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अनाथ प्रमाणपत्र मिलने से जयदीप बनेगा डॉक्टर

मंत्री यशोमति ठाकुर के प्रति जताया आभार

अमरावती/दि.10– बुलडाणा जिले की जामखेड तहसील अंतर्गत चिखली गांव निवासी जयदीप रामभाउ भाकडे नामक विद्यार्थी पूरी मेहनत के साथ एनईईटी यानी नीट परीक्षा उत्तीर्ण करते हुए डॉक्टर बनने का ख्वाब देख रहा था. किंतु इसी बीच कोविड संक्रमण की वजह से उसके माता-पिता की मौत हो गई. बावजूद इसके जयदीप ने नीट की परीक्षा उत्तीर्ण की और उसे 145 अंक मिले. किंतु इन अंकों के आधार पर उसे सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश नहीं मिल सकता था और निजी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लेने के लिए उसके पास पैसे नहीं थे. किंतु इसी समय राज्य की महिला व बालविकास मंत्री यशोमति ठाकुर ने कोविड संक्रमण के दौरान अनाथ हुए बच्चों की आवश्यक सहायता करने और उन्हें अनाथ प्रमाणपत्र दिलाने की व्यवस्था की. समय पर अनाथ प्रमाणपत्र मिल जाने की वजह से अनाथोें हेतु आरक्षित सीट पर जयदीप को औरंगाबाद जिले के घाटी स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश मिल गया. साथ ही चिखली निवासी कोठारी नामक दानवीर व्यक्ति ने अगले पांच वर्ष तक जयदीप को पढाई के लिए प्रतिमाह 10 हजार रूपये देने की जिम्मेदारी उठायी. जिसके चलते आगे चलकर जयदीप निश्चित रूप से एक सफल डॉक्टर बनेगा.
ऐन समय पर अनाथ प्रमाणपत्र मिल जाने और इस प्रमाणपत्र की वजह से आरक्षण के जरिये सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश प्राप्त होने के लिए जयदीप भाकडे ने राज्य की महिला व बालविकास मंत्री एड. यशोमति ठाकुर को पत्र लिखकर समय पर कोविड अनाथों की सहायता करने हेतु आभार ज्ञापित किया है. साथ ही कहा है कि, उनके द्वारा लिये गये इस एक फैसले की वजह से उसका जीवन बदल गया है. जिसके लिए वह उनका उपकार कभी नहीं भुलेगा. साथ ही हमेशा उनके प्रति आभारी रहेगा.

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