मनपा में पकडा गया कनिष्ठ लिपीक
ढाई साल से निर्माण विभाग में कर रहा था काम
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* सैलरी स्लिप दिखाकर फर्जी आईकार्ड भी बनाया था
* आईकार्ड बनाकर देनेवाला भी संदेह और जांच के घेरे में
अमरावती/दि. 13 – स्थानीय महानगर पालिका के निर्माण विभाग में विगत ढाई वर्ष से कनिष्ठ लिपीक के तौर पर काम कर रहे ओम पांडुरंग पाटिल (29, छांगानी नगर) को आज मनपा अधिकारियों की शिकायत के आधार पर कोतवाली पुलिस ने फर्जीवाडे के मामले में गिरफ्तार किया है. पता चला है कि, ओम पाटिल नामक यह व्यक्ति फर्जी तरीके से मनपा के निर्माण विभाग में कनिष्ठ लिपीक बनकर काम कर रहा था. जबकि हकिकत यह है कि, ओम पाटिल की इस पद पर कोई नियुक्ति नहीं हुई थी.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक ओम पाटिल ने बाकायदा अपने लिए मनपा के कर्मचारियों की तरह एक फर्जी आईकार्ड भी बनाया था. मजे की बात यह है कि, जिस नामक की आईडी ओम पाटिल ने खुद के लिए बनाई थी उस नाम का एक व्यक्ति पहले से मनपा के जोन क्रमांक 5 में काम कर रहा है. ओम पाटिल के फर्जी आईकार्ड और बाकायदा मनपा के उपायुक्त प्रशासन के दस्तखत व मुहर भी दर्ज थे. इसके बावजूद उसकी गतिविधियां को लेकर मनपा के कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों को कुछ संदेह हुआ तो उसके बारे में सिटी कोतवाली पुलिस को सूचित किया गया. जिसके बाद कोतवाली पुलिस के दल ने मामले की पडताल करते हुए ओम पाटिल को मनपा परिसर से ही धर दबोचा. जिसके बाद पूरे मामले का पर्दाफाश हुआ.
आईकार्ड बनाकर देनेवाला भी जांच के दायरे में
पता चला है कि, मनपा कर्मियों को आईकार्ड बनाकर देने के काम का ठेका किसी तिवारी नामक व्यक्ति पास है. जिसने ओम पाटिल को कनिष्ठ लिपीक के तौर पर आईकार्ड बनाकर दिया था. ऐसे में पुलिस ने तिवारी नामक उस ठेकेदार से भी बातचीत की तो उसने बताया कि, ओम पाटिल ने उसे बाकायदा अपना नियुक्ति पत्र व सैलरी स्लिप दिखाई थी. जिस पर भरोसा करते हुए उसने ओम पाटिल को आईकार्ड बनाकर दिया. ऐसे में अब पुलिस ने ओम पाटिल के साथ ही तिवारी नामक शख्स को भी अपनी जांच के दायरे में लिया है और दोनों के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज करने की प्रक्रिया शुरु की गई. समाचार लिखे जाने तक पुलिस उपायुक्त गणेश शिंदे व सहायक पुलिस आयुक्त जयदत्त भंवर भी कोतवाली थाने पहुंच चुके थे.