलाकर भाजपा को खत्म करने की भूमिका नहीं अपना सकता. परंतु जिन जगदीश गुप्ता को भाजपा ने वर्ष 1990 से लेकर अगले 22 वर्षों तक विधायक पद दिया. साथ ही मंत्री पद भी दिया और निलंबित करने के बाद उन्हें पार्टी में वापिस भी लिया. उन्हीं जगदीश गुप्ता ने अपने व्यक्तिगत स्वार्थ एवं राक्षसी महत्वाकांक्षा के लिए भाजपा की जड पर प्रहार करने का काम किया.
* पुतना मौसी की तरह है गुप्ता का भाजपा के प्रति प्रेम
इस समय भी जगदीश गुप्ता एक तरह से कांगे्रस प्रत्याशी को विजयी करने के लिए ही चुनावी मैदान में उतरे है, ताकि भाजपा व महायुति के वोटों में सेंध लगाई जा सके. ऐसे मेें जगदीश गुप्ता के मन में भाजपा व हिंदुत्व को लेकर अचानक उठे प्रेम को पुतना का प्रेम कहा जा सकता है. अत: हिंदुत्व व भाजपा की आड लेकर कांग्रेस को विजयी बनाने की तैयारी कर रहे जगदीश गुप्ता की असलियत को अमरावती निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं ने समझना चाहिए.
इस पत्रवार्ता में भाजपा के प्रदेश सचिव जयंत डेहनकर, महामंत्री चेतन पवार, प्रदेश सदस्य प्रा. दिनेश सूर्यवंशी, एड. प्रशांत देशपांडे व प्रा. रवि खांडेकर, महामंत्री सतीश करेसिया, किरण पातुरकर, विवेक कलोती, महिला मोर्चा अध्यक्ष गंगा खारकर, युवा मोर्चा अध्यक्ष कौशिक अग्रवाल, प्रदेश कार्यकारी सदस्य संध्या टिकले व सुरेखा लुंगारे, ओबीसी मोर्चा अध्यक्ष कुणाल टिकले, किसान मोर्चा अध्यक्ष मिलिंद बांबल, पूर्व पार्षद आशीष अतकरे, अंबा मंडल अध्यक्ष मनीष चौबे, ऋषिकेश देशमुख, रश्मी नावंदर, अनीता राज, पूर्व पार्षद अजय सारस्कर व जगदीश कांबे, धनकुमार शाह, प्रणित सोनी, आदि भाजपा पदाधिकारी उपस्थित थे.

* बडनेरा में भी भाजपा रवि राणा के साथ
प्रश्नों के उत्तर में शहर भाजपा ने स्पष्ट किया कि, बडनेरा में पार्टी ने मित्र दल को सीट दी है. गठजोड में एडजेस्टमेंट करने पडते हैं. हमारे नेता फडणवीस ने स्पष्ट कर दिया कि, रवि राणा महायुति के उम्मीदवार है. इसलिए बडनेरा में भी भाजपा संपूर्ण शक्ति के साथ राणा के साथ है. जो बागी हुए हैं उन पर पार्टी ने कार्रवाई की है. अभी भी जो कार्यकर्ता बागियों के साथ है उन्हें पार्टी के काम के लिए मनाया जा रहा है.

* दर्यापुर में वरिष्ठ लेंगे निर्णय
दर्यापुर में मित्र दल द्वारा भाजपा नेता को चुनाव मैदान में उतारने के विषय में प्रश्न पूछने पर प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि, उसका निर्णय वरिष्ठ स्तर पर प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री करेंगे. जिलाध्यक्ष और स्टार प्रचारक के पोस्टर पर फोटो रहने संबंधी सवाल पर प्रवक्ता ने कहा कि, नैतिक रुप से उन्हें इसका अधिकार नहीं है.

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