पिपल्स वेलफेयर संस्था के खिलाफ कारस्कर परिवार का आमरण उपोषण
आदिवासी अपर आयुक्त से न्याय की गुहार
अमरावती/ दि.24– पिपल्स वेलफेयर सोसायटी व्दारा संचालित वसुंधरा आदिवासी आश्रमशाला बोरी के मुख्याध्यापक पद पर बी.एन. कारस्कर कार्यरत थे. संस्था अध्यक्ष व संस्था मुख्य कार्यवाहक अरुण शेंडे व अनिल देशमुख ने आपसी तालमेल के चलते शाला में भ्रष्टाचार किया इस बात की जानकारी मुख्याध्यापक बी.एन. कारस्कर को थी. जिसमें इन दोनो ने मुख्याध्यापक कारस्कर पर दबाव डालकर उनके साथ षडयंत्र किया, और मामला उजागर न हो इसके लिए दो बार इस्तीफा भी मांगा गया.
इस्तीफा देने के पश्चात कारस्कर ने विविध मार्गो से नौकरी प्राप्त करने की कोशीश की व आत्महत्या करने का भी प्रयास किया. 22.6.2017 को संस्था व्दारा उन्हें वापस कार्यालय में बुलाया गया और वे अपने घर से निकला तब से घर पर वापस नहीं आया. इस मामले की सविस्तार जांच कर कारस्कर परिवार को न्याय दिया जाए इसके लिए कारस्कर परिवार व्दारा 21 मार्च से अपर आयुक्त आदिवासी विकास कार्यालय के सामने उपोषण की शुरुआत की गई है. जिसमें कारस्कर परिवार ने न्याय देने की मांग की. आमरण अनशन में पुष्पा बाबूराव कारस्कर, सूरज बाबूराव कारस्कर, पवन बाबूराव कारस्कर, हरिभाऊ कारस्कर का समावेश है. ऐसी जानकारी कारस्कर परिवार ने प्रेस विज्ञप्ती व्दारा दी.