अमरावती

ज्वार अब गरीबों की बजाए अमीरों की थाली में

बुआई कम, डिमांड ज्यादा, गेहूं से अधिक रेट

अमरावती/दि.17– कभी गरीबों की भाकर कहलाती ज्वार की रोटी अब अमीरों की थाली का हिस्सा बनी हैं. जिससे बाजार में गेहूं की तुलना में ज्वार का दाम उंचा हो गया हैं. गेहूं 30-32 रुपए किलो बिक रहा है तो, अच्छी क्वालिटी की दादर ज्वार का भाव 50 से 55 रुपए प्रति किलो हो जाने की जानकारी किराना दुकान संचालक सचिन साहू ने दी. उन्होंने बताया कि, ठंड का मौसम शुरु होने से लोग ज्वार और बाजरा जैसे गर्म तासीर के मोटे अनाज की तरफ बढ रहे हैं. दूसरी तरफ ज्वार की बुआई भी कम हो चली हैं इससे भी उसके भाव बढने के कारण बताए जा रहे.
* होटल व ढाबों में डिमांड
रोज-रोज गेहूं की रोटी खाने वाले बदल के लिए होटल रेस्तारा में जाने पर ज्वार की रोटी मांगते हैं. जिससे कहा जा रहा है कि, कभी गरीब की थाली का मुख्य हिस्सा रही ज्वारी की रोटी आज अमीरों व्दारा बडे शौक से खाई जा रही हैं. होटल के मेनू कार्ड में भी ज्वार की भाकर का उल्लेख रहता हैं. जल्द ही हुरडा भी बाजार में आने वाला हैं. हालांकि पहले की तुलना में हुरडा पार्टी की अब बहुतायत नहीं रहती. फिर भी लोगों को इस सीजन में हुरडा की चाह रहती हैं. पहले खेतों और फार्महाउस में हुरडा पार्टी रखी जाती थी, वह चलन कम हो गया हैं. क्योंकि ज्वार की पैदावार क्षेत्र में कम ली जा रही. अनाज बाजार के सूत्रों ने बताया कि, अमरावती में मुख्य रुप से मराठवाडा से ज्वार की आवक होती हैं. नई फसल को अभी समय हैं. पहले हुरडा के भुट्टे बाजार में आएंगे. इसलिए ज्वार की रेट प्रति किलो 40-50 रुपए तक जा पहुंची हैं.

* डॉक्टर्स की सलाह
मधुमेह की आशंका रहने वाले मरीजों को चिकित्सक ग्लूटन बढाने वाले गेहूं की बजाए ज्वार की रोटी खाने की सलाह दे रहे हैं. जिससे कई लोग अपने नित्य भोजन में ज्वार की रोटी पंसद कर रहे हैं. इससे भी ज्वार की खपत बढी हैं. जबकि पैदावार कम हो रही हैं. एैसी ही बेसन (झुनका) के साथ ज्वार की रोटी पंसद करने वाले काफी हैं. अनेक पार्टीयों में झुनका भाकर का स्टॉल रहता हैं और उसके चाहनेवाले भी वहां प्लेट लेकर इंतजार करते देखे जाते हैं.

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