अमरावती

खरीफ सत्र : महाबीज ने घोषित किए बीजों के दाम

43 रुपए कम दर से कराए उपलब्ध

* नई किस्म की बीजों को मिलेंगा अनुदान
* किसानों को करना होगा पंजीयन
अमरावती/ दि. 27-जिले में इस खरीफ सत्र में 6.80 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि पर बुवाई होगी. इसमें 2.55 लाख हेक्टेयर पर सोयाबीन की बुवाई अपेक्षित की है. इसके नुसार घरेलू बीज व खुले बाजार के बीज का तालमेल रखते हुए बीजों की उपलब्धता महाबीज ने की है. आगामी खरीफ सत्र के लिए महाबीज ने बीजों के दर घोषित किए है. अपेक्षा के मुताबिक पिछले वर्ष के मुकाबले सोयाबीन बीज के दाम घटे है. इस बार किसानों को 43 रुपए कम दर से सोयाबीन बीज उपलब्ध कराए गए है. इसके अलावा नए किस्म के बीज को सरकार की ओर से अनुदान दिया जाएगा. इसके लिए किसानों को महाडीबीटी पोर्टल पर पंजीयन करना होगा.
वर्ष 2022-23 के खरीफ सत्र में उत्पादकता 640 किलो प्रति हेक्टेयर रही. तथा खुले बाजार में साढेपांच हजार से अधिक दाम नहीं मिल. वर्तमान में यहीं दाम पांच हजार से भी कम है. सोयाबीन बीजों के दाम 145 रुपए किलो था. 30 किलो की एक बैग किसानों को 4350 रुपए में मिली. नए सत्र के लिए महाबीज ने सोयाबीन के दाम घोषित किए है. पिछले वर्ष तुलना में यह दाम 43 रुपए से कम है. 10 साल के नीचे के पीडीकेवी अंबा, फुले किमया, एएमएस 1001 (पीकेव्ही-वायजी), फुले संगम, एमएयूएस-612, एमएसीएस-1218, एमएयूएस-162, एमएसीएस-1158 इन किस्म के दाम 10,200 रुपए किलो है. इस दर से 39 किलो की एक बैग 3060 रुपए से मिलेगी. पिछले साल इस बीज के दर 4350 रुपए तीस किलो के लिए थे. 10 से 15 साल इस समयावधि के एमएयूएस 158 इन बीजों के 30 किलो बैग के लिए 3060 व 10 वर्ष से अधिक डीएस 228 (फुले कल्याण), जेएस 93.05, एमएयूएस 71 व जेएस 335 (जवाहर) इसके लिए 2730 रुपए तीस किलो की बैग के लिए दर घोषित किए गए है.

बीज उपलब्ध कराए है
किसानों को संभव हो इस दाम में महाबीज ने बीज उपलब्ध कराए है. नई किस्म की बीजों पर सरकार की ओर से अनुदान दिया जाएगा. इसके लिए किसानों को महाडीबीटी पोर्टल पर पंजीयन करना आवश्यक है. इन किसानों को महाबीज कार्यालय से अथवा स्थानीय विक्रेताओं की तरफ से सहुलियत के बीज उपलब्ध कराए जाएंगे.
– संजय देशमुख, जिला प्रबंधक
महाबीज.

बीज प्रक्रिया करना महत्वपूर्ण
सोयाबीन सुधारित किस्म रहने से कोई भी संकरित किस्म इसमें उपलब्ध नहीं होती. इसलिए सीधे किस्म का बीज एकबार खरीदने पर दो साल तक बीज के रूप में उसका उपयोग कर सकते है. 60 प्रतिशत से अधिक किसान घरेलू सोयाबीन बीज का उपयोग करने से जिले में किसानों की 100 करोड की बचत हुई है. किंतु बीज की अंकुरण क्षमता जांचना और बीज प्रक्रिया करना महत्वपूर्ण है. इस बार प्रतिहेक्टेयर 100 किलो बीज के मुताबिक 2.90 लाख क्विंटल बीज की आवश्यकता है. इसमें कम से कम दो लाख क्विंटल बीज किसानों द्वारा घर के ही उपयोग में लाए जाएंगे. घरेलू बीज का उपयोग करने पर किसानों के साथ धोखाधडी टलने के साथ ही उत्पादन खर्च भी कम होगा.

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