अमरावतीविदर्भ

जयनम राजा एयर क्रॉफ्ट मेंटनन्स इंजिनिअरिंग टेस्ट में देश में प्रथम हवाई जहाज की मरम्मत का अवसर मिलेगा

मन में काफी उत्सुकता है छोटे भाई से मिली थी प्रेरणा

प्रतिनिधि/ दि.२०

अमरावती– मुझे पहले पता नहीं था. मगर छोटे भाई से प्रेरणा लेकर मैंने एयर क्रॉफ्ट मेंटनन्स इंजिनिअरिंग कॉमन एंट्रेन्स (एएमई सीईटी)टेस्ट दिया. मुझे उम्मीद थी कि मैं टॉप १५ में आऊंगा परंतु सौभाग्य से पूरे देशभर में प्रथम स्थान आने का सम्मान मिला. इसकी मुझे बहुत खुशी है. अब आगे मुझे हवाई जहाज जेैसे नए क्षेत्र में हवाई जहाज मरम्मत करने का अवसर मिलेगा. इसकी मुझे काफी उत्सुकता है, ऐसा अमरावती के जयनम जयेशभाई राजा ने दै.अमरावती मंडल से विशेष साक्षात्कार में बताया. जयनम अमरावती के गव्हर्नमेंट पॉलिटे्िननक का छात्र है. हाल ही में ने एयर क्रॉफ्ट मेंटनन्स इंजिनिअरिंग कॉमन एंट्रेन्स (एएमई सीईटी) टेस्ट दिया. इसमें पूरे देशभर के छात्रों ने भाग लिया था. इस टेस्ट में जयनम ने देश स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया है. जयनम अपनी सफलताा का श्रेय पॉलिटे्िननक इलेक्ट्रीक डिपार्टमेंट के एचओडी गजानन सराटे, प्रोफेसर कपिल पासपोर, पूजा जैन, सोनाली राउत व पॉलिटे्िननक के पूरे स्टॉफ को देते है, इसके अलावा गुजराती समाज के दिलीपभाई पोपट, मम्मी सोनल राजा, पप्पा जयेश राजा, छोटा भाई वशिष राजा, बडे भाई मोहित (श्याम) नरेशभाई पोपट को देते है. दैनिक अमरावती मंडल से चर्चा में जयनम राजा ने बताया कि इस क्षेत्र में उनके छोटे भाई को काफी रूचि थी. वे पॉलि की पढाई कर रहे थे. उन्हें यह नहीं पता कि पॉलि के साथ एयर क्रॉफ्ट मेंटनन्स इंजिनिअरिंग कॉमन एंट्रेन्स (एएमई सीईटी) टेस्ट भी दिया जा सकता है. छोटे भाई ने उन्हें इस बात से प्रेरित किया और उन्होंने लॉकडाउन कॉल के तीन महिनों तक जमकर मेहनत की इसके बाद यह टेस्ट दिया. जिसमें जबर्दस्त सफलता हासिल हुई. उन्होंने बताया कि बचपन से ही उन्हें हवाई जहाज को लेकर काफी रूचि थी. अब किस्मत से यह टेस्ट पास हो चुका हूं अब इसके बाद दो वर्ष का कोर्स करना पडेगा. उसके बाद इंडस्ट्रियल इंजिनिअरिंग की ट्रेनिंग होगी. यह पूरा कर ने के बाद ४० लाख रुपए सालाना तक पैकेज मिलेगा. देश में इससे पहले इस तरह के कोर्स नहीं होते थे. बीते दो-तीन वर्षों से भारत में कोसेर्स शुुरु हुए है.जयनम ने साक्षात्कार के दौरान अपने साथ पढने वाले सहपाठी, दोस्त और हमउम्र विद्यार्थियोें को संदेश देते हुए बताया कि जीवन में कभी हार न माने, अगर किसी भी परीक्षा में कम अंक आते है तो ओर कडी मेहनत व लगन के साथ कडी मेहनत के साथ फिर से परीक्षा दें. जीत के साथ की गई मेहनत कभी विफल नहीं होती, निश्चित ही सफलता हासिल होगी, ऐसा भी जयनम ने संदेश दियाा.

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