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मेलघाट में एक लाख वोटों से जीते केवलराम काले

पांच महीने पहले भाजपा में आए थे, जिले में सबसे बडी जीत

* 13 उम्मीदवारों की कर दी जमानत जब्त
* राणा फैक्टर का असर बताया जा रहा
* तीन बार के विधायक राजकुमार पटेल पस्त
धारणी /दि. 23 (दोपहर 4.30 बजे)- विधानसभा चुनाव में सबसे ऐतिहासिक विजय के साथ मेलघाट सीट से भाजपा-महायुति के उम्मीदवार केवलराम काले ने नया अध्याय रचा है. उनकी जीत कदाचित सबसे बडी लीड से होने के साथ 1 लाख 6 हजार के लगभग वोटों से दूसरी बार केवलराम काले दनदनाते हुए विधानसभा सदन में कदम रखने जा रहे हैं. काले की जबरदस्त विजय का आलम यह रहा कि, उनके दोनों प्रमुख प्रतिद्वंदी कांग्रेस के डॉ. चिमोटे और प्रहार के राजकुमार पटेल की जमानत जब्त हो जाने के संकेत समाचार लिखे जाने तक मिले काऊंटिंग के आंकडों से लग रहा था. काले की विजय में नवनीत राणा फैक्टर का जहां असर बताया गया वहीं वर्तमान विधायक राजकुमार पटेल का ऐन समय पर इधर-उधर जाना भी उनके वोटर्स को कदाचित पसंद नहीं आया.
समाचार लिखे जाने तक 23 वां राऊंड हुआ. जिसमें महायुति के उम्मीदवार केवलराम काले 131762 वोट प्राप्त कर अपने प्रतिद्वंदियों से लगभग एक लाख की लीड के साथ बढत लिए हुए थे. वहीं दूसरे नंबर के उम्मीदवार कांग्रेस के डॉ. हेमंत चिमोटे 33372 वोट प्राप्त कर सके थे. राजकुमार पटेल महज 22279 वोट लेकर अपनी अमानत राशि बचाने की जद्दोजहद में नजर आए. उल्लेखनीय है कि, पिछली बार पटेल विदर्भ में सर्वाधिक 44 हजार की लीड लेकर जीते थे.
* शुरु से ही ली बढत
केवलराम काले ने आज सबेरे यहां नई प्रशासकीय इमारत में शुरु हुई चुनाव की मतगणना में आरंभ से ही बढत बना रखी थी. जो अंत तक कायम रही. इस प्रकार शुरु से अंत तक बढत लेकर मेलघाट की सतपुडा की वादियों में कमल खिलाने की उनकी कोशिश सफल रही. तीनों तहसीलों धारणी, अचलपुर और चिखलदरा में अपने प्रतिस्पर्धियों को उन्होंने पटखनी दी.
* लोकसभा में आए भाजपा में
केवलराम काले गत लोकसभा चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस छोडकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए. उस समय अमरावती आए गृह मंत्री अमित शाह ने काले का पार्टी में स्वागत किया था. उन्हें पार्टी में शामिल करने में नवनीत राणा की भूमिका रही. राणा ने केवलराम को टिकट दिलाने में भी अपना रुतबे का उपयोग किया. भाजपा ने चुनाव के समय शिंदे शिवसेना में एंट्री लेनेवाले प्रहार के राजकुमार पटेल द्वारा मेलघाट पर दावा कबूल नहीं किया. महायुति में यह सीट भाजपा के खाते में गई. केवलराम ने कमल खिला दिया.
* पार्टियां बदलना और पुत्र से भी नाराजगी!
मेलघाट में राजकुमार पटेल निर्विवाद बाघ कहे जाते थे. उनकी इस पहाडी क्षेत्र में अच्छी पकड भी थी. किंतु मेलघाट में लोगों ने राजकुमार पटेल द्वारा पार्टियां बदलने के निर्णय को कदाचित पसंद नहीं किया. पटेल प्रहार छोडकर शिंदे शिवसेना में गए. फिर ऐन समय पर दोबारा प्रहार में आए. पटेल की हार में उनके पुत्र रोहित पटेल से मेलघाट क्षेत्र में नाराजी को भी एक फैक्टर बताया जा रहा है. रोहित पटेल धारणी एपीएमसी के सभापति रहने के साथ अपने पिता का कामकाज संभाले हुए थे.
* नवनीत राणा ने किया कमाल
लोकसभा में नवनीत राणा भले ही असफल रही किंतु मेलघाट विधानसभा से उन्होंने भारीभरकम लीड ली थी. जिससे चुनाव पश्चात उन्होंने मेलघाट में संपर्क बनाए रखा. यहां प्रत्येक दौरे में नवनीत राणा ने राजकुमार पटेल को हराने का आवाहन किया था. जिसका असर होता दिखाई पड रहा है. चुनाव परिणाम से स्पष्ट है कि, केवलराम काले एकतरफा जीत हासिल कर रहे हैं. जिसमें हिंदुत्व कार्ड, लाडली बहना योजना, राजकुमार पटेल के प्रति नाराजगी आदि बातें भी काले की विजय में महत्वपूर्ण कह सकते हैं.
* महाराष्ट्र के पहले आदिवासी
केवलराम काले कदाचित पूरे राज्य के पहले आदिवासी उम्मीदवार है जो एक लाख के लगभग वोटों की जीत प्राप्त कर रहे हैं. यह देखना दिलचस्प होगा कि, कांग्रेस से भाजपा में आए काले को आदिवासी कोटे से मंत्री पद मिलता है या नहीं. हालांकि यह कहना थोडी जल्दबाजी भी हो सकती है. क्योंकि जिले में भाजपा ने पांच स्थानों पर विजय प्राप्त की है. तथापि काले ने आज अनूठा कीर्तिमान रच दिया. जब अपने सभी 14 प्रतिस्पर्धियों की जमानत जब्त कर वे विजयी हुए हैं.
* डॉ. चिमोटे नए नवेले
कांग्रेस ने यशोमति ठाकुर के आग्रह पर डॉ. हेमंत चिमोटे को मेलघाट से उम्मीदवार घोषित किया. यहां पार्टी के पास कई दावेदार थे. डॉ. चिमोटे नए नवेले उम्मीदवार रहे. उनकी राजनीतिक समझ कम थी. उसी प्रकार वे डमी साबित होने की चर्चा परिणाम के रुझान आने के बाद शुरु हो गए थे.

* फाइनल वोटिंग
केवलराम काले – 145978
डॉ. हेमंत चिमोटे – 39119
राजकुमार पटेल – 25281

* विदर्भ में सबसे बडी विजय!
मेलघाट से केवलराम काले की झोली में कमल ही कमल वोटर्स ने ऐसे डाले की उनकी विजय का कीर्तिमान बन गया. वे जीत के अंतर के लिहाज से विदर्भ के सबसे बडे प्रत्याशी बने हैं. पिछली बार भी मेलघाट का उम्मीदवार ही सर्वाधिक लीड लेकर विधानसभा पहुंचा था.

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