अमरावतीमहाराष्ट्र

जिजाउ की सुराज्य व स्वराज्य की संकल्पना से ही हुई तेजोमय हिंदवी स्वराज्य की स्थापना

जिजाउ स्मृति व्याख्यानमाला में प्रा. डॉ. नयना कडू का कथन

अमरावती/दि.1– स्थानीय जिजाउ कमर्शियल को-ऑप. बैंक द्वारा 350 में जिजाउ स्मृति दिवस के निमित्त शेगाव नाका स्थित अभियंता भवन में तीन दिवसीय जिजाउ स्मृति व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया था. इस व्याख्यानमाला के तीसरे दिन ‘स्वराज्य प्रेरक राष्ट्रमाता जिजाउ व महिला सक्षमीकरण’ विषय पर राज्य की ख्यातनाम वक्ता एवं संत साहित्य की गहन अभ्यासक प्रा. डॉ. नयना कडू ने अपने विचार व्यक्त करते हुए प्रतिपादित किया कि, राजमाता जिजाउ द्वारा देखे गये स्वराज्य व सुराज्य के स्वप्नों की वजह से ही शिवराज्याभिषेक व तेजोमय हिंदवी स्वराज्य का ऐतिहासिक पल साकार हो पाया था.
इस व्याख्यानमाला में प्रमुख अतिथि के तौर पर पूर्व सांसद अनंत गुढे, अखिल भारतीय गुरुदेव सेवा मंडल (मोझरी) की अध्यक्षा श्रीमती पुष्पा बोंडे, महात्मा फुले को-ऑप. बैंक के अध्यक्ष दिलीप लोखंडे व जिजाउ कमर्शियल को-ऑप. बैंक के अध्यक्ष इंजि. अविनाश कोठाले उपस्थित थे. इस अवसर पर सर्वप्रथम सभी गणमान्य अतिथियों द्वारा राष्ट्रमाता जिजाउ के तैलचित्र पर माल्यार्पण करते हुए दीप प्रज्वलन किया गया. जिसके उपरान्त जिजाउ बैंक के अध्यक्ष इंजि. अविनाश कोठाले ने आयोजन की प्रस्तावना रखते हुए जिजाउ बैंक की प्रगति का संक्षिप्त आलेख प्रस्तुत किया. जिसके पश्चात सीए विजय जाधव ने इस आयोजन की संक्षिप्त भूमिका विशद की तथा बैंक की संचालिका डॉ. पल्लवी बारब्दे ने प्रमुख वक्ता प्रा. डॉ. नयना कडू का परिचय विशद किया.
इसके उपरान्त प्रा. डॉ. नयना कडू ने राजमाता जिजाउ को लेकर सभागार में अपने विचार रखे. जिसके तहत प्रा. डॉ. नयना कडू ने राजमाता जिजाउ एवं छत्रपति शिवाजी महाराज के कई जीवन प्रसंगों पर बडे विस्तार के साथ प्रकाश डाला. प्रकाश डालते हुए कहा कि, राष्ट्रमाता जिजाउ बेहतरीन शासक, वात्सल्यप्रीय मां, आदर्श पत्नी, ध्येयवादी परिवार प्रमुख, उत्तर योद्धा व कुटनीतिज्ञ तथा राष्ट्र शिल्पकार व्यक्तित्व की धनी थी. जिन्होंने 400 वर्ष पूर्व तत्कालीन जुलमी, अन्यायी व अत्याचारी राजव्यवस्था के खिलाफ स्वराज्य व सुराज्य स्थापित करने का सपना देखा एवं अपने बेटे को समाज व राष्ट्र के प्रति समर्पित किया. उनके द्वारा दिये गये संस्कारों के चलते ही उनके बेटे राजे शिवाजी ने आगे चलकर हिंदवी स्वराज्य की स्थापना की और महाराष्ट्र की धरती पर शिवराज्याभिषेक का पल साकार हो पाया.
इस आयोजन में संचालन श्रीकृष्ण पखाले तथा आभार प्रदर्शन बैंक की प्रशासकीय अधिकारी अर्चना बारबुदे ने किया. इस व्यायानमाला को सुनने हेतु बैंक के संचालकों, पदाधिकारियों, सदस्यों, अधिकारियों व कर्मचारियों सहित शहर के कई गणमान्य नागरिक बडी संख्या में उपस्थित थे.

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