* विधि सेवा प्राधिकरण का महाशिविर
अमरावती/दि.14- जिला व सत्र न्यायालय के प्रमुख न्यायाधीश वी.पी. पाटकर ने कहा कि दुर्बल घटकों के सशक्तिकरण हेतु न्यायपालिका ने विधि सेवा प्राधिकरण स्थापित किया है. उससे जरुरतमंद लोगों को योजनाओं का लाभ और कानून विषयक सेवा प्रदान की जाती है. राष्ट्रीय लोकअदालत में 26 करोड़ 69 लाख रुपए के 7766 प्रकरणों का निपटारा किया गया. यह बड़ी उपलब्धि है. पाटकर यहां जिला वकील संघ और विधि सेवा प्राधिकरण एवं जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा संयुक्त रुप से आयोजित विधि सेवा महाशिविर के समापन समारोह में बोल रहे थे. इस समय विभागीय आयुक्त डॉ. दिलीप पांढरपट्टे, जि.प. सीईओ अविश्यांत पंडा, सहधर्मदाय आयुक्त एस.डी. ठाकरे, लॉ कॉलेज की प्राचार्य डॉ. वर्षा देशमुख, सरकारी वकील एड. परिक्षित गणोरकर, विधि सेवा प्राधिकरण के सचिव जी. आर. पाटील, जिला वकील संघ के अध्यक्ष एड. शोएब खान, आरडीसी विवेक घोडके प्रमुखता से उपस्थित थे.
पाटकर ने आगे कहा कि देश में 31 अक्तूबर से 13 नवंबर तक हक हमारा भी तो है ऽ 75 उपक्रम चलाया जा रहा है. जिसमें न्याय व्यवस्था के सामने सभी एक समान है. भारतीय संविधान में हर व्यक्ति को न्याय दिलाने की ताकत है. समाज के गरीब, दुर्बल घटक तक कानूनी जानकारी पहुंच नहीं पाती, इसलिए समाज के कमजोर, गरीब तबके को न्याय दिलाने विधि विशेषज्ञों को इस प्रकार की कार्यपद्धति को अपनाना होगा. उन्हें कानूनी जानकारी से अवगत कराना होगा, जिससे जनमानस को न्याय व्यवस्था से जोड़कर अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने की शक्ति प्रदान करने सहायता मिलेगी.
संभागीय आयुक्त डॉ. दिलीप पांढरपट्टे ने कहा कि न्याय देवता के सामने सभी लोग समान है. भारतीय संविधान में प्रत्येक को न्याय दिलाने की शक्ति है. कमजोर और गरीब लोगों को न्याय दिलाने के प्रयास होने चाहिए. व्यापक जनजागृति करना इस अभियान की प्रमुख भूमिका रहनी चाहिए. धर्मदाय आयुक्त के कार्यों के बारे में सहधर्मदाय आयुक्त ठाकरे ने जानकारी दी. उन्होंने कहा कि जिले में 16 धर्मदाय अस्पताल है. जिनमें बड़ी संख्या में मरीजों पर निःशुल्क उपचार किया जाता है. इसका लाभ गरीबों ने लेना चाहिए. इन अस्पतालों पर धर्मदाय आयुक्त की देखरेख और नियंत्रण रहता है. जिला परिषद मुख्य कार्यकारी अधिकारी पंडा ने कहा कि संविधान की धारा 39 अ के तहत दुर्बल घटकों को निःशुल्क कानून विषयक सेवा उपलब्ध कराना अनिवार्य है. उन्होंने कहा कि देहात और दुर्गम भागों में कमजोर घटक के लोगों तक कानून विषयक बातों का मार्गदर्शन और योजनाओं का लाभ पहुंचाने प्रशासकीय व न्यायिक यंत्रणा को तालमेल रखकर काम करना चाहिए. प्राचार्य डॉ. वर्षा देशमुख ने अभियान दौरान महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा विविध लोकहितकारी और कानून विषयक मार्गदर्शन के कार्यों का जानकारी दी. जनहित याचिका की जनक कमला इंद्राणी और महाविद्यालय के विधि उपक्रमों की जानकारी दी. पाटिल ने प्रस्तावना रखी. संचालन वरिष्ठ न्यायदंडाधिकारी प्रथम श्रेणी सुजित तायडे और रोहिणी पाटील ने किया. आभार प्रदर्शन आरडीसी विलास घोडके ने किया. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं और विधि क्षेत्र के जानकार उपस्थित थे.