लोकतांत्रिक व्यवस्था की सुरक्षा के लिए न्यायालयीन स्वतंत्रता महत्व की
विद्यापीठ में आयोजित व्याख्यान में वक्ता डॉ. सुनील इंगले का कथन
अमरावती /दि. 20 – लोकतंत्र में सरकार का प्रमुख अंग यानी कार्य पालिका, विधी मंडल और न्याय पालिका के खुद के कार्य रहते है. आदर्श परिस्थिति में यह अपनी कार्यक्षमता से स्वतंत्र रहते है. लोकतांत्रिक व्यवस्था की सुरक्षा के लिए न्यायालयीन स्वतंत्रता महत्वपूर्ण है, ऐसा प्रतिपादन प्रा. डॉ. सुनील इंगले ने किया. वें संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ संलग्नित भारतीय महाविद्यालय में राज्यशास्त्र विभाग के माध्यम से ‘न्यायिक पुनरावलोकन और न्याय पालिका की स्वतंत्रता’ विषय पर आयोजित व्याख्यान में बोल रहे थे.
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. आराधना वैद्य ने की. प्रमुख अतिथि के रुप में डॉ. प्रशांत विघे उपस्थित थे. प्रास्ताविक व अतिथियों का परिचय डॉ. प्रशांत विघे ने किया. इस अवसर पर अन्य अतिथियों ने भी अपने समयोचित विचार व्यक्त किए. कार्यक्रम का संचालन यश गोले ने तथा आभार प्रदर्शन अंजली ठाकुर ने किया. कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापक, शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मचारी और विद्यार्थी बडी संख्या में उपस्थित थे.