उष्माघात से बचाव के लिए पशुधन को छांव में बांधे

कडी धूप से पशुओं के बचाव करने का जि.प. पशुसंवर्धन विभाग का आवाहन

अमरावती /दि. 25– मनुष्य को जिस तरह धूप से परेशानी होती है और उष्माघात की घटनाएं सामने आती है, उसी तरह मूक मवेशियों को ही उष्माघात की परेशानी होती है. जिले में करीबन 4 लाख से अधिक पशुधन है. उन्हें समय-समय पर पानी की व्यवस्था कर छांव में बांधने का आवाहन जिला परिषद के पशुसंवर्धन अधिकारी डॉ. पुरुषोत्तम सोलंके ने किया है.
विशेष यानि दुधारु मवेशियों को उसका खतरा है. इस कारण बने वहां तक धूप से पशु का बचाव करने का आवाहन भी पशुसंवर्धन विभाग ने किया है. साथ ही अप्रैल के दूसरे सप्ताह से तापमान 40 डिग्री से अधिक हो गया है. मई माह में तापमान और बढ सकता है. वर्तमान में बदरीला मौसम रहने से धूप का असर कम हुआ है. लेकिन वातावरण की उष्णता कायम है. इस कारण ठंडी जगह सहित पानी का इस्तेमाल किया जाए. पिछले कुछ दिनों से वातावरण में समय-समय पर बदलाव हो रहा है. इस कारण पशुओं के शरीर का तापमान संतुलित रखने के लिए पशुपालको ने सावधानी बरतनी चाहिए. पशुओं को दोपहर के समय खुला छोडना अथवा उन्हें बांधे हुए स्थल पर धूप की परेशानी न होने के लिए सावधानी रखकर उपाय करने चाहिए. पशुओं को छांव में और खुले परिसर में बांधे. उष्माघात की परेशानी महसूस होने पर तत्काल डॉक्टरों से संपर्क करने का आवाहन डॉ. सोलंके ने किया है.

* धूप में पशुओं से काम न लें
सुबह 10 से शाम 5 बजे तक किसी भी पशुओं से काम न करवाएं. उन्हें चराई के लिए भी बाहर न छोडे. उन्हें छांव में बांधकर पूरे दिन में दो से तीन दफा उनके शरीर पर पानी डाले. साथ ही उन्हें पिने के लिए 24 घंटे अधिक प्रमाण में पानी उपलब्ध करवाएं, ताकि वे अपने शरीर का तापमान संतुलित कर सके.
– डॉ. पुरुषोत्तम सोलंके, जि.प. पशुसंवर्धन अधिकारी.

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