अपात्र घोषित किए जानेवाले विद्यार्थियों को न्याय दिया जाए
विद्यार्थियों की जिलाधिकारी से मांग
अमरावती प्रतिनिधि/दि. २८ – परीक्षा के अंक विद्यार्थियों को न बताने के संबंध में महावितरण के सहायक भर्ती प्रक्रिया में अपात्र घोषित किए जानेवाले उम्मीदवार की ओर जिलाधिकारी को निवेदन दिया गया है. जिसमें कहा गया है कि जुलाई२०१९ को विज्ञापन क्र.०५/२०१९ सरलसेवा भर्ती का विज्ञापन दिया गया था तथा हमने विज्ञापननुसार आवेदन किया. उसनुसार महावितरण कंपनी उपकेन्द्र सहायक इस पद की परीक्षा २५ अगस्त २०२० को ली गई थी तथा उसका परीक्षा परिणाम दिनांक २८ जून को घोषित किया गया था. परंतु उस परीक्षा में विद्यार्थियों के अंक न बताकर केवल सूची घोषित की. इस नुसार ०२ जुलाई २०२० महावितरण की ओर से ई. मेल व मोबाइल पर टेक्स्ट मैसेज इमेल लिक भेजी गई थी. उसमें विद्यार्थियों के अंक बताए गये परंतु वह लिंक कुछ ही समय के लिए महावितरण के संकेतस्थल पर थी उसके बाद वह हटा दी गई.
वह लिंक चालू होने पर जिन विद्यार्थियों ने नंबर देखे उसमें घोटाला होने का दिखाई दिया. जिसमें कम नंबर वालो के नाम सूची में है, मेरिट लिस्ट वाले नंबरो को अनदेखा किया गया है. उस पर से ०७ जुलाई २०२० को जिलाधिकारी कार्यालय में अमरावती में निवेदन व महावितरण का लचक कारभार घोषित हुआ. यह गलती महावितरण को समझ में आते ही २२ अगस्त को एडीशन लिस्ट के रूप में २९१ मुल लिस्ट घोषित की. कारण यह हैकि यह मुल लिस्ट है. परिणाम सूची में उनके नाम भी नहीं थे.यह गलती सुधाकर भी उन्होंने अभी तक विद्यार्थियों के नंबर ही बताकर ०१ दिसंबर २०२० को दस्तावेज जांच के लिए बुलाया गया तथा २९१ विद्यार्थियों को न्याय मिला परंतु बाकी के विद्यार्थियों का यह सवाल है कि उन्हें कितने नंबर मिले. इस भर्तीं में घोटाला हुआ है. जो विद्यार्थी पात्र रह सकता है तब उसके नंबर नहीं बताए गये,ऐसा क्यों? ऑनलाइन परीक्षा लेते समय विद्यार्थियों ने कौन से प्रश्न हल किए . इसका उनके पास कोई सबूत नहीं है. उन्हें प्रश्न पत्रिका नहीं दी जाती व उत्तर पत्रिका भी नहीं दी जाती. इस पर से विद्यार्थियों में संभ्रम निर्माण हो रहा है हमें कितने नंबर मिले. अत: हमें न्याय दिलवाए व हमारे नंबर बताए जाए. ऐसा निवेदन अमित राजेन्द्र हिवशे, सूरज पुंडलिकराव खवल, पवन केशवराव तिखिले, निखिल अशोकराव खवले ने जिलाधिकारी को दिया है.