चांदुर रेल्वे/दि. १९ – तहसील में विश्व पौष्टिक मोटा अनाज (तृणधान्य दिवस) कृषि विभाग व जिला परिषद शाला के सहयोग से मनाया गया. इस अवसर पर हर गांव में जनजागरण रैली निकाली गई. संयुक्त राष्ट्रसंघ ने २०२३ यह वर्ष विश्व मोटा अनाज वर्ष के रूप में घोषित किया है. इसके तहत मोटा अनाज का महत्व नागरिकों को बताते हुए जागरूकता की गई. तृणधान्य का आहार में प्रमाण बढाने का प्रयास किया जाएगा. आहार में इसका प्रमाणा बढाने पर किसान भी मोटा अनाज की बुआई का क्षेत्र व उत्पादकता बढाने पर जोर देंगे.खरीफ सत्र में ज्वार व बाजरा क्षेत्र नहीं के बराबर है. यह चिंता की बात है. वर्ष २०१०-२०११ में महाराष्ट्र में तृणधान्य के उत्पादन ५७ लाख मीट्रिक टन था तथा २०२०-२१ में यही उत्पादन २२ लाख टन पर आ गया है. सभी के आहार में ज्वार, बाजरा, राजगिरा, भगर, नाचणी, कुटकी का समावेश हो इसके लिए केंद्र तथा राज्य सरकार द्वारा आवश्यक कार्यक्रम चलाया जा रहा है. भारत देश ने वर्ष २०१८ में राष्ट्रीय तृणधान्य वर्ष मनाया. इसी तर्ज पर अन्य देशों ने भी इस पर जोर देना आवश्यक है. इस उद्देश्य से भारत ने संयुक्त राष्ट्रसंगठन के सामने यह प्रस्ताव रखने पर ७२ देशों ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी. संयुक्त राष्ट्र संगठन और विश्व खाद्य परिषद ने वर्ष २०२३ यह वर्ष विश्व तृणधान्य वर्ष घोषित किया. इसके तहत चांदुर रेल्वे तहसील के हर गांव में प्रभात फेरी निकालकर जागरूकता की गई. कार्यक्रम को सफल बनाने कृषिसहायक और शिक्षकों ने प्रयास किए.
सभी का मिल रहा सहयोग
इस कार्यक्रम को चलाने के लिए कृषि सहायकों को शिक्षक, विद्यार्थी और किसान भाईयों का अच्छा सहयोग मिल रहा है.
-ए.डी.चौकडे, कृषि सहायक
सालभर चलाएंगे कार्यक्रम
विश्व तृणधान्य वर्ष निमित्त प्रत्येक तहसील में सालभर कृषि विभाग द्वारा कार्यक्रम चलाए जाएंगे.
-आर.डी.बांबल, तहसील कृषि अधिकारी