अमरावती

ठिठुरन बढ़ने से जनजीवन प्रभावित हुआ

पर्यटन नगरी का लुढ़का पारा

परतवाड़ा/मेलघाट/दी.२४- पिछले पांच दिनों से अचलपुर तहसील सहित पर्यटन नगरी चिखलदरा,धारणी और चांदूर बाजार में ठंड का प्रकोप बढ़ने से जनजीवन अस्त व्यस्त हुआ है.ठंड के अपना रौद्र रूप धारण करने से परिसर में सभी ओर अलाव जलते देखे जा रहे है.वही इस गुलाबी ठंड और बढ़ी हुई ठिठुरन से लोग हलाकान हो गए है.
पिछले दो दिन से विदर्भ का कश्मीर कहे जाते चिखलदरा का पारा लुढ़कने से बढ़ गई है.मेलघाट की पहाड़ियों से टकरा कर शीत लहर परतवाड़ा को भी अपनी चपेट में ले रही है.आलम ये है कि रात आठ बजे ही जुड़वाशहर के बाजार और सड़के सुनी हो जा रही है.विगत तीन दिनों से मेलघाट आदिवासी अंचल में रात का तापमान जहां 7डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया.वही , दिन का तापमान 15 से 16 डिग्री सेल्सियस है.क्रिसमस,थर्टी फर्स्ट और नववर्ष  का जश्न मनाने के लिए सैलानियों द्वारा चिखलदरा में अपने होटलों में आरक्षण सुनिश्चित करने के प्रयास शुरू कर दिए गए है.पिछले दो दिनों से ठंड  बढ़ने से इस सप्ताहांत सैलानियों की भीड़ पर्यटन नगरी में बढ़ती देखी जा रही है.पर्यटकों की भीड़ बढ़ने से परतवाड़ा के बाजार भी गुलजार हो रहे है.
अचलपुर-चांदूर बाजार तहसील में ठंड का सबसे ज्यादा प्रभाव खेतिहर मजदूर तथा किसानों की खेतीबाड़ी पर देखा जा रहा है.खेतो में रबी की फसल लहलहा रही है.गेहूं,चना के साथ ही मिर्च की फसल किसानों ने ली है.फसलो की सिंचाई करने के लिए किसानों को अलसुबह  तथा रात में जाना पड़ता है.कपकपाती ठंड  के कारण स्वास्थ्य पर भी असर देखा जा रहा है.परंतु फसलो को पानी देना आवश्यक होने से किसानों को खेत मे जाना पड़ रहा है.अत्याधिक ठंड के बावजूद कृषक खेत मे जाने को मजबूर है.जुड़वाशहर में व्यापार और कारोबार में मंदी का आलम है.चौक -चौराहो तथा बाजारों में सुबह 11से पहले और शाम 7 बजे के बाद कर्फ्यू जैसे हालात बन रहे है.ठंड का सबसे अधिक लाभ चना फसल को होने की बात कही जा रही है.तुअर पर रोगों और वायरस का प्रभाव होने से पूरी फसल खराब होने की आशंका है जो किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गया है.
इससे अलग है चिखलदरा की स्थिति.वर्तमान में होम स्टे-खाद्य सुविधाओ के अलावा पर्यटकों को खाद्य पदार्थो के स्टॉल हर दर्शनीय स्थल पर उपलब्ध रहते है.चिखलदरा के दर्शनीय स्थल के साथ ही वन उद्यान और गाविलगढ़ किला भी पर्यटकों के लिए खुला होने से सैलानियों के आकर्षण बढ़ने लगा है.चिखलदरा के अलावा यहां पधारे सैलानियों को जंगल सफारी में वन्यप्राणियो के दर्शन भी होने लगे है.वन्यप्रेमी नागरिको के भ्रमण हेतु कोकटु, कोहा,रंगुबेली, ढांकना, कोलकाज, सेमाडोह,कलालकुंड  आदि मनोहारी स्थलों का आकर्षण भी बना रहता है.जिनमे प्राकृतिक सौंदर्य, जलप्रपात और वन्यप्राणियो का समावेश है.
उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन शिथिल होने के बाद 1जनवरी से आज तक चिखलदरा नगर पालिका को करीब 43लाख रुपये आय सिर्फ पर्यटकों से हुई है.नववर्ष का जश्न रात 10 बजे के बाद नही मनाने के सरकारी आदेश के चलते पर्यटकों के उत्साह पर पानी फिरा है.इस कारण होटल व्यवसायी भी नई आशंका से सहमे हुए है.बावजूद इसके बड़ी संख्या में लोगो का मेलघाट में आगमन होना शुरू हो चुका है.

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