प्रतिनिधि/दि.१६ अमरावती -शहर के मध्यस्थल राजकमल चौक स्थित खापर्डे वाडा की जीर्ण-शीर्ण और जर्जर हो चुकी इमारत को ‘जैसे थे‘ रखने का आदेश सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया है. साथ ही इस संदर्भ में बुधवार को अमरावती मनपा सहित खंडेलवाल परिवार को नोटीस जारी की गई है. बता दें कि स्थानीय राजकमल चौक पर विनोद खंडेलवाल की मिल्कीयतवाला बेहद पुराना हो चुका खापर्डे वाडा है. यह इमारत इससे पहले खापर्डे परिवार की मिल्कीयत थी. जिसे बाद में खंडेलवाल परिवार ने खरीद लिया. पूरी तरह से जीर्ण-शीर्ण और जर्जर हो चुकी इस इमारत में विगत कई वर्षों से ९ किरायेदार है. जिन्हें खंडेलवाल परिवार द्वारा इमारत खाली करने के लिए कहा था. ज्ञात रहे कि, खापर्डे वाडा परिसर के दो हिस्से है. जिसमें से एक हिस्सेवाली इमारत पूरी तरह से खाली हो चुकी है. वहीं दूसरे हिस्से की इमारत को खाली करने के संदर्भ में जारी विवाद अदालत के समक्ष विचाराधीन है. सात किरायेदार रहनेवाली इस इमारत को गिराने हेतु मनपा प्रशासन ने १० मई २०१९ को विनोद खंडेलवाल सहित खंडेलवाल परिवार के सभी सदस्यों को नोटीस जारी की थी. इसके साथ ही मनपा ने इस इमारत का स्ट्र्नचरल ऑडिट भी करवाया था. पश्चात मुख्य सडक से लगे इमारत के हिस्से में किरायेदार रहनेवाले ९ किरायेदारों ने मनपा द्वारा जारी नोटीस के खिलाफ उच्च न्यायालय में पीटिशन दाखिल की थी. जिसे उच्च न्यायालय ने ७ अगस्त २०१९ को खारिज कर दिया था. जिसके चलते यहां पर किरायेदार रहनेवाले साई ऑप्टीकल्स के संचालक विकास पाध्ये सहित अन्य ९ किरायेदारों ने एड. राजू वाकोडे व एड. पंकज ताम्हणे के माध्यम से अदालत में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी और मनपा द्वारा पेश की गई ऑडिट रिपोर्ट में कई खामियां रहने की बात कही थी. किन्तु इसके बावजूद ३० जून २०२० को उच्च न्यायालय ने पुनर्विचार याचिका भी खारिज कर दी. इसके चलते पाध्ये ने ८ जुलाई २०२० को सुप्रीम कोर्ट में गूहार लगायी. जहां पर न्या. डॉ. बी.वाय. चंद्रचूड व न्या. के. एम. जोसे की खंडपीठ ने इस पूरे मामले को सूना. साथ ही मनपा द्वारा दाखिल किये गये ऑडिट रिपोर्ट का भी अध्ययन किया. पूरे मामले की जानकारी लेने के बाद दोनों न्यायमूर्तियों ने खापर्डे वाडा को फिलहाल ‘जैसे थे‘ की स्थिति में यथावत रखने का आदेश जारी किया है. साथ ही मनपा व खंडेलवाल परिवार को उनका पक्ष रखने हेतु नोटीस जारी किया. इस मामले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में याचिकाकर्ताओं की ओर से एड. अनघा देसाई व एड. सत्यजीत देसाई ने पैरवी की तथा इस काम में एड. राजू वाकोडे व एड. पंकज ताम्हणे ने आवश्यक सहयोग किया. सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये इस आदेश के चलते अब राजकमल चौक का खापर्डे वाडा गिराया नहीं जायेगा और यथावत बना रहेगा. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के चलते खापर्डे वाडा परिसर में किरायेदार रहनेवाले दूकानदारों में हर्ष व आनंद व्याप्त है. इसके साथ ही अब सभी की निगाहे इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में होनेवाली अगली सुनवाई की ओर लगी हुई है, जब इस मामले में मनपा एवं खंडेलवाल परिवार की ओर से अपना पक्ष रखा जायेगा. ..