अमरावती

कर्मिक्षा निधि बैंक ने की हॉकर्स से धोखाधडी

गाडगे नगर पुलिस थाने में खातेदारों ने दर्ज की शिकायत

  • जमा रकम के दुगना कर्जा देने की बात कही थी ग्राहकों से

  • मेहनत के जमा किये पैसे डूबने का डर

अमरावती/दि.8 – आप का व्यवसाय बढाने के लिए हम आपको काफी मदत करेंगे. आप केवल 6 महिने रकम जमा करे. जितनी रकम जमा होगी उसके दुगनी रकम का कर्जा आपकों देंगे, ऐसा कहने वाले कर्मिक्षा निधि (बैंक) ने आखिर अपना बोरिया बिस्तर समेट लिया है. धोखाधडी हुए खातेदारों ने गाडगे नगर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज की है. अचानक आये हुए इस आर्थिक संकट से सभी खातेदारों का सपना धुमिल हो चुका है तथा व्यवसाय बढाने के उनके मनसूबे पर भी पानी फेरा गया है. इस बीच इस मामले में 9 शिकायतकर्ता के मिलकर तकरीबन 1 लाख से ज्यादा रकम है. उसमें कम से कम 800 रुपए तथा ज्यादा से ज्यादा 44 हजार रुपए रकम का समावेश है.
फिलहाल इस संदर्भ में 9 खातेदारों ने शिकायत दर्ज की हैं. प्रत्यक्ष में धोखाधडी हुए लोगों की संख्या काफी बडी है. यह सभी लोग हॉकर्स है. गरीब परिवार के रहने से उन्हें कर्मिक्षा निधि का पर्याय योग्य लगा था. जिससे उन्होंने अक्तूबर से दिसंबर 2020 के बीच इस बैंक में कर्ज खाते खोले थे. यह खाते दैनदिन निवेश पध्दति के थे. इस कारण हर रोज 100, 200, 500, 1000 रुपए जमा किये. बैंक के नियमों के अनुसार यह खाते 6 महिने के बाद मैच्युअर्ड हो जाएंगे. जिससे किये हुए करार के अनुसार हर किसी ने कर्ज देने की अपील की, लेकिन कर्ज तो छोडे जमा हुई रकम भी बैंक उन्हें नहीं दे पायी. जिससे अपने साथ धोखाधडी होनेे की बात ध्यान में आते ही खातेदारों समेत बैंक के कर्मचारियों ने गाडगे नगर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज की. पुलिस ने यह मामला फिलहाल जांच में रखा है.
इस संदर्भ में कर्मिक्षा निधि के संचालक सरदार के साथ संपर्क साधने का प्रयास किया, लेकिन उनका फोन स्वीच ऑफ बताया जा रहा है. औरंगाबाद के (भडकल गेट, म्हस्के वाडा, प्रा.प्रधान के पीछे) मुख्यालय रहने वाले कर्मिक्षा निधि का अमरावती स्थित कार्यालय राधानगर (वाटाणे के घर के पास) है. यहां के व्यवस्थापकों के अनुसार बैंक के वरिष्ठ संचालक संतोष बाबाराव सरदार ने यहां जमा रकम मुख्यालय में मांगी. जिससे स्थानीय शाखा में रकम नहीं है, ऐसा उनका कहना है. इस बीच सभी ओर कोरोना काल शुरु है. डेढ वर्षों से हॉकर्स के सामने संकट है. उसमें भी चार पैसे जमा करने की तैयारी उन्होंने की. किंतु बैंक ने रकम लेकर भाग जाने से सभी संकट में आये है.

बैंक के अन्य संचालक

खातेदारों ने हासिल की हुई जानकारी के अनुसार औरंगाबाद के भडकल गेट के वीआईपी रोड अपार्टमेंट में रहने वाले संतोष सरदार यह मुख्य संचालक है. जयभीम नगर, घाट रोड स्थित अनिल साहुबा दाभाडे, पहाडसिंगपुरा हनुमान टेकडी के पास गवर्नमेंट सायन्स इंस्टीट्युट केव्ह रोड, औरंगाबाद स्थित सचिन भिंगारे का भी नाम लिया है, लेकिन उनके पद पता नहीं चल पाये. वे इस बैंक के संचालक होने चाहिए, ऐसा खातेदारों का कहना है.

यह है जुल्मी शर्ते

बैंक व्दारा दी गई खाते पुस्तिका की शर्तों के अनुसार किसी भी खातेदार को बीच में ही खाता बंद नहीं करते आयेगा. 182 दिन पूर्ण होने के बाद ही उसमें के व्यवहार पूर्ण हो जाते है. जिससे घर में किसी की तबीयत बिगडी, लडके, लडकियों की पढाई शुरु है, घर में किसी का निधन हुआ, ऐसे कारण बताकर खाता बंद नहीं करते आयेगा, यह खातेदारों की ओर से ही प्रारंभिक कबुली कर ली गई थी. इस बीच कोई पैसे ही नहीं भर पाया तो भी उसकी जमा रकम 5 हजार रुपए काटकर 182 दिन के बाद ही वह लौटाई जाएगी, इस तरह की शर्त लगाई गई है.

एक सप्ताह पहले ही रकम लौटाने की बात कही थी

दुगना कर्ज की रकम नहीं बल्कि जमा की हुई रकम वापस करे, इस तरह की अपील बैंक से की थी. ब्याज न दे यह उन्हें कहा गया था. इस बाबत सरदार के साथ भी बात हई थी. तब रकम देने की व्यवस्था करता हूंं, ऐसा उन्होंने कहा था, लेकिन अब उनका फोन बंद आ रहा है.
– जगदीश श्रीवास, एक खातेदार

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