शिक्षक तबादले में फर्जी प्रमाणपत्रों पर नजर
अमरावती/दि.28– जिला परिषद में एक बार फिर तबादलों को लेकर गहमा गहमी शुरु हो गई है. साथ ही प्रशासकीय स्तर पर इससे संबंधित तैयारियां शुरु कर दी गई है. जिसके चलते आागमी कुछ दिनों में शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन आवेदन दाखिल करने की शुरुआत होगी. वहीं इस बीच अपने तबादले को टालने हेतु कई शिक्षकों ने विगत एक वर्ष के दौरान बीमारी से संबंधित झूठे प्रमाणपत्र प्रस्तुत किये थे. ऐसे में बीमारी की वजह को आगे करते हुए तबादला टालने का प्रयास करने वाले लोगों पर प्रशासनीक महकमें द्वारा नजर रखी जाएगी.
बता दें कि, जिले के करीब 6 हजार शिक्षक है. इसमें से 400 शिक्षक तबादले हेतु पात्र है. जिनमें मेलघाट की धारणी व चिखलदरा इन दो तहसीलों के दुर्गम क्षेत्रों में काम करने वाले शिक्षकों की संख्या अधिक है. जिसके चलते इस तबादला सत्र के जरिए ऐसे शिक्षकों को सर्वसाधारण क्षेत्र में नियुक्ति मिलने का रास्ता खुल गया है. लेकिन हर वर्ष ही अलग-अलग कारणों के चलते तबादले की प्रक्रिया न्याय प्रविष्ठ हो जाती है और आगे चलकर पूरे तबादले दिक्कत में भी आते है, ऐसा अब तक का अनुभव रहा है. गत वर्ष भी तबादला टालने हेतु कई लोगों ने वैद्यकीय कारणों के फर्जी प्रमाणपत्र हासिल करते हुए गडबडी की थी. परंतु प्रशासन ने सभी दस्तावेजों की जांच-पडताल करने का निर्णय लिया. जिससे तमाम गडबडीयां नाकाम साबित हुई और लगभग एक दर्जन शिक्षकों के खिलाफ प्रशासन ने कार्रवाई का कदम भी उठाया था. इसी बात को ध्यान में रखते हुए प्रशासन द्वारा इस वर्ष पहले से ही इस मामले को लेकर कडी नजर रखी जाएगी. इसके तहत समिति में शामिल डेप्यूटी सीईओ व ईओ द्वारा प्रत्येक चरण पर बेहद बारिक ध्यान दिया जाएगा, ताकि जब तबादले की प्रक्रिया शुरु होगी, तो उस वक्त गत वर्ष की तरह कोई गडबडी न हो और पूरी प्रक्रिया परदर्शक तरीके से पूर्ण हो.
बता दें कि, किसी एक ही शाला में लगातार 5 वर्ष अथवा किसी एक परिसर की अलग-अलग शालाओं में लगातार 10 वर्ष से कार्यरत रहने वाले शिक्षकों को तबादला पात्र शिक्षक माना जाता है.
* तबादला प्रक्रिया को लेकर सांशकता
फिलहाल राज्य में विधान परिषद के चुनाव होने वाले है. जिसके दो-तीन माह बाद विधानसभा के चुनाव होंगे. ऐसे में चुनाव को लेकर प्रशासकीय कामकाज भी शुरु हो गया है. जिसमें शिक्षकों को सहभागी किया गया है. चुनाव रहने के चलते किसी भी वक्त आचार संहिता लागू होगी. वहीं इसी दौरान 1 जुलाई से शालाएं भी शुरु होने जा रही है. इसके चलते तबादला सत्र शुरु होगा भी अथवा नहीं. इसे लेकर कई लोगों द्वारा संदेह जताया जा रहा है.