जिस दिन शुरू हुई उसी दिन बंद पडी
वरूड/ दि. 24- तहसील के महेंद्री जंगल को संवर्धन आरक्षित क्षेत्र घोेषित कर यहां पर्यटकों के लिए 5 जून 2022 को जंगल सफारी की शुरूआत की गई थी. लेेकिन इस दिन से ही जंगल सफारी का उद्घाटन कर उसे बंद कर दिया गया. एक साथ की कालावधि बीतने के बाद ही जंगल सफारी फिर से शुरू न होने से पर्यटकों में निराशा का वातावरण दिखाई दे रहा है.
सतपुडा पहाडियों के किनारे वरूड वन परिक्षेत्र का 10 हजार 200 हेेक्टेयर क्षेत्र है. इस जंगल को पहाडियों का संरक्षण है. बाघ, तेंदए, भालू, हिरण, जंगली सूअर, बारासिंगा, नीलगाय आदि प्राणी तथा तोते, मोर सहित विविध जाति के पक्षी इस जंगल में है. इस परिसर को अभ्यारण्य शासन द्बारा घोषित करने के लिए वन विभाग ने राज्य शासन के पास रिपोर्ट प्रस्तुत की थी. इस निमित्त राज्य शासन ने अध्यादेश निकालकर वरूड परिक्षेत्र का 6 हजार 782 हेक्टेयर 50 आर वनक्षेत्र संवर्धन आरक्षित घोषित किया. इसमें शेकदरी, गव्हाणकुंड, भेंमडी, झटामझिरी, रवाला, जामगांव, कारली, वार्ड, महेंद्री, पिंपलागड, कारवार, लिंगा, एकलविहीर, तरोडी, उराड, पुसला, पंढरी, रामापुर, खापरखेडा, वार्डखुर्द आदि गांव से सटकर सीमावर्ती वनक्षेत्र का समावेश किया. महेंद्री संरक्षित आरक्षित क्षेत्र घोषित होने से रोजगार के अवसर उपलब्ध होगे. ऐसी आशा स्थानीय नागरिको को थी. साथ ही यहां जंगल सफारी के लिए 15 किलोमीटर का ट्रैक तैयार कर 5 जून 2022 को इसका उद्घाटन भी हुआ. लेकिन इसी दिन सफारी बंद हो गई. एक साल बीतने के बाद भी सफारी शुरू न होने से पर्यटकों में निराशा है.
* जिप्सी न रहने से सफारी बंद
महेंद्री जंगल में पर्यटकों की जंगल सफारी के लिए आवश्यक जिप्सी न रहने से सफारी बंद है. इस कारण वन समिति के पास गाइड प्रशिक्षण और जिप्सी संदर्भ का प्रस्ताव भेजे जाने की जानकारी वन परिक्षेत्र अधिकारी पुष्पलता बेंडे ने दी.