अमरावतीमहाराष्ट्र

जलजीवन मिशन, चिखलदरा के चार गांव होंगे जलसंकट मुक्त

22 करोड की लागत से जीवन प्राधिकरण के देखरेख में काम शुरु

* ठेकेदार की मनमानी, अधिकारी ध्यान देने तैयार नहीं
चिखलदरा/दि.19– जलजीवन मिशन के तहत केंद्र सरकार के 22 करोड के निधि से चिखलदरा से लगकर बसे आलाडोह, शहापुर, लवादा, मोथा में पानी पहुंचाने का कार्य तेजी से चल रहा हैं. इन गावों में पाणी समस्या होने के कारण यहां के लोगों को पानी के लिए दरदर भटकना पडता था. तो कई बार टैंकर से पानी बुलाना पडता था. यह समस्या अप्रैल से जून माह में और ज्यादा भीषण हो जाती थी. जिसके कारण चिखलदरा के लिए करीब एक हजार फूट के गहराई में बसे बागलिंगा गांव से करीब 10 कि.मी. का अंतर पार कर के इन गांव को पानी पहुंचाया जाएगा. जिसमें मोथा गांव में 70 हजार लीटर क्षमतावाली एक पानी के टंकी का काम शुरु हैं. वहीं लवादा गांव में 40 हजार लिटर के क्षमतावाली पानी के टंकी का काम शुरु हैं. इसके अलावा यहां जुनी पंचायत समिति के पास वॉटर ट्रीटमेंट का भी कार्य शुरु हैं. इतनी गहराई के गांव से पानी लाने के लिए दो पंपींग सेंटर बागलिंगा में तथा दो पंपिंग सेंटर मोझरी में स्थापित करके पानी यहां तक लाया जाएगा. पहले चरण में 4 गावों के लिए पाइप लाइन बिछाने का कार्य पूर्ण हो चुका हैं. तो वनविभाग के परमिशन के कारण रुका कार्य भी वनविभाग एनओसी के कारण शुरू हो चुका हैं.

वनविभाग के कई क्षेत्र भी इस योजना में शामिल हैं. 22 करोड के इस प्रकल्प कार्य 2027 तक यानी 36 महिने पूर्ण करना हैं. मगर इस प्रकल्प की दूसरी बाजू यह हैं कि, महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण की देखरेख में शुरु इस कार्य में मूल कंपनी ने यहां दूसरे को काम दिया तो उसने तीसरे को काम दे दिया. जिस कारण इतने बडे कार्य की जिम्मेदारी संभालने वाले अभियंता सत्यम पाटिल को काम की गुणवत्ता पर ध्यान देना जरुरी हैं. मगर प्राप्त जानकारी के नुसार ठेकेदारों द्वारा गुणवत्ता की खिल्ली उडाई जा रही हैं. जिसे देखनेवाला कोई नहीं हैं. छोटे-छोटे ठेकेदार तुकडो में इस काम को अगर लिया गया तो चिखलदरा के शक्कर तालाब का पूर्व में किए कार्य जैसा हाल हो जाएगा. जिसकी खबरदारी लेना जीवन प्राधिकरण को लेने की जरुरत हैं. क्योंकी शक्कर तालाब का पूर्व में किया कार्य और उसकी असफलता का कारण जीवन प्राधिकरण की लापरवाही थी. इस प्रकल्प के पूरे होने पर जहां स्थानीय रहिवासियों को लाभ होगा. वही इन गांव में चल रहे होटल व्यवसाईयों को भी फायदा होगा. जिसके कारण सभी की निगाहें इस प्रकल्प की ओर लगी हैं.

विधायक पटेल की भूमिका महत्वपूर्ण
इस प्रकल्प को लाने तथा वनविभाग की एनओसी तथा समस्या सुलझाने में मेलघाट के आमदार राजकुमार पटेल की भूमिका महत्वपूर्ण रही हैं.

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