शरीर में शुगर के घटते-बढते प्रमाण पर रखें नजर
अमरावती/दि.14– बदलती जीवनशैली, समय बेसमय भोजन तथा व्यायाम का अभाव आदि वजहों के चलते इन दिनों बुजुर्गों से लेकर युवाओं में भी डायबिटीज का प्रमाण बढ रहा है. रक्त में शर्करा का प्रमाण नियंत्रण में रहना जरुरी होता है. जिसके अनियंत्रित होने पर डायबिटीज होने का खतरा रहता है. चक्कर आने, बार-बार पेशाब लगने तथा थोडी-थोडी देर में भूख व प्यास लगने जैसे लक्षण समझ में आते ही समय रहते सावधान होकर तुरंत विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
* शुगर लेवल असामान्य होने पर
– बार-बार पेशाब लगना
यदि बार-बार पेशाब लगती है, तो इसे शुगर का लक्षण माना जा सकता है. अत: बार-बार पेशाब लगने की ओर अनदेखी नहीं करनी चाहिए.
– ज्यादा भूख व प्यास लगना
सुबह नाश्ता व भोजन करने के बाद भी लगातार भूख लगना और बार-बार प्यास लगना भी डायबिटीज का ही लक्षण है. जिसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए.
– जख्म जल्दी नहीं भरना
शरीर पर रहने वाली कोई जख्म इलाज करने के बाद भी यदि ठीक नहीं होती है, तो इसे भी डायबिटीज का लक्षण माना जा सकता है. अत: इस ओर ध्यान दिया जाना चाहिए.
– थकान महसूस होना
थोडा पैदल चलने पर भी अगर दम फुलता है, बेवजह थकान महसूस होती है, वजन कम होता है, दिखाई देने में तकलीफ होती है और जबडे पर बार-बार सुजन आती है, तो इसे डायबिटीज का लक्षण माना जा सकता है.
* ब्लड शुगर का प्रमाण योग्य रखने हेतु
– आहार
डायबिटीज से पीडित व्यक्ति ने सुदृढ आहार लेना चाहिए. जिसमें हरी सागसब्जियों का प्रयोग किया जाना चाहिए. साथ ही आलू-रतालू व बीड का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
– व्यायाम
सुदृढ स्वास्थ्य हेतु नियमित व्यायाम करना बेहद जरुरी है. भोजन के बाद शतपावली जरुर करना चाहिए और एक ही स्थान पर काफी देर तक नहीं बैठे रहना चाहिए.
* जीवनशैली में सुधार जरुरी
इन दिनों लगातार बढते तणाव, व्यायाम के अभाव, बदलती जीवनशैली और फास्टफुड का प्रयोग जैसी वजहों के चलते मधुमेह की बीमारी के जरिए बढ रहे है. ध्यान रखा जाना चाहिए कि, डायबिटीज का कोई स्थायी इलाज नहीं है. परंतु समय रहते विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह लेकर सतर्कता बरतने पर डायबिटीज का खतरा टल सकता है. इसके अलावा मधुमेह को टालने हेतु नियमित व्यायाम, समय पर भोजन और मीठा कम खाने जैसी आदर्श जीवन पद्धति का अवलंब किया जाना चाहिए.