इंजीनियर के दिमाग को भी चुनौती दे दी हाथ के जुगाड ने
एटीएम ट्रैक कर पैसे निकालने का मामला
अमरावती/दि.5 – कल अपराध शाखा की एक टीम पेट्रोलिंग दरमियान उस्मानिया मस्जिद के कंपाउंड से तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से एक हाथ से बनी जुगाड चाबी और फैवीक्वीक जब्त किया था. इस मामले में जांच कोतवाली पुलिस को सौंपी गई.
मिली जानकारी के अनुसार ऑटोमेटिक टेलर मशीन एटीएम में जुगाड द्बारा बनाई गई लोहे की क्लीप लगाकर पैसे चुरानेवाली टोली शहर पुलिस के हत्थे लगी है. जिसमें यूपी प्रतापगढ के संदीपकुमार रामबरन वर्मा (28), गुजरात के अमोल रावसाहेब पाटेकर (24) और जलगांव जिले के पाचोरा का योगेश महेंद्र परदेशी (22) शामिल है. तीनों आरोपियों से पुलिस ने जुगाडू चॉबी और अन्य सामग्री व 2 हजार रूपए कैश जब्त किए. अब आगे की जांच के लिए कोतवाली पुलिस इन तीनों आरोपियों का पीसीआर लेकर मामले की सरगर्मी से जांच करेगी.
शहर पुलिस ने सभी बैंकों को पत्र द्बारा जानकारी मंगाई है कि इस तरह की घटना किसी भी एटीएम में हुई हो या किसी के पैसे विड्रॉल हुए हो और उसे पैसे न मिले हो, ऐसी जानकारी कोतवाली पुलिस को दी जाए. अमरावती शहर में इस तरह की यह पहली घटना है. जिसमें पुलिस आला अधिकारियों से लेकर कर्मचारी तक सब हैरान नजर आए. इन तीनों आरोपियों ने इंजीनियर के दिमाग को भी चकमा देकर हाथ का जुगाड बनाकर कई एटीएम को अपना शिकार बना चुके है.
* क्या है मोडस ऑपरेंडी?
एटीएम में रखी कैश को लूटने के लिए आरोपियों द्बारा अपनाई जाती मोडस ऑपरेंडी के बारे में पता चला है कि, आरोपी पहले एक-दो एटीएम की तलाश करते. फिर उसके बाद देर रात वो उस एटीएम के आसपास दो चादर डालकर आराम फरमाते. फिर एक उसमें से एटीएम मशीन में जहां से कैश बाहर निकलती है, उस जगह पर जुगाडू चाभी लगा देते और उसके बाद फिर अपनी जगह जाकर सो जाते. इसके बाद अगर कोई व्यक्ति अपने अकाउंट से विड्राल करने हेतु एटीएम पर आता, तो स्क्रीन पर पैसा विड्रॉल हुआ दिखाई देता और अकाउंट से भी रकम डेबिट हो जाती. लेकिन वह रकम एटीएम से निकलकर खाताधारक के हाथ में नहीं आती, बल्कि पूरी रकम उस जुगाडू चाभी में अटक जाती. ऐसे में संबंधित व्यक्ति कुछ देर परेशान होने के बाद सुबह बैंक में कम्प्लेंट करने का इरादा लेकर वहां से चला जाता, तो उसके जाने के तुरंत बाद पास में ही मौजूद रहने वाले आरोपियों द्बारा तुरंत ही पेचकस की मदद से उक्त जुगाडू चाभी को निकालकर उसमें अटके हुए पैसे हासिल कर लिए जाते. जिसके बाद आरोपी वहां से फरार हो जाते.