चांदुर बाजार-/ दि. 22 फसल मंडी में किसानों को सीधे चुनाव लडने का अधिकार देनेवाला संशोधन विधेयक नागपुर सत्र के पहले ही दिन पेश और पारित किया गया. इससे किसानों को मताधिकार केे साथ चुनाव लडने का हक भी मिलने जा रहा है. किंतु सरकार का समर्थन करनेवाले विधायक बच्चू कडू ने इस विधेयक की मुखालफत की. उन्होंने चेतावनी दी कि यह कानून अच्छे उद्देश्य को लेकर नहीं बनाया जा रहा. बल्कि भाजपा के अपने अलग इरादे हैं. जिससे उन्हें भविष्य में यह संशोधन भारी न पड जाए, इस आशय की चेतावनी भी कडू ने सदन में विधेयक पर चर्चा दौरान देने की जानकारी है.
* राजकीय हित अधिक
कडू ने कहा कि यह विधेयक किसानों की बजाय सरकार ने अपनी राजनीतिक सुविधा के लिए लाया है. बिल राजकीय स्पर्श करनेवाला है. ध्यान में आता है कि भाजपा ने सहकारिता क्षेत्र में अपना वर्चस्व बढाने लाया गया है. कडू ने कहा कि वे सरकार को आगाह करना चाहते है जहां अपना कुछ नहीं, वहां नाक नहीं घुसानी चाहिए. अन्यथा परिणाम उन्हें ही भुगतने पडेंगे.
* दूसरे बदलाव कर बताएं
कडू ने कहा कि अपनी राजनीतिक सुविधा के लिए किसानों का नुकसान नहीं होना चाहिए. निर्णय करने से पहले फसल मंडी के माध्यम से किसानों का क्या और कितना भला किया जा सकता है, इसके लिए नियमों में बदलाव किए जाने चाहिए. मतदाता सूची में नाम न रहते हुए किसान को मंडी में चुनाव लडने का अधिकार देना, यह एक अच्छी बात है. किंतु किसान के चुनकर आने पर भी क्या मंडी समिति का कामकाज ठीक होगा? कृषि उपज को अच्छे दाम, निर्यात और फसल आधारित प्रक्रिया उद्योग से किसानों को अच्छा पैसा मिलेगा, उनके दिन बहुरेंगे. ऐसा कुछ करने की मांग कडू ने रखी है. वे सदन में तमतमाए नजर आए. उन्होंने बोलकर बताया कि उनका यह गुस्सा किसानों के हित में है. उन्होंने गोदाम बनाने और उसका उपयोग केवल किसानों हेतु करने के कानून पर भी जोर दिया.
* नाराजगी का अहसास
कडू ने कह दिया कि विधेयक का विरोध वे कर रहे हैं. जिससे उन्हें सत्तापक्ष की उनसे नाराजगी का पूर्ण अहसास है. वे सत्तारूढ युति का समर्थन कर रहे हैं. मगर जहां शासन गलती कर रहा हैं, वहां उसे आगाह करना उनका काम है.