अमरावतीमुख्य समाचार

जिले में चहुंओर झमाझम, रातभर हुई मूसलाधार बारिश

हर ओर बाढ व बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त

* मोर्शी, तिवसा व चांदूर बाजार में हालात गंभीर
* पिंगलाई नदी की बाढ में फंसे 44 लोग
* खरवाडी नाले की बाढ में बच्चे सहित तीन बहे
* राहत व बचाव पथक ने समय रहते किया रेस्क्यू
* सभी प्रभावितों को बाढ के पानी से सकुशल बाहर निकाला गया
* हजारों एकड खेतों में पानी घुसा, जनजीवन बुरी तरह से हुआ अस्त-व्यस्त
अमरावती/दि.5- बीती रात जिले में चहुंओर झमाझम बारिश हुई. इसके साथ ही विगत लंबे समय से बारिश को लेकर की जा रही प्रतीक्षा खत्म हुई, लेकिन इस पहली ही मूसलाधार बारिश ने जिले में आम जनजीवन को बुरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया. साथ ही रातभर हुई मुसलाधार बारिश के चलते जिले के मोर्शी, तिवसा एवं चांदूर बाजार तहसीलों में कई स्थानों पर बाढ सदृश्य स्थिति बन गई और हजारोें एकड खेत बाढ व बारिश के पानी में डूब गये. जिसकी वजह से अब तक हुई बुआई के बर्बाद हो जाने का खतरा जताया जा रहा है.

बीती रात अमरावती शहर सहित जिले के सभी तहसील क्षेत्रों में अच्छा-खासा पानी बरसना शुरू हुआ और देखते ही देखते बारिश का जोर बढता चला गया. झमाझम बारिश होने के चलते मोर्शी, तिवसा एवं चांदूर बाजार तहसीलों में कई स्थानों पर नदी-नालों में उफान आ गया और कुछ नदी-नालों में तो पानी का बहाव खतरे के निशान से उपर दिखाई देने लगा. ऐसें में देखते ही देखते कई स्थानों पर रास्ते जलमग्न हो गये और कई घरों में बारिश का पानी जा घुसा. इसके अलावा तीनों ही तहसील क्षेत्रों में हजारों एकड खेतों में बारिश का पानी जमा हो गया. ऐसे में हाल-फिलहाल की गई बुआई के बर्बाद होने का खतरा भी दिखाई दे रहा है.
यहा यह विशेष उल्लेखनीय है कि, मनपा क्षेत्र सहित सहित नगरपालिका व नगर पंचायत के साथ-साथ ग्रामपंचायत क्षेत्रों में साफ-सफाई का अभाव रहने के चलते कचरे से भरी नालियां अवरूध्द रही और बारिश के पानी की निकासी नहीं हो पायी. जिसकी वजह से परेशानियां और भी अधिक बढती दिखाई दी. समाचार लिखे जाने तक जिला प्रशासन द्वारा विगत 24 घंटों के दौरान हुई बारिश की वजह से हुए नुकसान की जानकारी व आंकडों को संकलित करने के काम में जुटा हुआ है और अब तक बाढ व बारिश की वजह से कहीं पर किसी तरह प्राणहानि होने की खबर सामने नहीं आयी है. हालांकि कई स्थानों पर तेज आंधी-तूफान की वजह से झाड उखडकर गिरने के चलते वाहनों एवं संपत्तियों का नुकसान जरूर हुआ है. इसके अलावा बाढ व बारिश का पानी घरों व खेतों में घुसने की वजह से भी जीवनावश्यक साहित्य एवं फसल बुआई की बर्बादी हुई है.

खरवाडी नाले में 10 वर्षीय बच्चे के साथ ही मोटरसाईकिल समेत 2 लोग बहे
विगत 24 घंटे से चल रही झमाझम बारिश के चलते चांदूर बाजार तहसील अंतर्गत खरवाडी नाला पूरे उफान पर बहने लगा. ऐसे में इस बाढ की जानकारी मिलते ही जिला आपत्ति नियंत्रण कक्ष का दस्ता तुरंत ही मौके पर पहुंचा और नाले के किनारे रहनेवाली बस्तियों को तुरंत खाली कराते हुए वहां के लोगों को सुरक्षित स्थान पर भिजवाया गया. लेकिन इसी दौरान बोधी गजानन मनोहरे नामक एक दस वर्षीय बच्चा पांव फिसल जाने की वजह से बाढ के पानी में जा गिरा. यह बात ध्यान में आते ही राहत एवं बचाव दल के सदस्यों ने तुरंत बाढ के पानी में छलांग लगाकर इस बच्चे को सकुशल बाहर निकाला. इसके अलावा खराला गांव निवासी बंडू खैरकर (50) तथा दिलीप डाखोरे (52) नामक दो लोग अपनी दुपहिया पर सवार होकर दवाखाने के काम से अमरावती जाने निकले, लेकिन इसी बीच बाढ के पानी में फंस गये और दुपहिया सहित बाढ के पानी में बहने लगे. इस बात का पता चलते ही राहत एवं बचाव दल एक बार फिर हरकत में आया तथा दोनों लोगों को बाढ के पानी में से मोटरसाईकिल समेत सकुशल बाहर निकाला गया.

* पिंगलाई नदी से किया गया 44 लोगों का रेस्क्यू
उधर दूसरी ओर आज सुबह 7 बजे जिलाधीश कार्यालय अंतर्गत कार्यरत जिला नियंत्रण कक्ष को जानकारी मिली कि, तिवसा तहसील अंतर्गत पिंगलाई नदी में बाढ आयी हुई है और नदी के किनारे करीब 44 लोग अपनी जान मुठ्ठी में लिये बैठे है. यह जानकारी प्राप्त होते ही जिला नियंत्रण कक्ष का रेस्क्यू दल तुरंत मौके पर पहुंचा और सुबह 9 से 11 बजे के दौरान सभी 44 लोगों को सकुशल रेस्क्यू किया गया. इन दोनों ही राहत व बचाव अभियान को जिला आपत्ति व्यवस्थापन अधिकारी सुरेंद्र रामेकर की अगुआई में राजस्व एवं एसआरपीएफ व स्थानीय पुलिस के दल द्वारा चलाया गया.

* 8 जुलाई तक बनी रहेगी अतिवृष्टि की स्थिति
बता दें कि, इस समय छत्तीसगढ में कम दबाववाला क्षेत्र निर्माण हुआ है. जिसके चलते अमरावती सहित आसपास के जिलों में आसमान पर काले-घने बादल छाये हुए है और अमरावती सहित विदर्भ के सभी जिलों में रविवार की रात से ही झमाझम बारिश होनी शुरू हुई. यह स्थिति आगामी 8 जुलाई तक बने रहने की संभावना जताई गई है.

* अपेक्षा से कम हुई है बारिश
बता दें कि, अमरावती जिले में 1 जून से 30 सितंबर के दौरान औसत 862 मिमी पानी बरसने की अपेक्षा की जाती है. जिसमें से जून माह से लेकर जुलाई माह के प्रारंभ तक 190.4 मिमी पानी बरसना अपेक्षित होता है. जिसमें से अब तक 170.3 मिमी पानी बरस चुका है, जो अब तक अपेक्षित वर्षा का 89.4 प्रतिशत तथा सालाना औसत वर्षा का 19.8 फीसद है. इसमें से विगत 24 घंटे के दौरान ही अमरावती जिले में 52.5 मिमी औसत वर्षा हुई है. उल्लेखनीय है कि, विगत वर्ष इसी समय तक 215.1 मिमी बारिश हो चुकी थी, जो कुल अपेक्षित वर्षा की तुलना में 113 फीसद थी. ऐसे में इस वर्ष अपेक्षित वर्षा के साथ-साथ विगत वर्ष की तुलना में बारिश कम हुई है.

* तिवसा में सर्वाधिक झमाझम
विगत 24 घंटों के दौरान हुई बारिश के आंकडों को देखने से पता चलता है कि, इस दौरान अकेले तिवसा तहसील में ही 125.5 मिमी पानी बरसा. जिसकी वजह से देखते ही देखते तिवसा तहसील में बाढ सदृश्य हालात बन गये. इसके अलावा मोर्शी में 91.6 मिमी, धामणगांव रेल्वे में 72.3 मिमी., अमरावती में 67.5 मिमी. तथा चांदूर बाजार में 60.0 मिमी. बारिश हुई है. जिसकी वजह से जनजीवन काफी हद तक अस्त-व्यस्त हुआ है.

* मोर्शी तहसील में 40 घरों का अंशत: नुकसान, 572 घरों में घुसा बारिश का पानी
– 3007 हेक्टेयर खेती का नुकसान, 700 हेक्टेयर खेतों की मिट्टी बही
बीते 24 घंटे के दौरान हुई बारिश के चलते मोर्शी तहसील में बडे पैमाने पर नुकसान हुआ है. जहां पर नेरपिंगलाई, रिध्दपुर, अंबाडा, शिरखेड, धामणगांव, मोर्शी व हिवरखेड राजस्व मंडलों में करीब 3007 हेक्टेयर कृषि क्षेत्र में बारिश का पानी जा घुसा और 700 हेक्टेयर क्षेत्र में उपजावू मिट्टी बह गई. वहीं करीब 572 घरों में बारिश का पानी घुसने से जीवनोपयोगी साहित्य की बर्बादी हुई और अकेले धामणगांव राजस्व मंडल में ही 40 कच्चे मकानों का अंशत: नुकसान हुआ है. ऐसे में बाढ प्रभावित क्षेत्रों से करीब 357 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थलांतरित किया गया है.

* पूर्व पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने किया तिवसा के बाढ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा
तिवसा तहसील के तिवसा, मोझरी, वरखेड, तारखेड व सातरगांव आदि गांवों में बाढ की वजह से मचे हाहाकार की खबर मिलते ही पूर्व पालकमंत्री तथा तिवसा निर्वाचन क्षेत्र की विधायक यशोमति ठाकुर तुरंत ही बाढ प्रभावितों से मिलने संबंधीत गांवों में पहुंची और उन्होंने इन क्षेत्रों में हुए नुकसान का जायजा लेने के साथ ही बाढ प्रभावितों को जल्द से जल्द सहायता एवं मुआवजा मिलने हेतु आवश्यक कदम उठाने के निर्देश जारी किये.


* सांसद डॉ. बोंडे ने किया बाढ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा
वही राज्यसभा सांसद डॉ. अनिल बोंडे ने आज सुबह जिले के अलग-अलग तहसील क्षेत्रों का दौरा करते हुए बाढ से हुए नुकसान का मुआयना किया. साथ ही राजस्व महकमे को बाढ प्रभावितों की सहायता के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी किये.


* पूर्व राज्यमंत्री बच्चु कडू ने लिया हालात का जायजा
इसके अलावा अचलपुर निर्वाचन क्षेत्र के निर्दलीय विधायक तथा पूर्व राज्यमंत्री बच्चु कडू ने आज चांदूर बाजार तहसील क्षेत्र का दौरा करते हुए बाढ और बारिश की वजह से हुए नुकसान का जायजा लिया. साथ ही बाढ प्रभावितों को ढांढस बंधाते हुए प्रशासन को निर्देश दिये कि, प्रभावितों को जल्द से जल्द सहायता उपलब्ध करायी जाये.

* 24 घंटे के दौरान हुई तहसीलनिहाय बारिश
धारणी –                 48.4 मिमी.
चिखलदरा –            29.4 मिमी.
अमरावती –             67.5 मिमी.
भातकुली –              29.8 मिमी.
नांदगांव खंडे. –        27.8 मिमी.
चांदूर रेल्वे –           37.7 मिमी.
तिवसा –                125.5 मिमी.
मोर्शी –                  91.6 मिमी.
वरूड –                   59.7 मिमी.
दर्यापुर –                21.3 मिमी.
अंजनगांव –            27.0 मिमी.
अचलपुर –              36.9 मिमी.
चांदूर बाजार –          60.0 मिमी.
धामणगांव रेल्वे –     72.3 मिमी.
कुल औसत –           52.5 मिमी.

चांदूर बाजार शहर हूआ जलामय
* सैकडों के आशियाने हुए जमींदोज
* घरों में पानी घुसने हुआ लाखो का नुकसान
* नाले का पानी शहर मे घुसा, सडकें डूबी
चांदूर बाजार से हमारे संवाददाता माजिद इकबाल द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक चांदूर बाजार शहर सहित तहसील क्षेत्र में विगत रात से ही मौसम ने अचानक करवट ली, आसमान मे घने काले बादलो ने घेराव कर लिया था, विगत रात 2 बजे से ही समूचे तहसील मे तेज बारिश शुरु हुई. बता दें कि, चांदूर बाजार तहसील से सटकर मध्यप्रदेश राज्य की सीमा में स्थित सतपुडा की पहाड़ी श्रृंखला है, जहां विगत रात से तेज बारिश शुरु है, ऐसे में पहाडों से उतरनेवाले पानी के कारण शहर से गुजरने वाले सभी नदी-नालों में बाढ वाली स्थिति बन गई. आज सुबह जब मालीपुरा, धर्मालपुरा व रामभट प्लॉट सहित अन्य परिसर के लोग नींद से जागे, तब उनके घरो मे मे पानी घुस चुका था, शहर से सटकर गुजरने वाले नाले के तेज बहाव ने कई जगहो से रास्ता बना लिया, जिसके कारण कई घर धराशाई हो गए. घरो मे रखा सामान, कपडे, अनाज पूरी तरह बर्बाद हो गया, कई घरो की दीवारे ढह गई. जिन परिवारो का नुकसान हुआ, उनमें से ज्यादातर लोग मेहनत-मजदूरी करनेवाले हैं, ऐसे मे इस कुदरती आफत से उनके आशियाने पूरी तरह तबह व बर्बाद हो गए. इस बात के मद्देनजर शहर के युवाओं ने मदद का हाथ आगे बढ़ाते हुए पानी में फंसे लोगो सहित सामान को बाहर निकाला.
आज सुबह राहत एवं बचाव कार्य जारी रहने के दौरान तहसीलदार धीरज स्थूल भी अपने दलबल के साथ मौके पर मौजूद थे, सुबह से शुरू हुआ यह काम दोपहर 12 बजे तक जारी रहा. तहसील के अन्य ग्रामो मे भी इसी तरह के नुकसान की खबरे सामने आ रही हैं.
* सडक निर्माण का ठेका रहनेवाली कंपनी की लापरवाही से बिगडे हालात
पता चला है कि, चांदूर बाजार शहर से होकर गुजरनेवाले राष्ट्रीय महामार्ग का इस समय काम चल रहा है. इसी मार्ग पर स्थित नाले के उपर परतवाडा की ओर जाने हेतु पुल बना हुआ है. लेकिन ठेकेदार कंपनी द्वारा धीमी गति से किये जा रहे काम के चलते इस पुल से संबंधित काम अब तक पूरा नहीं हो पाया है, बल्कि पुल की बगल से मोड रास्ता निकाला गया है. जिसके लिए पुल के नीचे काफी मिट्टी डाली गई है. ऐसे में नाले के पानी को आगे बढने के लिए रास्ता ही नहीं मिला और पानी ने अपना रास्ता खुद ही बना लिया, जिसकी वजह से शहर के कई रिहायशी इलाकोें में बाढ व बारिश का पानी जा घुसा. जिसके चलते हजारों आशियाने बर्बाद हो गये.
* प्रभावितों में मचा हाहाकार, आंखों में दर्द का सैलाब
आज सुबह आसमान से होती बारिश और जमीन पर जमे पानी की वजह से अपने आशियानों को उजडता देख बारिश व बाढ प्रभावितोें की आंखों में भी सैलाब उमड आया था और जिन-जिन इलाकों में बाढ का पानी घुसा, उन सभी इलाकों में हाहाकार का माहौल रहा.
* कई वर्षो से हो रही सुरक्षा दीवार बनाने की मांग
बता दें कि, वर्ष 2007 मे भी इसी तरह का नजारा शहर मे देखने को मिला था, इसी तरह इसी नाले से पानी शहर मे घुसा था, उस समय भी काफी घर बर्बाद हो गए थे, तबसे ही नाले के दोनो ओर सुरक्षा दीवार बनाने की मांग नागरीको द्वारा की जा रही है लेकिन बावजूद इसके अभी तक इस ओर कोई ध्यान नही दिया गया जिसका नतीजा आज देखने को मिला है.
*जल्द से जल्द मुआवजा दिलाने का होगा प्रयास
पीड़ितो को जल्द से जल्द सरकार की ओर से मदद मिले इसकी हम पूरी पूरी कोशिश करेंगे, साथ इस इस तरह की कोई और अनहोनी ना हो इसके लिए सरकार को नाले के दोनो ओर वॉल बनाने की मांग तुरंत की जायेगी.
-धीरज स्थूल
तहसीलदार, चांदूरबाजार

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