अमरावती/दि.16– मल्लखांब केवल महाराष्ट्र व देश तक ही सीमित नहीं है. बल्कि विदेशों में भी अब यह खेल पहुंच चुका है. इसलिए 15 जून को दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय मल्लखांब दिवस मनाया जाता है. हव्याप्र मंडल में बुधवार को जागतिक मल्लखांब दिवस का आयोजन हव्याप्र मंडल के प्रधान सचिव प्रभाकरराव वैद्य के मार्गदर्शन में किया गया था. इस अवसर पर सचिव प्रा. डॉ. माधुरी चेंडके, विदर्भ केसरी प्रा. डॉ. संजय तीरथकर, प्रा. संतोष इंगले, प्रा. डॉ. लक्ष्मीकांत खंडागले, प्रा. डॉ. सूर्यकांत पाटिल, प्रा. आशीष हाटेकर, प्रा. विलास दलाल उपस्थित थे.
इस अवसर पर उपस्थित सभी मान्यवरों ने मार्गदर्शन किया. मल्लखांब दुनिया का एकमात्र ऐसा खेल बताया गया है जो कम से कम समय में शरीर के हर हिस्से को अधिकतम व्यायाम देता है. मल्लखांब एक वास्तविक मराठी व्यायाम और खेल है. जो कि लकडे के खंबों के साथ खेला जाता है. मल्लखांब एकाग्रता, लचीलापन के साथ शारीरिक फिटनेस के लिए मदद करता है. हव्याप्र मंडल की स्थापना के समय से ही खिलाडियों को यहां प्रशिक्षण दिया जा रहा है और साथ ही इस खेल का प्रचार भी किया जा रहा है.