अमरावती/दि.25 – राज्य में कोरोना महामारी से जिन पालकों के माता-पिता की मौत हुई है ऐसे अनाथ 700 बालकों की शिक्षा, आवास, भोजन, मेडिकल चेकअप, औषधियां आदि की जिम्मेदारी भारतीय जैन संगठना स्वीकारेगी. जिसमें जैन संगठना व्दारा कोरोना महामारी में अनाथ हुए बालकों की सूची जिलाधिकारी को निवेदन सौंपकर मांगी गई. जैन संगठना व्दारा जिलाधिकारी शैलश नवाल व निवासी उपजिला अधिकारी नितिन व्यवहारे से अनाथ बालकों की सूची सौंपे जाने का आग्रह किया.
जैन संगठना व्दारा पांचवी से बारहवी तक के बच्चों को शिक्षा, आवास, भोजन, शालेय सामग्री सभी का खर्च वहन करने का भरोसा जिलाधिकारी को दिलाया गया. इस अवसर पर संगठन के विदर्भ प्रदेश अध्यक्ष संजय आचलिया, अभिनंदन पेंढारी, विदर्भ प्रदेश सचिव धर्मेंद्र मुणोत, स्वाति आचलिया, सजल जैन, गौरव चोपडा, निलेश कलमकर, अनिल सुराणा, राजेंद्र बन्नोरे, अरविंद लुंकड, सचिन जैन, विनय आचलिया, यवतमाल जैन संगठन के महेंद्र सुराणा उपस्थित थे.
3 हजार छात्रोें का संगठन ने संवारा जीवन
भारतीय जैन संगठना ने अभी तक तीन हजार से अधिक छात्रों को हर संभव मदद कर उनका जीवन संवारा. उल्लेखनीय है कि इससे पहले लातुर के 1200 भूंकप पीडित छात्र मेलघाट व ठाणे के 1100 आदिवासी छात्र एवं आत्महत्या ग्रस्त किसान परिवार के 700 छात्र ऐसे कुल मिलाकर तीन हजार से भी अधिक छात्रों का जीवन जैन संगठना व्दारा संवारा गया.