कडू ने पत्नी की संस्था हेतु लिया शिवभोजन केंद्र
भाजपा के गोपाल तिरमारे का आरोप
* अधिकारियों पर डाला दबाव
* कानूनी कार्रवाई की मांग
अमरावती/ दि. 19- भाजपा नेता जिला संयोजक गोपाल तिरमारे ने अचलपुर के विधायक और प्रहार जनशक्ति पक्ष के सर्वेसर्वा ओमप्रकाश उर्फ बच्चू कडू को पत्नी नैना कडू की संस्था को शिवभोजन केंद्र दिलवाने के लिए सरकार से सिफारिश करने और अधिकारियो पर दबाव डालने का आरोप लगाकर कडू पर कानूनी कार्रवाई करने की मांग उठाई. आज दोपहर मराठी पत्रकार भवन में संवाददाता सम्म्मेलन को संबोधित करते हुए तीरमारे ने लोक प्रतिनिधित्व कानून के तहत कडू की विधानसभा सदस्यता रद्द करने तक मांग कर डाली. इस समय तिरमारे के साथ जिला उपाध्यक्ष सुधीर रसे, महासचिव राजू तंतरपाले, अभय माथने, संपर्क प्रमुख सुमित निंभोरकर, तहसील अध्यक्ष किसान मोर्चा अनिल तायडे, मनोहर कपले आदि भी उपस्थित थे.
तिरमारे ने आरोप लगाया कि सत्यशोधक बहुउद्देशीय शिक्षा संस्था टोंगलापुर फाटा, मासोद को शिवभोजन केन्द्र का ठेका दिया गया है. इस संस्था में बच्चू कडू की पत्नी नैना कडू, अध्यक्ष है और सचिव बच्चू कडू के साले साहब राहुल म्हाला हैं. तिरमारे का आरोप है कि कडू ने शिवभोजन केन्द्र इस संस्था को देने के लिए राज्य मंत्री रहते हुए पद का कथित रूप से दुरूपयोग कर सिफारिश और अधिकारियों पर दबाव डाला. तिरमारे ने मीडिया को कुछ दस्तावेज भी उपलब्ध करवाए है. जिसमें संस्था के पंजीकृत पदाधिकारियों की जानकारी है. उसी प्रकार कडू का राज्य मंत्री के रूप में संस्था की सिफारिश करनेवाले पत्र की भी कॉपी तिरमारे ने दी है. उन्होंने अपने निवेदन में गत 12 जून को विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से बच्चू कडू पर कार्रवाई करने का अनुरोध किए जाने का उल्लेख किया.
तिरमारे ने आरोप लगाया कि जहां सत्यशोधक संस्था का शिव भोजन केंद्र है, वह जगह भी अतिक्रमण की हुई है.
* संस्था को शिवभोजन देने में गलत क्या?
विधायक बच्चू कडू ने अमरावती मंडल से प्रतिक्रिया में तिरमारे के आरोपों को यह कहते हुए खारिज किया कि, बहुउद्देशीय संस्था को शिवभोजन केंद्र देने में कोई हर्ज नहीं है. नियमानुसार यह भोजन केंद्र दिया गया है. जहां से रोजाना 700 लोगों को भोजन सरकार के रेट पर उपलब्ध करवाया जा रहा है. उन्होंने विधानसभा स्पीकर से शिकायत किये जाने के बारे में कहा कि, कुछ नहीं होने वाला. कडू ने यह भी कहा कि, तिरमारे यह सब आरोप रवि राणा के कहने पर करने का आरोप कर तिरमारे को राणा का ‘पिलांटू’ संबोधित किया.