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त्यौहार में उत्साह के साथ सतर्कता भी रखे

पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे पाटील का आवाहन

* शहर सहित जिलावासियों को दी गणेशोत्सव की शुभकामनाएं
अमरावती/दि.2- राखी एवं पोले जैसे पर्वों के साथ त्यौहारों का सीझन शुरू हो गया है, जो अगले 40-45 दिनों तक यानी दीपावली के पर्व तक चलता रहेगा. चूंकि विगत दो वर्षों के दौरान कोविड की संक्रामक महामारी के चलते किसी भी तरह का कोई पर्व नहीं मनाया जा सका था. साथ ही पिछली सरकार द्वारा त्यौहारों को लेकर कई तरह के कठोर प्रतिबंध भी लगाये गये थे. ऐसे में अब कोविड की महामारी का खतरा घट जाने और राज्य की नई सरकार द्वारा त्यौहार मनाने हेतु कई तरह की छूट दिये जाने के चलते इस वर्ष बडे उत्साह के साथ सभी पर्व एवं त्यौहार मनाये जा रहे है. जिसके तहत विगत दिनों दहीहांडी का पर्व बडी धूमधाम के साथ मनाया गया. वहीं अब गणेशोत्सव के पर्व की धूम चल रही है. लेकिन सभी ने पर्व के उमंग व उल्लास के साथ ही अपने स्वास्थ्य को लेकर सतर्क व सजग भी रहना चाहिए, क्योंकि कोविड की संक्रामक महामारी का खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है. साथ ही स्वाईन फ्ल्यू जैसी संक्रामक बीमारी का खतरा भी तेजी से गहराता जा रहा है. इस आशय के शब्दों में आगाह करते हुए पूर्व जिला पालकमंत्री व विधान परिषद सदस्य प्रवीण पोटे पाटील ने अमरावती शहर सहित जिलावासियों को गणेशोत्सव पर्व की शुभकामनाएं दी.
पूर्व जिला पालकमंत्री प्रवीण पोटे पाटील ने कहा कि, विगत दो वर्षों के दौरान कोविड की संक्रामक महामारी एवं लॉकडाउन काल के अनुभव बेहद भयावह रहे. जिन्हें कोई याद भी नहीं करना चाहेगा, लेकिन उन अनुभवों को समय के तौर पर याद जरूर रखा जाना चाहिए, ताकि भविष्य में कभी दुबारा ऐसी नौबत न आने पाये. इस बात को ध्यान में रखते हुए सार्वजनिक स्थानों पर भीडभाड को अब भी काफी हद तक नियंत्रित रखा जाना चाहिए. साथ ही भीडभाडवाले स्थानों पर जाते समय अब भी मास्क, सोशल डिस्टंसिंग व सैनिटाईजर जैसी त्रिसूत्री के नियमों का पालन किया जाना चाहिए, ताकि कोविड सहित किसी भी अन्य तरह की संक्रामक महामारी भीडभाड की वजह से न फैलने पाये.
पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे पाटील ने यह भी कहा कि, पोले के पर्व से महाराष्ट्र में एक तरह से सार्वजनिक स्तर पर मनाये जानेवाले पर्व एवं त्यौहारों की धूम रहती है. जिसके तहत पोला, गणेशोत्सव, दुर्गोत्सव व दशहरा सहित कोजागिरी जैसे पर्व बडी धूमधाम के साथ मनाये जाते है. वही इसके बाद दशहरे और दीवाली जैसे पर्व के चलते बाजारों में अच्छी-खासी ग्राहकी का दौर भी चलता है. जिससे हर ओर काफी भीडभाडवाली स्थिति रहती है. लेकिन विगत दो वर्षों के दौरान कोविड की संक्रामक महामारी की वजह से हर ओर सन्नाटा पसरा हुआ था और हर व्यक्ति की जान पर एक तरह से खतरा मंडरा रहा था. वहीं रही-सही कसर तत्कालीन महाविकास आघाडी सरकार के तुगलकी फैसलों ने पूरी कर दी थी. जब सभी तरह के पर्वों और त्यौहारों पर कई प्रतिबंध लाद दिये गये. परंतु अब जहां एक ओर कोविड की महामारी का संकट टल गया है, वही राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार भी पर्व एवं त्यौहारों के लिए छूट देने को लेकर बेहद अनुकूल है. यही वजह है कि दहीहांडी व गणेशोत्सव जैसे पर्वों पर पहले की अपेक्षा दोगुना अधिक उत्साह दिखाई दिया. लेकिन उत्साह के साथ त्यौहार मनाने की अनुमति और छूट देते समय राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रदेशवासियों से स्वास्थ सुरक्षा को लेकर सजग व सतर्क रहने का निवेदन भी किया है. जिसकी अनदेखी नहीं की जा सकती. ऐसे में सभी लोगों ने त्यौहारों के उमंग व उल्हास के बीच व्यक्तिगत एवं सामाजिक स्वास्थ्य की सुरक्षा की ओर भी पूरा ध्यान देना चाहिए, ताकि दोबारा फिर कभी विगत दो वर्षों की तरह हालात पैदा न हो और सबकुछ कोविड काल से पहले की तरह राजी-खुशी ढंग से चलता रहे.

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