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मृत लोगों के जमीन की पूरी जानकारी निकालते थे कलंदर व प्यारु

12 लोगों की गैंग करती थी जमीन हडपने का काम

* कई खाली पडी जमीनों को परभारे बेच डाला इस गैंग ने
* गैंक का कोई भी सदस्य नहीं है ज्यादा पढा-लिखा
* गैंग का मास्टर माइंड खुद को छिपाकर चलाता था सर्कस
* मास्टर माइंड की पुलिस कर रही सरगर्मी से तलाश
* कलंदर और प्यारु का भी अब तक हाथ लगना बाकी
* दोनों के हाथ लगने के बाद पूरी जानकारी आएगी सामने
अमरावती/दि.18 – विगत दिनों कोतवाली पुलिस ने स्थानीय तहसील कार्यालय से 10 लोगों के एक ऐसे गिरोह को धरदबोचा था, जो वर्ष 2019 में मृत हो चुके व्यक्ति के नाम पर किसी अन्य व्यक्ति को खडा करते हुए फर्जी दस्तखत व जाली दस्तावेजों के जरिए उस मृतक व्यक्ति की जमीन को परभारे बेचने का प्रयास का रहा था. इस मामले में कोतवाली पुलिस ने एक वकील सहित 13 लोगों को जालसाजी व धोखाधडी के अपरा में नामजद किया था. जिसमें से 10 लोगों को गिरफ्तार करने के साथ ही वकील सहित अन्य दो लोगों की तलाश करनी शुरु कर दी गई थी. वहीं अब यह पता चला है कि, फिलहाल पुलिस की पकड में आने से बचे हुए कलंदर और प्यारु नामक दो लोग ही इस पूरे खेल में सबसे बडे प्यादे है, जो अन्य लोगों को छोटे-मोटे मोहरे के तौर पर इस्तमाल करते हुए मृतक लोगों के नाम पर रहने वाली जमीनों की जानकारी जुटाने के बाद उन जमीनों को परभारे बेच डालने का काम करते थे. इस जरिए यह गैंग अब तक ऐसी कई जमीनों का ‘लेवा-देवा’ फर्जी दस्तावेजों व फर्जी दस्तखतों के जरिए कर चुका है. जानकारी यह भी सामने आयी है कि, कलंदर और प्यारु के उपर एक अज्ञात व्यक्ति भी है. जो इस पूरे सिंडिकेट का मास्टर माइंड है. जिसके बारे में कलंदर और प्यारु के पकडे जाने के बाद ही जानकारी सामने आ सकेगी.
बता दें कि, मुंबई निवासी मोहम्मद इकबाल खान भुरे खान की वर्ष 2019 में ही मौत हो गई थी. जिनकी अमरावती के निकट मौजे मासोद में करीब 10.75 हेआर कृषि भूमि थी. जिसके सौंदे को लेकर मोहम्मद इकबाल खान भुरे खान की ओर से एड. वी. पी. देशमुख के जरिए विगत फरवरी माह में एक स्थानीय अखबार के जरिए नोटीस जारी की गई थी. जिसके बारे में जानकारी मिलते ही अमरावती में रहने वाले मोहम्मद इकबाल खान भुरे खान के दामाद काजी सैय्यद हिसामोद्दीन तौसिफ ने इस बारे में अपने वकील एड. राजा अली के जरिए नोटीस जारी करते हुए एड. देशमुख से जवाब मांगा था. साथ ही अमरावती तहसील कार्यालय के दुय्यम निबंधक को भी इस बारे में पूर्व सूचना दे दी थी. जिसके चलते जब कुछ लोग मोहम्मद इकबाल खान भुरे खान के खेत की खरीदी-विक्री का दस्तपंजीयन करने तहसील दुय्यम निबंधक कार्यालय में पहुंचे, तो वहां के अधिकारियों ने इसकी सूचना काजी सैय्यद हिसामोद्दीन तौसिफ को दे दी. जिसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचित किया और पुलिस ने तत्काल ही तहसील कार्यालय पहुंचकर 5 वर्ष पहले मृत हो चुके व्यक्ति को जीवित दर्शाते हुए उसके नाम पर जमीन का सौंदा करने हेतु उपस्थित 10 लोगों को तुरंत गिरफ्तार किया. इस समय 2 लोग मौके से भाग निकलने में कामयाब रहे. जिनके नाम कलंदर और प्यारु बताए गये है. वहीं इस मामले में इन 12 लोगों के साथ-साथ पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जमीन विक्री की जाहीर नोटीस जारी करने वाले वकील एड. वी. पी. देशमुख के खिलाफ भी अपराधिक मामला दर्ज किया है. इसके बाद हिरासत में लिये गये 10 लोगों के जरिए पुलिस को पता चला कि, यह गैंग अलग-अलग जगह पर मृत लोगों की मिल्कियत रहने वाली संपत्तियों की जानकारी को इकठ्ठा करता है और फिर उन संपत्तियों के फर्जी दस्तावेज तैयार करते हुए गैंग का ही किसी एक सदस्य को उस मृत व्यक्ति के नाम पर खडा करते हुए ऐसी जमीन का सौंदा किसी खरीददार से कर दिया जाता है. इस तरीके से यह गैंग अब तक कई दिवंगत हो चुके लोगों की जमीनों को परभारे ही बेच चुका है. अब इस मामले की जांच स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है.
बता दें कि, मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच का जिम्मा शहर पुलिस की अपराध शाखा को सौंपा गया है, जो इस मामले के मास्टर माइंड की सरगर्मी से तलाश कर रही है.

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