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जैन बालिका को पूरी गीता कंठस्थ

गरिमा आंचलिया ने सुनाये सभी 700 श्लोक

* प्राप्त किये पूर्णांक, बधाई का तांता
अमरावती/दि.30 – नगर के प्रतिष्ठित आंचलिया परिवार की सुपुत्री गरिमा रवि आंचलिया ने गीताव्रती परीक्षा में असाधारण सफलता अर्जित की है. गीता में अपने आपकों रच-बस लेने वाली गरिमा ने सभी 700 संस्कृत श्लोक सुनाकर परीक्षा में पूर्णांक 576/576 अंक प्राप्त कर निर्णायकों को भी दांतों तले अंगुलियां दबाने पर विवश कर दिया. गरिमा की सफलता पर उसके परिजनों को बधाई और अभिनंदन का तांता लगा है. गरिमा अपनी सफलता का श्रेय दादी-दादा को देती है. उसके दादा मांगीलालजी आंचलिया का सीना गर्व से चौडा हो गया है.
* अंतिम परीक्षा मेें कमाल
मात्र 11 वर्ष की गरिमा की अद्बितीय सफलता के बारे में बताया गया कि, गीताव्रती परीक्षा में उसे भगवान कृष्ण द्बारा कहीं गई श्रीमद् भागवत गीता के 18 अध्याय में से प्रश्न पूछे गये थे. प्रश्न इस प्रकार थे कि, श्लोक का आरंभ बताया जाता उसे परीक्षार्थी को उसके क्रमांक सहित पूर्ण करना होता. गरिमा ने बडी सहजता से यह श्लोक गाकर बतलाएं. उसके अगले श्लोक भी उसने बडी सरलता से बता दिये. जिससे परीक्षक भी अवाक् रह गये थे. उसकी गीता को आत्मसात कर लेने की क्षमता ने अनेक विद्वानों को भी अचरज में डाल दिया है. उसकी लय और उच्चारण स्पष्टता भी शानदार रही और सभी 24 गुण प्राप्त किये.
* बधाई का वर्षाव
आंचलिया परिवार की होनहार सुपुत्री की सफलता पर नगर के अनेक गणमान्य ने प्रसन्नता व्यक्त की है. उसी प्रकार श्रीकृष्ण पेठ स्थित निवास पर पहुंचकर और अनेक ने फोन तथा समाज माध्यमों के जरिए गरिमा और आंचलिया परिवार को बधाई दी है. गीता परिवार द्बारा आयोजित इस कठिन परीक्षा में अन्य अनेक विद्यार्थी भी सफल रहे है. मगर गरिमा की सफलता अधिकांश को विस्मित कर रही है.

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