प्रीपेड मीटर के विरूध्द 10 मार्च को जनमोर्चा
संयुक्त कामगार कर्मचारी कृति समिति का ऐलान
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* बिजली कंपनी के निजीकरण की कोशिश
अमरावती/ दि. 10– महावितरण द्बारा सभी प्रकार के ग्राहकों के प्रीपेड मीटर का तगडा विरोध करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा और संयुक्त कामगार कर्मचारी कृति समिति ने आगामी 10 मार्च को अधीक्षक अभियंता कार्यालय पर मोर्चा ले जाने का ऐलान किया. आज दोपहर आयोजित पत्रकार परिषद में काम्रेड तुकाराम भस्मे, अशोक सोनारकर, दामोदर पवार, सुनील देशमुख ने सरकार पर महावितरण के निजीकरण की तरफ कदम बढाने का आरोप किया. उन्होंने बताया कि आगामी 1 माह में व्यापक जनजागृति कर 10 मार्च को अति विशाल मोर्चा इर्विन चौक के बाबासाहब स्मारक से निकाला जायेगा.
सोनारकर ने कहा कि प्रीपेड मीटर सिंगल फेज हेतु 2610 रूपए और थ्री फेज हेतु 4050 रूपए वसुली के साथ उसकी देखभाल व मरम्मत का खर्च बढ जायेगा. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने दोगुनी कीमत में मीटर खरीदे है. पहले जिस मीटर की रेट 6319 रूपए बताई थी. अगस्त 2023 में वह मीटर 11987 रूपए से खरीदने का निर्णय किया गया है. राज्य सरकार के जीआर में मीटर की कीमत 6048 दर्शाई गई है. उत्तर प्रदेश में यही मीटर 10 हजार रूपए की रेट से भी खरीदने से सरकार ने इंतजार कर लिया. जबकि महावितरण ने दोगुने दाम तय किए हैं.
सोनारकर ने कहा कि महावितरण ने प्रीपेड मीटर नि:शुल्क लगाने का विज्ञापन सरासर धोखा है. 12 हजार के मीटर में केन्द्र का योगदान केवल 900 रूपए है. बाकी 11100 रूपए प्रति मीटर बिल के हिसाब से देेने पडेंगे. प्रत्येक उपभोक्ता पर 30 पैसे प्रति यूनिट भार बढने वाला है. ग्राहकों की जेब से प्रति वर्ष लगभग 4 हजार करोड अधिक वसूले जाने का आरोप उन्होंने किया. काम्रेड सोनारकर ने बताया कि प्रदेश में महीने में 30 यूनिट का उपभोग करनेवाले गरीबी रेखा के नीचे 2 लाख घरेलू ग्राहक हैं. 100 यूनिट से कम बिजली उपयोग करनेवाले 1.43 करोड ग्राहक हैं. 300 यूनिट तक बिजली का इस्तेमाल करनेवाले 52 लाख है. 320 से अधिक यूनिट उपयोग करनेवाले छोटे व्यापारी और बडे उद्योजक अंदाजन 4 से 5 लाख है.
उन्होंने बताया कि स्मार्ट प्रीपेड इलेक्ट्रीक मीटर विरोधी कृति समिति अमरावती द्बारा आयोजित अगले माह के मोर्र्चे में हजारों लोग शामिल होेंगे. उन्होंने सवाल उठाया कि विधानमंडल में सरकार ने कहा कि फीडर्स, सबस्टेशन, ट्रान्सफार्मर और शासकीय कार्यालय में प्रीपेड मीटर लगाए जायेंगे. जबकि 2.25 करोड मीटर्स का ऑर्डर दिया गया है. जरूरत केवल 15 लाख मीटर्स की थी. ?