कस्बेगव्हाण ग्राप ने पारित किया विधवा कुप्रथा बंदी का प्रस्ताव
राज्य के हेरवाड गांव की तर्ज पर ग्राप में प्र्रस्ताव मंजूर
* रुढीवादी परंपरा पर लगाया प्रतिबंध
अंजनगाव सुर्जी/ दि.1– तहसील अंतर्गत आनेवाली कस्बेगव्हाण ग्राप की ग्राम सभा में सर्व सहमति से विधवा कुप्रथा बंदी का प्रस्ताव पारित किया गया. राज्य के हेरवाड गांव की तर्ज पर कस्बेगव्हण ग्राप ने इस प्रस्ताव को मंजूर कर आदर्श निर्माण किया हैं. कस्बेगव्हाण ग्राम पंचायत में सरपंच शशिकांत मंगले की अध्यक्षता में ग्रासभा का आयोजन किया गया था. सर्वप्रथम ग्रामविकास अधिकारी नरेश भारसाकले ने अपने प्रास्ताविक में पिछली ग्रामसभा का कार्यव्रत पढकर सुनाया.
ग्रामसभा में गांव में विधवा प्रथा बंद हो, इस संदर्भ में लीलाबाई गजानन डिके ने ग्रामसभा के समक्ष प्रस्ताव रखा. उक्त प्रस्ताव को सरपंच शशिकांत मंगले ने अनुमती देते हुए विधवाओं को समाज में समान हक मिले यह निर्णय लेते हुए प्रस्ताव को एकमत से मंजूर किया और गांव के सामने आदर्श स्थापित किया. कोल्हापुर जिले के हेरवाड गांव की तर्ज पर कस्बेगव्हाण में भी विधवा प्रथा बंद कर दी गई.
इस प्रथा के अनुसार पति के निधन के पश्चात पत्नी को कुमकुम मिटाना होता है और मंगलसूत्र निकालकर उसकी चूडियां तोडनी पडती है और उसे किसी भी धार्मिक व सामाजिक कार्यक्रमों से दूर रखा जाता हैं. इस कुप्रथा पर प्रतिबंध लगाने लीला डिके व्दारा ग्रामसभा में रखे गए प्रस्ताव को सर्वसहमती से मंजूर कर लिया गया. इस एतिहासिक निर्णय का सर्वत्र अभिनंदन किया जा रहा हैं. ग्रामसभा में उपसरपंच अमूल घुरडे, ग्राप सदस्या राधिका हिवराले, शागीरा बी अता मोहम्मद, शारदा दामले, प्रशांत दामले, रेखा हंबर्डे, वृषाली चित्रकार, सुधाकर शिंगणे, मो. वासिक शेख महमूद, पद्मा मोरे, विजया ठाकरे, वैभव जटाले सहित ग्रामवासी बडी संख्या में उपस्थित थे.