अमरावती

कौशिकी चक्रवर्ती ने किया मुग्ध

अंबादेवी संगीत सेवा समारोह

* उमड़े रसिक, श्रोताओं में बच्चे, बुजुर्ग सभी
अमरावती/दि.28– श्री अंबादेवी संस्थान द्वारा आयोजित दो दिवसीय संगीत सेवा समारोह की पहली महफिल कोलकाता से पधारी विदूषी कौशिकी चक्रवर्ती और उनके साथी कलाकारों ने इस कदर जमाई कि अंबानगरी के सैकड़ों रसिक श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए. करीब सवा दो घंटे के प्रस्तुतीकरण में कौशिकी ने ठुमरी, दादरा और अनेक राग से जानकारों और नवागतों दोनों को ही बड़ा प्रभावित किया. अनेक ने महफिल पश्चात कौशिकी को शानदार प्रस्तुति केे लिये बधाई दी. कजरी चैती सभी गायन प्रकार आपने बड़े अधिकारपूर्वक पेश किये. समस्त सभागार इस कदर मुग्ध हुआ कि स्टेंडिंग अवेशन दिया गया. पटियाला घराना की कौशिकी को तबला पर मूल रुप से अकोट निवास और फिलहाल हैदराबाद में रह रहे ओजस अढिया, सारंगी पर मुराद अली और संवादिनी पर मिलिंद कुलकर्णी ने संगत की. कौशिकी के गायन और अढिया के तबला की थाप की जुगलबंदी सभी को प्रभावित कर गई. अनेक ने शनिवार शाम की महफिल को चिरस्मरणीय निरुपित किया. कौशिकी की बड़ी कलाकार होने के बाद भी सादगी और मिलनसारिता ने भी उपस्थितों का दिल जीत लिया. शास्त्रीय संगीत में रुचि रखने वाले विद्यार्थियों में कोशिकी के साथ सेल्फी खींचने और ऑटोग्राफ हेतु होड़ मची थी. अंबादेवी कीर्तन सभागार खचांखच भरा था. बाहर भी सैकड़ों शास्त्रीय संगीत प्रेमी उमड़े थे.
* बिहाग से प्रारंभ
कौशिकी ने पहले बिहाग राग में प्रस्तुति दी. फिर गुजरी तोड़ी राग सितार पर प्रस्तुत किया गया. ठुमरी की शानदार प्रस्तुति से पूरे सभागार की तालियों की गड़गड़ाहट थम नहीं रही थी.
* विभागीय आयुक्त के हस्ते समारोह का श्रीगणेश
श्री अंबादेवी संगीत सेवा समारोह का विधिवत् श्रीगणेश कला प्रेमी और स्वयं सिद्धहस्त लेखक तथा कवि विभागीय आयुक्त दिलीप पांढरपट्टे के हस्ते दीप प्रज्वलन के साथ किया गया. संस्थान अध्यक्षा श्रीमती विद्याताई देशपांडे, उपाध्यक्ष डॉ. आनंद पलसोदकर, सचिव रविन्द्र करवे, एड. दीपक श्रीमाली, कोषाध्यक्ष मीनाताई पाठक, आयोजन में महती भूमिका रखने वाले शास्त्रीय संगीत के बड़े जानकार पं.किशोर नवसालकर की उपस्थिति रही. ऐसे ही आयोजन के लिये संस्थान के सर्वश्री किशोर बेंद्रे, अशोक खंडेलवाल, विलास मराठे, विजयाताई गुढे, एड. अतुल आलशी, एड. राजेन्द्र पांडे, डॉ. जयंत पांढरीकर आदि प्रयासरत रहे. कमलताई भोंडे, नारायण दरेकर, सुनील वर्धापुरकर, प्रदीप गवली, संस्थान के प्रबंधक सूर्यकांत कोल्हे, डॉ. यशवंत मशानकर, आयकर अपर आयुक्त अजय कुलकर्णी, श्री चिमोटे, दीपा संगीत कला मंदिर के प्राचार्य पंडित सुनील शर्मा, पं. योगेश बोडे, महेश खिरैया, डॉ. किशोर फुले, पवननयन जयस्वाल, लक्ष्मीकांत खंडेलवाल सहित अनेक गणमान्य और शास्त्रीय संगीत के विद्यार्थी और उनके गुरुजन चाव से महफिल का आनंद लेते रहे.

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