न्या. भूषण गवई बने देश के 52 वें मुख्य न्यायमूर्ति

अमरावती के सपूत की उंची उडान

* कल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों दिलाई जाएगी शपथ
अमरावती/दि.13 – केरल व बिहार के पूर्व राज्यपाल व दिवंगत रिपाइं नेता रा. सू. उर्फ दादासाहब गवई के ज्येष्ठ सुपुत्र न्या. भूषण गवई आज देश के 52 वें मुख्य न्यायामूर्ति के तौर पर नियुक्त हो गए है तथा कल 14 मई को वे सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति के तौर पर अपना पदभार संभालने जा रहे है. सुप्रीम कोर्ट के निवर्तमान मुख्य न्यायमूर्ति संजीव खन्ना आज 13 मई को सेवानिवृत्त हो गए. जिसके चलते केंद्रीय विधि मंत्रालय द्वारा विगत 29 अप्रैल को जारी अधिसूचना के मुताबिक न्या. संजीव खन्ना की सेवानिवृत्ति के साथ ही न्या. भूषण गवई की मुख्य न्यायमूर्ति पद पर नियुक्ति हो गई और अब देश के 52 वें सरन्यायाधीश के तौर पर न्या. भूषण गवई को देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा कल 14 मई को देश के सरन्यायाधीश के तौर पर शपथ दिलाई जानेवाली है.
विशेष उल्लेखनीय है कि, न्या. एम. हिदायतुल्लाह और न्या. शरद अरविंद बोबडे के बाद नागपुर बार एसोसिएशन के एक और सदस्य के तौर पर न्या. भूषण गवई न्यायपालिका के सर्वोच्च पद पर विराजमान होते दिखाई देंगे, जो मुलत: अमरावती के निवासी है. जिसके चलते अमरावती सहित समूचे विदर्भ क्षेत्र में न्या. भूषण गवई की इस उपलब्धि को लेकर विशेष उत्साह व आनंद वाला माहौल दिखाई दे रहा है.
* प्रतिष्ठित राजनीतिक परिवार से वास्ता रखने के बावजूद बेहद सामान्य व्यवहार
रिपाइं नेता, पूर्व सांसद व पूर्व राज्यपाल रा. सू. उर्फ दादासाहेब गवई एवं प्रा. डॉ. कमलताई गवई की संतान के तौर पर अमरावती में जन्मे न्या. भूषण गवई की प्राथमिक शिक्षा-दीक्षा अमरावती में ही हुई थी तथा मुंबई से विधि स्नातक की पदवी प्राप्त करने के उपरांत कुछ समय तक मुंबई में प्रैक्टिस करने के बाद न्या. भूषण गवई ने अमरावती जिला व सत्र न्यायालय में भी प्रैक्टिस की थी. जिसके चलते अमरावती में न्या. भूषण गवई का अच्छा-खासा मित्र परिवार है. साथ ही सन 1990 के आसपास नागपुर जाकर एड. राजा एस. भोसले के साथ प्रैक्टिश शुरु करते हुए नागपुर को ही अपनी कर्मभूमि बना लेनेवाले न्या. भूषण गवई का आगे चलकर हमेशा ही अमरावती में रहनेवाले अपने मित्रों से सतत संपर्क बना रहा और उनका कई मौकों पर अमरावती आना-जाना भी चलता रहा. यह सिलसिला हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति बनने के बाद भी न्या. भूषण गवई ने जारी रखा. जिसके चलते न्या. भूषण गवई को मिलने जा रहे सर्वोच्च न्यायालय के प्रमुख न्यायमूर्ति पद की खुशी अमरावती में रहनेवाले उनके सभी मित्रों में देखी जा रही है.
* विधि क्षेत्र में बेहद शानदार रहा सफर
अपने समय के लोकप्रिय वकील और सामान्य नागरिकों से मधुर संबंध रखने वाले न्यायाधीश भूषण गवई की तरफ देखे तो कानूनी ज्ञान, नेतृत्व के गुण और न्यायमूर्ति पद का अनुभव ऐसा त्रिवेणी संगम दिखाई देता है. 1985 में बेरिस्टर राजा भोसले के मार्गदर्शन में न्यायमूर्ति गवई ने मुंबई में वकीली पेशे में काम करने की शुरूआत की और बाद में वें नागपुुर में स्थायी हो गए. पूर्व न्यायाधीश राजा एस. भोसले के साथ 1987 तक काम किया. 1987 से 1990 तक न्यायमूर्ति भूषण गवई ने मुंबई उच्च न्यायालय में स्वतंत्र रुप से वकीली की. 1990 के बाद मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ के सामने वकीली की. वे नागपुर मनपा, अमरावती मनपा और अमरावती विद्यापीठ के स्थायी वकील थे. अगस्त 1992 से जुलाई 1993 तक मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ में सहायक सरकारी वकील के रुप में न्यायमूर्ति भूषण गवई की नियुक्ति हुई. 17 जनवरी 200 को नागपुर खंडपीठ में सरकारी वकील के रुप में उनकी नियुक्ति हुई. 14 नवंबर 2003 को उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रुप में पदोन्नति मिली. 12 नवंबर 2005 को न्यायमूर्ति भूषण गवई मुंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने. नागपुर, छत्रपति संभाजीनगर और पणजी में उन्होंने न्यायाधीश के रुप में काम किया है. 24 मई 2019 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रुप में न्यायमूर्ति भूषण गवई की नियुक्ति हुई. इसके पूर्व संजीव खन्ना के पहले सरन्यायाधीश का पद संभालने वाले धनंजय चंद्रचुड भी महाराष्ट्र के ही थे.
* न्या. भूषण गवई के सीजेआय बनने से अमरावती में विशेष आनंद
मुलत: अमरावती से वास्ता रखनेवाले सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति भूषण गवई की आज देश के प्रमुख न्यायमूर्ति के तौर पर नियुक्ति होने के साथ ही उन्हें 14 मई को राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति के तौर पर पद व गोपनियता की शपथ दिलाई जाएगी. यह अमरावती शहर सहित जिले के लिए बेहद गौरव एवं सम्मानवाल पल रहेगा. जिसके लिए अमरावती में अभी से खुशी का माहौल देखा जा रहा है. साथ ही अमरावती के सपूत न्या. भूषण गवई की इस सफलता व उपलब्धि का जश्न मनाने की तैयारियां भी अभी से ही शुरु हो गई है.
* अमरावती के करीब 100 वकील शामिल होंगे समारोह में
– शपथ ग्रहण के तुरंत बाद अमरावती में होगा भव्य नागरी सत्कार
कल 14 मई को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में न्या. भूषण गवई का प्रमुख न्यायमूर्ति के तौर पर शपथ ग्रहण समारोह होगा. जिसमें न्या. भूषण गवई के साथ सीधे संपर्क में रहनेवाले अमरावती बार असो. के करीब 100 वकील शामिल होंगे. जिसके लिए विगत कई दिनों से तैयारियां व नियोजन किए जा रहे थे. साथ ही साथ न्या. भूषण गवई के प्रमुख न्यायमूर्ति नियुक्त होने के उपरांत अमरावती जिला बार असो. द्वारा उन्हें अमरावती आमंत्रित करते हुए उनका भव्य नागरी सत्कार भी किया जाएगा. इसके लिए भी बार असो. में आवश्यक विचारविमर्श शुरु हो चुका है.

* अमरावती के हिस्से में दूसरी बार सर्वोच्च पद का सम्मान
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, इससे पहले मुलत: अमरावती से वास्ता रखनेवाली कांग्रेस नेत्री, पूर्व सांसद व पूर्व राज्यपाल प्रतिभाताई पाटिल देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद यानी राष्ट्रपति पद को सुशोभित कर चुकी हैं. साथ ही पूर्व महामहिम प्रतिभाताई पाटिल ने देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति होने का कीर्तिमान भी रचा था. जिसके चलते अमरावती का नाम पूरे देश में परिचित हुआ था. वहीं अब अमरावती के सपूत न्या. भूषण गवई देश की न्यायिक व विधि व्यवस्था में सर्वोच्च रहनेवाले प्रमुख न्यायमूर्ति के पद पर आसिन होने जा रहे है. जिसके चलते अमरावती जिले के हिस्से में एक बार फिर सर्वोच्च पद का बहुमान मिलने जा रहा है. सबसे उल्लेखनीय यह भी है कि, पूर्व महामहिम प्रतिभाताई पाटिल तथा न्या. भूषण गवई के परिवार विगत कई वर्षों से कांग्रेस नगर परिसर में एक-दूसरे के पडोसी है और दोनों परिवारों के बीच बेहद निकट व घनिष्ट संबंध भी है.
* 6 माह 10 दिन का रहेगा कार्यकाल!
सूत्रों के मुताबिक 14 मई 2025 को देश के 52 वें मुख्य न्यायमूर्ति के तौर पर शपथ लेने के बाद न्या. भूषण गवई इस पद पर 23 नवंबर 2025 तक कार्यरत रहेंगे यानी बतौर सीजेआय उनका कार्यकाल 6 माह 10 दिन का रहेगा. ऐसे में अब सभी की निगाहें न्या. भूषण गवई की सीजेआय पद पर होनेवाले शपथ ग्रहण समारोह की ओर लगी हुई है.

* मां कमलताई शामिल होंगी बेटे की शपथविधि में
जानकारी के मुताबिक देश के सर्वोच्च न्यायमूर्ति बनने जा रहे न्या. भूषण गवई के शपथविधि समारोह में उनकी माताजी व पूर्व लेडी गवर्नर प्रा. कमलताई गवई भी कल 14 मई को दिल्ली में मौजूद रहेंगी. देश के नए मुख्य न्यायमूर्ति न्या. भूषण गवई की माताजी एवं पूर्व लेडी गवर्नर प्रा. डॉ. कमलताई गवई ने अपने सुपूत्र की उपलब्धि पर हर्ष एवं गर्व जताते हुए कहा कि, उनका बेटा किसी दिन बडा आदमी बनेगा, इस बात का उन्हें पूरा विश्वास था. लेकिन उनका बेटा इतना बडा व्यक्ति बन जाएगा और देश के सर्वोच्च पद पर बैठेगा ऐसा उन्होंने कभी नहीं सोचा था. ऐसे में उन्हें अपने बेटे न्या. भूषण गवई के सीजेआई बनने की विशेष खुशी हो रही है.

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