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जिले में फिर झमाझम, मूसलाधार शुरू

वरूड में अतिवृष्टि, जलप्रलयवाले हालात बने

* बाढ के पानी में शे. घाट का युवक बहा
* हजारों हेक्टेयर कृषि क्षेत्र पानी में डूबा
* नदी किनारेवाले गांवों में बाढ का पानी घूसा
* अप्पर वर्धा बांध के सभी दरवाजे खुले
* वर्धा नदी बह रही खतरे के निशान से उपर
* जिले के सभी नदी-नाले व तालाब हुए ओवरफ्लो
अमरावती/दि.8– विगत करीब आठ-दस दिन तक विश्राम करने के बाद बीती रात से अमरावती शहर सहित जिले में मान्सून एकबार फिर सक्रिय हुआ. जिसके चलते कल दोपहर बाद आसमान में काले-घने बादलों का जमावडा लगना शुरू होने के साथ-साथ बिजली की तेज गडगडाहट का दौर भी शुरू हुआ और शाम होते-होते पानी की बौछारे पडनी शुरू हो गई, जो रात होते-होते मूसलाधार बारिश में तब्दील हो गई. वही कल दोपहर से जिले की वरूड तहसील में अतिवृष्टिवाले हालात बने, जहां पर 24 घंटे के दौरान रिकॉर्ड 92 मिमी पानी बरसा है. इसमें भी वरूड तहसील के शेंदूरजना व पुसला मंडल में प्रति मंडल 110 मिमी बारिश दर्ज की गई. ऐसी स्थिति को बादल फटनेवाली स्थिति माना जाता है. ऐसे में इस समय समूचा वरूड तहसील क्षेत्र बाढ व बारिश की स्थिति से जूझ रहा है और यहां पर हर ओर जलजमाववाली स्थिति बन गई है. साथ ही नदी-नालों में बाढ का उफान आया हुआ है. जिसके चलते किनारे पर रहनेवाले गांवों में बाढ का पानी जा घुसा है तथा एक बार फिर क्षेत्र में हजारों एकड कृषि भूमि पानी में डूब गई है. जिससे खरीफ फसलों के बर्बाद होने का पूरा खतरा बना हुआ है. वहीं वरूड तहसील के रवाला गांव में शेंदूरजनाघाट में रहनेवाला अंकुश मधुकर धुर्वे नामक 31 वर्षीय युवक बाढ के पानी में बह गया. जिसकी तलाश हेतु तुरंत ही जिला आपत्ति व्यवस्थापन पथक को काम पर लगाया गया है, लेकिन अब तक इस युवक का कहीं कोई अता-पता नहीं चल पाया है.
वही दूसरी ओर वरूड में अचानक हुई अतिवृष्टि की वजह से हालात काफी बिकट हो गये है और क्षेत्र से होकर गुजरनेवाली सातनूर व चूडामन नदी में अच्छी-खासी बाढ आ गई और बाढ का पानी इन नदियों पर बने पुलों के उपर से होकर बहने लगा. चूडामन नदी में आयी बाढ की वजह से मिरची प्लॉट, साने गुरूजी कालोनी व खडकपिंड परिसर के करीब 47 से 48 लोग बाढ के पानी में घिर गये थे. वहीं सातनूर नदी के पूल पर भी बाढ का पानी रहने के चलते दूसरी ओर अनेकों लोग फंस गये थे. जिसकी जानकारी मिलते ही जिला आपत्ति व्यवस्थापन पथक का दस्ता रविवार की सुबह 12 बजे के आसपास दोनों स्थानों पर पहुंचा और बाढ में फंसे सभी लोगों को सकुशल सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाते हुए उनके भोजन व निवास की व्यवस्था की गई. जिलाधीश पवनीत कौर व राज्य आरक्षित पुलिस बल गट क्रमांक 9 के समादेशक पंकज डहाणे के आदेश पर निवासी उपजिलाधीश आशिष बिजवल, जिला आपत्ति व्यवस्थापन अधिकारी सुरेंद्र रामेकर व पुलिस निरीक्षक मारूती नेवारे के मार्गदर्शन में टीम लीडर दीपक दोरस, गजानन वाडेकर, उदय मोरे, अमोल पवार, आकाश नीमकर, अर्जून सुदरडे, अजय आसोले, महेश मांदाले, प्रफुल भुसारी, सूरज लोणारे व वाहन चालक गजानन मुडे की टीम ने सफलतापूर्वक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया.
इसके अलावा वरूड तहसील क्षेत्र से होकर बहनेवाली जाम नदी में अच्छी-खासी बाढ रहने के चलते बाढ का पानी नदी पर बने पुलों के उपर से होकर बह रहा था. ऐसे में वरूड-काटोल मार्ग पर भारसिंगी के निकट पुलिया के उपर से नदी का पानी बहने के चलते दोनों ओर के यातायात को रोक दिया गया था.
* शे. घाट की जीवना व देवना नदी में 40 वर्ष बाद आयी बाढ
इसके अलावा वरूड तहसील में हर ओर जलजमाववाली स्थिति रही. पूरा दिन चली बारिश की वजह से वरूड तहसील के नागठाणा प्रकल्प, सातनूर प्रकल्प, चहादा वाई, मालखेड, झटामझिरी, पुसला, शेकदरी व पाक प्रकल्प सहित जिला परिषद के सभी छोटे-बडे तालाब 100 फीसद भरकर ओवरफ्लो होने लगे. जिसके चलते शेंदूरजनाघाट गांव के बीचोंबीच से होकर बहनेवाली जीवना व देवना नदी में विगत 40 वर्षों के इतिहास में पहली बार बडी भारी बाढ आयी. जिसकी वजह से शेंदूरजनाघाट परिसर में कई लोगों के घरों में बाढ का पानी घूस गया. इसी तरह तिवसाघाट में भी बाढ का पानी गांव में घूस जाने की वजह से आने-जाने का रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया था.
* अप्पर वर्धा से जमकर हो रहा जलविसर्ग
अमरावती जिले सहित महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश की सीमा पर स्थित सतपुडा के पर्वतीय क्षेत्र में भी इस समय भारी वर्षा हो रही है. जिसके चलते पहाडों से होकर उतरनेवाला पानी बडे पैमाने पर अप्पर वर्धा बांध में आकर जमा हो रहा है और बांध का जलस्तर लगातार उंचा उठ रहा है. इस समय बांध में करीब 90 फीसद जलसंग्रहण हो चुका है. ऐसे में बांध में बढते जलसंग्रहण को देखते हुए विगत शनिवार को ही अप्पर वर्धा बांध के सभी दरवाजों को 60 सेमी तक खोलते हुए नदी में प्रति सेकंड 1255 घनमीटर पानी छोडना शुरू किया गया था. इसके बाद भी बांध के जलसंग्रहण क्षेत्र में झमाझम बारिश का दौर शुरू रहने के चलते जलनिकासी के प्रमाण को बढा दिया गया है. ऐसे में अब वर्धा नदी खतरे के निशान से उपर बहने लगी है. जिसके चलते मोर्शी-आष्टी मार्ग सहित कौंडण्यपुर-आर्वी मार्ग पर यातायात को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. साथ ही वर्धा नदी के किनारे रहनेवाले सभी गांवों को सतर्क कर दिया गया है. मौसम विभाग द्वारा जारी किये गये अनुमान के मुताबिक आगामी दो-तीन दिनों तक बारिश का जोर कायम रहने की पूरी उम्मीद है. ऐसे में बाढ और जलजमाव की यही स्थिति बनी रह सकती है.
* दहीगांव-धानोरा तालाब हुआ ओवरफ्लो
अमरावती तहसील क्षेत्र में इस समय दहीगांव-धानोरा तालाब ओवरफ्लो हो गया है. जिसके चलते यद्यपि इस समय क्षेत्र के किसानों की सिंचाई संबंधी चिंता मिट गई है. लेकिन फिलहाल अधिकांश खेतों में बारिश का पानी जमा रहने की वजह से खरीफ फसलों के बर्बाद होने का खतरा मंडरा रहा है.
* कई घरों को हुआ नुकसान, 170 जानवर भी बहे
मोर्शी-वरूड क्षेत्र में जहां बीते 36 घंटों से झमाझम बारिश हो रही है, वही अमरावती शहर सहित जिले के अन्य तहसील क्षेत्रों में बीते 24 घंटे के दौरान जमकर पानी बरसा. जिसके चलते जहां मोर्शी-वरूड क्षेत्र स्थित बागानों में संतरे की फसल बुरी तरह से बर्बाद हुई है. जिसके चलते 250 करोड रूपयों का नुकसान होने का अनुमान है. वही इन दोनों तहसीलों सहित समूचे जिले में कई स्थानों पर मूसलाधार बारिश और पानी के तेज बहाव की वजह से कच्चे व पक्के मकानों का बडे पैमाने पर नुकसान हुआ है. साथ ही बाढ के पानी में 170 जानवरों के बह जाने की भी खबर सामने आयी है.
* समूचे जिले में जनजीवन हुआ बुरी तरह से अस्त-व्यस्त
जहां एक ओर बीते 24 घंटे के दौरान मोर्शी व वरूड क्षेत्र बाढ व बारिश की स्थिति की वजह से बुरी तरह प्रभावित रहे. वहीं दूसरी ओर जिले के अन्य इलाकों में भी लगातार होती बारिश की वजह से आम जन-जीवन बुरी तरह से अस्त-व्यस्त रहा. बीते 24 घंटे के दौरान जिले की वरूड तहसील में सर्वाधिक 92 मिमी बारिश हुई. वहीं नांदगांव खंडेश्वर में 43.1, मोर्शी में 35.5, अमरावती में 33.1, धामणगांव रेल्वे में 32.3, भातकुली में 27.4, चांदूर रेल्वे में 26.9, चांदूर रेल्वे में 26.9, तिवसा में 24.7, चांदूर बाजार में 21.5, अचलपुर में 18.0, चिखलदरा में 17.3, दर्यापुर में 17.2, अंजनगांव में 11.2, धारणी में 10.4 मिमी पानी बरसा है.

जिले में हुई तहसीलनिहाय बारिश
तहसील             पानी बरसा (मिमी)
वरूड                     92.0
नांदगांव खंडेश्वर       43.1
मोर्शी                    35.5
अमरावती              33.1
धामणगांव रेल्वे       32.3
भातकुली               27.4
चांदूर रेल्वे              26.9
चांदूर रेल्वे              26.9
तिवसा                  24.7
चांदूर बाजार            21.5
अचलपुर                18.0
चिखलदरा              17.3
दर्यापुर                  17.2
अंजनगांव              11.2
धारणी                  10.4

* वाशिम के निंभा परिसर में बादल फटा!
– पूरा गांव ही बन गया तालाब, प्रशासन ने जारी किया अलर्ट
उधर विगत पांच दिनों से वाशिम के कई इलाकों में बादल फटने की तरह बारिश हो रही है और कल शाम मंगरूलपीर तहसील के निंभा परिसर में हुई अतिवृष्टि की वजह से पूरा गांव किसी तालाब में तब्दील दिखाई दे रहा है. वही वाशिम जिले के सभी तहसील क्षेत्रों में भी मूसलाधार बारिश चल रही है. जिसके चलते कारंजा तहसील के अडान, मालेगांव तहसील के सोनल तथा वाशिम तहसील के एकबूर्जी बांध सहित सभी छोटे-बडे प्रकल्प शत-प्रतिशत भरकर ओवरफ्लो हो रहे है. ऐसे में सभी बांधों से जलविसर्ग किया जा रहा है. जिसके चलते सभी नदी-नालों में बाढ आयी हुई है और कई गांवों का अन्य क्षेत्रों से संपर्क टूट गया है.

* यवतमाल के वरूड प्रकल्प में पति-पत्नी बहे
यवतमाल जिले की रालेगांव तहसील अंतर्गत वरूड लघु प्रकल्प के पानी में सुभाष राउत (50) व सुरेखा राउत (45) नामक पति-पत्नी बह गये है. पता चला है कि, ये दोनों ही अपनी फसलों की रखवाली करने हेतु रात के समय अपने खेत में गये थे और सुबह घर वापिस लौटते समय वरूड तालाब प्रकल्प की नहर को पार करते हुए एक-दूसरे का हाथ पकडकर आगे बढ रहे थे. किंतु इसी समय पैर फिसल जाने की वजह से वे बाढ के पानी में बह गये. इस घटना का पता चलते ही गांववासियों ने उन्हें बचाने के लिए काफी प्रयास किये, जो असफल रहे. पश्चात गांव के पास से होकर बहनेवाली नंदीनी नदी से पति-पत्नी के शव बरामद हुए.
* संभाग के सभी जिलों व तहसीलों में झमाझम
अमरावती शहर व जिले सहित संभाग के अन्य सभी जिलों व तहसीलों में विगत 24 घंटे के दौरान झमाझम बारिश हुई है. जिसमें यवतमाल जिले में सर्वाधिक 55.3 मिमी व बुलडाणा जिले में सबसे कम 6.8 मिमी पानी बरसा है. विभागीय आपत्ति व्यवस्थापन कक्ष द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक आज दोपहर 12 बजे तक अमरावती संभाग में औसत 29.2 मिमी बारिश हुई है. संभाग में चहुंओर हुई बारिश के चलते हर ओर नदी-नालों में पानी का उफान देखा गया.

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