अमरावती – /दि.13 स्थानीय माता खिडकी (बुधवारा) स्थित प्राचिन श्रीकृष्ण मंदिर में 18 अगस्त को जन्माष्टमी उत्सव हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाएगा. इस अवसर पर विविध धार्मिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया है. 18 अगस्त को सुबह नामस्मरण, पारायण, भगवान श्रीकृष्ण का मंगलस्थान होगा. उसके पश्चात रात 12 बजे श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा. उल्लेखनीय है कि, राजस्थानी शैली के धौलपुरी पिंक पत्थर से बनी मंदिर की भव्य वास्तु शहर के लिए आकर्षण का केंद्र बनी है. दिल्ली, पंजाब, राजस्थान से भाविक भक्त इस प्राचीन मंदिर में दर्शन के लिए आते है. मंदिर परिसर में स्थित चिंतामणी मंदिर में भाविक भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती है, ऐसा भाविक भक्तों द्बारा कहा जाता है. इतना ही नहीं यह प्राचीन मंदिर भगवान श्रीकृष्ण के पदस्पर्श से पावन मंदिर है.
भागवत कथा के अनुसार कौंडण्यपुर माता रुख्मिणी का मायका है. रुख्मिणी का विवाह शिशुपाल से निश्चित हुआ था किंतु माता रुख्मिणी को शिशुपाल से विवाह नहीं करना था. माता रुख्मिणी मन ही मन भगवान श्रीकृष्ण से प्रेम करती थी और उनसे विवाह करना चाहती थी. इधर भगवान श्रीकृष्ण भी रुख्मिणी से मन ही मन प्रेम करते थे. उन्होंने भी रुख्मिणी से विवाह करने का तय किया. रुख्मिणी ने भगवान श्रीकृष्ण से विवाह करने का प्रस्ताव सुखदेव नामक ब्राह्मण के हाथो भगवान श्रीकृष्ण को भिजवाया. जिसमें उन्होंने कहा कि, शिशुपाल से निश्चित किये गये विवाह के एक दिन पूर्व जब वह कुल की रितीरिवाज के अनुसार अंबादेवी के दर्शन के लिए अंबादेवी मंदिर में जाएंगी, तब मेरा हरण करें.
कहा जाता है कि, जब भगवान श्रीकृष्ण माता रुख्मिणी का हरण करने के लिए आये, तब उन्होंने आज के माता खिडकी स्थित श्रीकृष्ण मंदिर में 3 दिन मुकाम किया था और माता रुख्मिणी के प्रस्ताव के अनुसार जब रुख्मिणी अंबादेवी मंदिर में दर्शन के लिए आई तब भगवान श्रीकृष्ण ने उनका हरण किया. माता खिडकी स्थित श्रीकृष्ण मंदिर भगवान श्रीकृष्ण के पावन चरण स्पर्श से पवित्र मंदिर है, यहां हमेशा भाविकों की भारी भीड रहती है. श्रीकृष्ण जन्मोत्सव बडे उत्साह के साथ मनाया जाता है. जन्माष्टमी के दिन विविध धार्मिक कार्यक्रमों का भी आयोजन यहां किया जाता है. 18 अगस्त को सभी भाविक जन्माष्टमी उत्सव का लाभ लें, ऐसा आवाहन श्रीकृष्ण मंदिर संस्थान के अध्यक्ष सुभाष पावडे, उपाध्यक्ष डॉ. अशोक राउत, सचिव एड. अरुण ठाकरे, कोषाध्यक्ष इंजि. एस.पी. ेदेशमुख, विश्वस्त सुशांत चर्जन, रावसाहब राउत, अनिल सहानी, व्यवस्थापक मंडल के विनोद कराले, नितीन देशमुख, राहुल सावरकर ने किया