* गृहणियों का बजट और गडबडाया
अमरावती/ दि.20 – आगोट की तैयारी कर रही गृहणियों को पूरे साल का मसाला भरकर रखने की जल्दबाजी है. ग्रीष्मकाल आरंभ हो गया है. जिससे मसाला बाजार में भी अच्छी-खासी ग्राहकी है. विशेषकर लाल मिर्च में काफी तेजी देखी जा रही. इस बार उत्पादन कम होने से चपाटा से लेकर कश्मीरी, पांडी, संकेश्वरी सभी प्रकार की मिर्ची के दाम बढे हुए है. कश्मीर और संकेश्वरी के दाम तो 50-40 प्रतिशत बढ जाने का दावा स्थानीय किराणा व्यवसायी कर रहे हैं. अंबा गेट के पास के प्रसिध्द किराणा व्यवसायी ने बताया कि, कश्मीरी मिर्च की मांग करते ही वे पहले दाम बता देते हैं. गृहणी को यकीन नहीं होता, मगर फिर मात्रा कम-ज्यादा कर वह जिन्स लिखा देती है.
* क्यों बढे दाम
लाल मिर्ची के उत्पादन पर इस बार असर पडा है. अमरावती में जिले के कुछ स्थानों के अलावा आंध्र और कर्नाटक से भी लाल मिर्च आती है. सब्जियों का स्वाद और रंग बढाने के लिए मिर्ची का उपयोग हर कोई करता है. बाजार में मार्च माह में मसालों की आवक और मांग दोनों ही बढ जाती है. इस बार उत्पादन कम होने से आवक घटी है. नागपुर से लेकर मुंबई तक यहीं स्थिति है.
* 40 प्रतिशत बढे रेट
पिछले साल लवंगी मिर्ची 250 रुपए किलो थी. जो इस बार 400 रुपए क्रास कर गई है. ऐसे ही पांडी अर्थात चपाटा के रेट भी लगभग दो गुने हो गए है. कश्मीरी मिर्च का उपयोग सर्वाधिक अचार में होता है. उसके दाम 500 रुपए से बढकर 700 रुपए को पार कर गए है. अधिकांश गृहणियां कश्मीरी मिर्च का उपयोग रोज की सब्जी-चटनी में भी करती है. इसलिए डिमांड बनी हुई है. संकेश्वरी के रेट तो 1 हजार को पार कर गए है. कही-कही उसके रेट 1200 रुपए तक हो जाने की जानकारी प्रमुख किराणा कारोबारी ने दी. उन्होंने बताया कि, गरम मसाला में इस बार रेट स्थिर है. रेशम पटी मिर्च के रेट भी बढे हुए है. सभी प्रकार की मिर्च के दाम 30 से 40 प्रतिशत बढे है.