रिमोट के जरिए कपास में ‘कांटामार’
किसानों की कपास खरीदनेवाली टोली धरी गई निंभी में

* शिरखेड पुलिस ने 6 को किया गिरफ्तार, 4 फरार
अमरावती/दि.17– इस समय बाजार में कपास को दाम नहीं मिल रहे और सरकारी कपास खरीदी का भी अतापता नहीं है. जिसकी वजह से कपास उत्पादक किसानों के सामने कोई पर्याय नहीं है. किसानों की इसी स्थिति का फायदा उठाते हुए कपास खरीदनेवाली एक टोली मोर्शी तहसील के निंभी गांव में पहुंची और इस टोली ने विगत 8 दिनों के दौरान कई किसानों से उनका कपास खरीदा. इसी दौरान विगत शनिवार 15 मार्च को इस टोली ने एक किसान से उसकी कपास खरीदी, तो उस किसान की कपास हकिकत में 12 क्विंटल रहने के बावजूद उस टोली के वजनकांटे पर केवल 6.75 क्विंटल ही भरी. जिसके चलते संबंधित किसान को इस टोली के वजन कांटे पर संदेह हुआ तो उसने शिरखेड पुलिस को इसकी जानकारी दी. पश्चात शिरखेड पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर 6 लोगों को उनके वजन कांटे सहित अपनी हिरासत में लिया. वहीं 4 लोग मौके फरार हो गए. जिसके बाद मामले की पडताल करने पर पता चला कि, इस टोली ने इलेक्ट्रॉनिक वजन कांटे में चीप का प्रयोग कर वजन कांटे में रिमोट के जरिए वजन कम करने का गोरखधंधा चला रखा था.
इस मामले में शिरखेड पुलिस ने तनवीर अहमद मो. जमीर (40), राजीक खान नूर खान (40), जफर बेग जमीर बेग (30, नायगांव), मो. तजक्कीर मो. जमील, मनोहर श्रीराम भवाने (56, बार्शीटाकली, अकोला) व योगेश वाठोडकर (सालोरा खुर्द, अमरावती) को गिरफ्तार किया. इस मामले को लेकर निंभी निवासी किसान शुभम नंदकुमार सावले (40) द्वारा शिकायत दी गई है. मामले की जांच में पता चला कि, इस टोली का मुख्य सूत्रधार तनवीर अहमद है. वे अकोला से आकर जिले के विविध गांवों में जाने के साथ ही किसानों के घर जाकर उनसे उनकी कपास को खरीदता है. इस काम के लिए तनवीर अहमद ने योगेश वाठोडकर को अपना एजेंट नियुक्त कर रखा है. जो गांव-गांव में किसानों के पास जाकर तनवीर अहमद के लिए कपास बुक करने का काम करता है. वाठोडकर द्वारा व्यवहार तय करने के बाद तनवीर अहमद अपनी टोली के सदस्यों के साथ संबंधित गांव में जाकर किसानों की कपास को नापतौल करते हुए खरीदी करता है. कपास की नापतौल के लिए इस टोली द्वारा इलेक्ट्रॉनिक्स वजन कांटे का प्रयोग किया जाता है. जिसमें इस टोली द्वारा एक चीप लगाई गई है. जिसे रिमोट कंट्रोल से नियंत्रित करते हुए प्रत्येक 75 से 80 किलो वजन के पीछे 10 से 15 किलो या उससे भी अधिक कपास की दंडी मारने का गोरखधंधा इस टोली द्वारा शुरु किया गया था. परंतु शनिवार की दोपहर यह बात ध्यान में आते ही शुभम साबले व अन्य किसानों ने कपास की खरीदी करनेवाले तनवरी अहमद व उसके सहयोगियों तथा कपास से भरे वाहन को गांव में ही रुकवाया और तुरंत इसकी जानकारी शिरखेड पुलिस को दी. जानकारी मिलते ही शिरखेड के थानेदार सचिन लुले अपने दलबल सहित निंभी गांव पहुंचे और कपास खरीदी के नाम पर की जानेवाली बदमाशी के सामने आते ही पुलिस ने 6 लोगों को अपनी हिरासत में लिया. इस समय 4 लोग मौके का फायदा उठाकर फरार हो गए. जिसमें से एक आरोपी रिमोट कंट्रोल लेकर भागा है. ऐसे में पुलिस ने पकडे गए 6 आरोपियों के खिलाफ जालसाजी सहित अन्य धाराओं के तहत अपराध दर्ज करते हुए उन्हें कल रविवार 16 मार्च को अदालत के सामने पेश किया गया. जिन्हें अदालत ने 19 मार्च तक पुलिस कस्टडी रिमांड में रखने का आदेश जारी किया.
* 12 क्विंटल कपास भरी पौने 7 क्विंटल, सीधे 5 क्विंटल की जालसाजी
उल्लेखनीय है कि, सभी किसानों द्वारा अपने खेतो से कपास को घर लाए जाने के बाद उसका वजन करके रखा जाता है. जिसमें विक्री के समय प्रति क्विंटल के पीछे अंदाजन 5 से 7 किलो की घट अपेक्षित रहती है. परंतु साबले से इस खरीदार टोली ने 407 मालवाहक वाहन भरकर कपास खरीदा और उसका वजन केवल 6 क्विंटल 75 किलो रहने की चिठ्ठी साबले के हाथ में दी. लेकिन अपने कपास का वजन इतना कम हो ही नहीं सकता, ऐसी आपत्ति उठाते हुए साबले ने पुलिस को बुला लिया और जब पुलिस ने इस कपास से भरे वाहन को दूसरे वजन कांटे पर ले जाकर गिना तो यही कपास 12 क्विंटल रहने की बात सामने आई. जिसके चलते इस टोली द्वारा रिमोट के जरिए वजन कांटे में डंडी मारते हुए संबंधित किसान के साथ करीब सवा 5 क्विंटल कपास की जालसाजी किए जाने की बात उजागर हुई.
* ठगबाजों द्वारा दरवाजे पर दिया जाता है 7200 रुपए का भाव
इस समय निजी बाजार में कपास को प्रति क्विंटल 7100 से 7200 रुपए का भाव मिल रहा है. परंतु इस टोली द्वारा किसानों को उनके दरवाजे पर प्रति क्विंटल 7200 रुपए का भाव दिया जाता है और यह भी बताया जाता है कि, वे किसानों से घाटे में कपास की खरीदी कर रहे है. लेकिन इस टोली के माप में ही पाप है, यह बात अब सामने आ गई है.