अमरावती/ दि. 15– शासन की ओर से 14 वां वित्त आयोग का 100 प्रतिशत निधि ग्राम पंचायत को दिया जाता था. किंतु 15 वां वित्त आयोग में कुछ सुधार करने के बाद ग्राम पंचायत को 80 प्रतिशत तथा जिला परिषद, पंचायत समिति के लिए 10 प्रतिशत निधि देने की नीति शासन ने लायी. किंतु इस स्थानीय स्वराज्य संस्था के चुनाव में विलंब होने से फिलहाल इस संस्था पर प्रशासक राज है. जिसके कारण 10 करोड रूपए अटके है.
14 वीं वित्त आयोग की समयावधि खत्म होने के बाद 15 वां वित्त आयोग लागू किया. 14 वां वित्त आयोग में मंजूर 100 प्रतिशत निधि ग्राम पंचायत को दिया जाता है. किंतु जि.प. पंचायत समिति को एक रूपया भी नहीं दिया जाता था. जिसके कारण नाराजी व्यक्त की जा रही थी. इसकी दखल लेकर शासन ने 15 वें वित्त आयोग में कुछ सुधारना की है. इसमें ग्राम पंचायत को 80 प्रतिशत जिला परिषद व पंचायत समिति के लिए 10 प्रतिशत निधि देने का निर्णय लिया. जिसके कारण जि. प. सदस्यों में संतोष व्यक्त किया जा रहा था. किंतु इस संस्था पर पदाधिकारियोें का कार्यकाल खत्म होने पर भी अभी तक चुनाव नहीं हुए. परिणामस्वरूप 15 वां वित्त आयोग की निधि में भी रोक लगी है. सन 2023-24 इस आर्थिक वर्ष के 10 करोड रूपए जि. प. व समिति को नहीं मिले.
* ऐसे किए जाते है काम ?
15 वें वित्त आयोग के माध्यम से सार्वजनिक शौचालय का निर्माण करना, नाली बनाना, कंपोस्ट खाद तैयार करना, गांडूल खाद तैयार करना, शौचालय के गढ्ढे, , रास्ते, चौक में वॉश बेसिन, धोबी घाट, गोबर गैस, सार्वजनिक शौचालय सुधार, प्राथमिक शाला, अंगणवाडी में शौचालय बनाना, घनकचरा व्यवस्थापन, सार्वजनिक शौचालय निर्माण करना, जलापूर्ति योजना का विस्तार सुधार, इस प्रकार 50 से अधिक काम कर सकते है.
15 वें वित्त आयोग की 80 प्रतिशत निधि ग्राम पंचायत के लिए उपलब्ध हुई है. जिला परिषद पंचायत समिति के वितरण का प्रत्येक को 10 प्रतिशत ऐसा 20 प्रतिशत निधि अप्राप्त है.
श्रीराम कुलकर्णी,
प्रभारी उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी