दुर्वेश द्बारा बना यंत्र प्रदर्शनी के लिए जापान जाएगा
उसलगव्हाण के अल्पभूधारक किसान की उंची उडान
धामणगांव रेल्वे-/ दि. 20 गरीबी की हालत में पढाई करते करते तहसील के उसलगव्हाण निवासी अल्पभूधारक किसान पुत्र ने साइकिल बुआई यंंत्र बनाया. दिल्ली में 14 से 16 सितंबर तक आयोजित इंस्पायर एवार्ड प्रदर्शनी में दुर्वेश अनिल कोंडेकार द्बारा निर्मित इस प्रतिकृति का अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान प्रदर्शनी में चयन हुआ है. इस प्रदर्शनी के लिए वह जापान जाएगा.
छात्रों को विज्ञान में रूचि बढाने इंस्पायर एवार्ड मानक 6 वीं से 10 वीं कक्षा तक के मेधावी छात्रों को प्रोत्साहित कर उनकी विज्ञान में रूचि बढाना यही इस मानक का उद्देश्य है. इसमें देशभर का स्वायत्त संस्थाओं द्बारा संचालित स्कूल तथा सरकारी विद्यालय के छात्र सहभागी हो सकते है. केन्द्र सरकार के विज्ञान व तकनीकी विभाग तथा नैशनल फाउंडेशन ऑफ इंडिया की ओर से छात्रों को इंस्पायर एवार्ड मान द्बारा प्रोत्साहित किया जा रहा है.
स्थानीय छत्रपति हाईस्कूल से दुर्वेश के साइकिल बुआई यंत्र का नामांकन हुआ था. अब वह अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी के लिए यह प्रतिकृति लेकर जापान जाएगा. प्रतिकृति बनाने में उसे शिक्षक राजेश्वर राणे का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ. इस उपलब्धि पर छात्रवृत्ति हाईस्कूल के मुख्याध्यापक हितेंद्र रोंघे, शिक्षक सुनील ढोरे, दिनकर गोले, सुषमा पुरी, शिवदत्त जगताप, शीतल मसराम, शैला ठाकरे, रमेश धवणे, वासुदेव तिजारे, गणेश अमर्ते, मुरलीधर राजनेकर, दिलीप चव्हाण, सुनील रोंघे, नारायण अतकरे आदि ने दुर्वेश का अभिनंदन किया है.
जिद के बल पर सफलता
भौतिक साधनों के सहारे नहीं बल्कि जिद के बल पर सफलता प्राप्त की जा सकती है, यह आदर्श दुर्वेश कोंडेकार ने सबके सामने रखा है, सभी सुविधाएं उपलब्ध होते हुए भी छात्र सफल नही होते है. दुर्वेश का यह प्रयास सराहनीय है.
बैलों के बिना चलनेवाला यंत्र
आज के युग में किसान बैलों का पालन पोषण करने में असमर्थ है. मवेशियों की संख्या कम होने से कृषि कार्य में बैलों की बिना बुआई करनेवाला साइकिल बुआई यंत्र मैंने बनाया है. इस कार्य में मुझे मार्गदर्शक शिक्षक राजेश्वर राणे व माता पिता का सहयोग प्राप्त हुआ है.
दुर्वेश कोंडेकार, छात्र