अमरावती/ दि.16- जिले के मंगरुल दस्तगीर पुलिस स्टेशन अंतर्गत आने वाले निंभोरा बोडखा गांव की निवासी कैलास पांडे की हत्या के मामले में स्थानीय न्यायालय में आरोपी सुनील अंबादास गवारले को दफा 302 के तहत दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा तथा 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई. इस में से 9 हजार रुपए शिकायतकर्ता को नुकसान भरपाई के तौर पर देने का आदेश दिया. न्यायालय में सरकार की ओर से अतिरिक्त शासकीय अभियोक्ता दिलीप तिवारी ने दलीलें दी तथा न्यायालयीन पैरवी एनपीसी योगेंद्र लाड व एनपीसी राजेश गावंडे ने सहयोग किया.
इस्तेगासे के अनुसार 4 जुलाई 2018 के शाम 6 बजे के दौरान शिकायतकर्ता छबुताई नामदेव पांडे को उसके बेटे कैलास की जोरजोर से चिखने की आवाज आयी. तब उसने घर के बाहर जाकर देखा तब मृतक कैलास पांडे यह गांव में प्रकाश पाचबुध्दे यह घर के आंगन में खून से सनी हालत में पडा दिखाई दिया और वहीं से हत्यारा सुनील गवारले यह जब बाहर आया तब उसके हाथ में खुन से सना हुआ भाला था. यह भाला उसने अपने कपडे से साफ किया और कमर में रखकर छबुताई की ओर घुसे में देखकर अपनी गाडी पर बैठकर चला गया. उसके बाद छबुताई ने अपने बेटे को बडे बेटे की मदद से इलाज के लिए अस्पताल में भेजा, लेकिन तब तक उसकी मौत हुई थी. इसी बीच उन्होेंने घटना की जानकारी मंगरुल दस्तगीर पुलिस को दी. वहां कार्यरत सहायक पुलिस निरीक्षक विवेकानंद राउत ने घटनास्थल पहुंचकर छबुताई की शिकायत दर्ज करवा ली और अपराध दर्ज किया. जांच के बाद पीआई विवेकानंद राउत ने न्यायालय में अभियोग पत्र दाखिल किया. अभियोग पत्र के अनुसार मृतक कैलास यह शिक्षित था और वह गांववासियों को कानूनी मार्गदर्शन कर जनजागृति करने का काम करता था. उसने हत्यारे सुनील गवारले के भाई विजय गवारले को उसकी अचल संपत्ति के संबंध में उसके अधिकार बाबत जागृत किया था. इसका गुस्सा मन में रखकर सुनील ने कैलास की हत्या की थी. न्यायालय में सुनवाई के दौरान 9 गवाहों का परिक्षण किया गया. उनमें से प्रत्यक्ष गवाह प्रकाश पाचबुध्दे यह होस्टाइल घोषित किया गया. अभियोग पक्ष व्दारा जांचे गए गवाहों के सबुतों को ग्राह्य मानते हुए आरोपी सुनील गवारले को न्यायालय ने दफा 302 के तहत दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा तथा 10 हजार रुपए का जुर्माना ठोका. इनमें से 9 हजार रुपए छबुताई पांडे को नुकसान भरपाई के तौर पर देने के निर्देश दिये है.